महिलाओं की सुरक्षा पर बड़ा आरोप: देहरादून सबसे असुरक्षित शहरों में शामिल, रिपोर्ट की होगी जांच

Amit Bhatt, Dehradun: जिस देश में महिला आबादी का आंकड़ा कम से कम 72 करोड़ है, वहां 12 हजार 770 महिलाओं पर सर्वे कर देश के 31 शहरों में महिला सुरक्षा की स्थिति तय कर दी गई है। प्रति शहर सर्वे में शामिल महिलाओं का औसत आंकड़ा करीब 411 है। ऐसे में इन सर्वे के … The post 411 महिलाओं ने तय कर दिया दून सबसे असुरक्षित शहरों में शामिल, होगी रिपोर्ट तलब appeared first on Round The Watch.

Sep 2, 2025 - 09:39
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महिलाओं की सुरक्षा पर बड़ा आरोप: देहरादून सबसे असुरक्षित शहरों में शामिल, रिपोर्ट की होगी जांच

Amit Bhatt, Dehradun: जिस देश में महिला आबादी का आंकड़ा कम से कम 72 करोड़ है, वहां 12,770 महिलाओं पर सर्वे करके देश के 31 शहरों में महिला सुरक्षा की स्थिति तय की गई है। प्रति शहर सर्वे में शामिल महिलाओं का औसत आंकड़ा करीब 411 है। इस सर्वे के आधार पर उत्तराखंड की राजधानी देहरादून को महिला सुरक्षा के संदर्भ में सर्वाधिक असुरक्षित 10 शहरों की सूची में रखा गया है। मीडिया की रिपोर्टों के अनुसार, यह सर्वे राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा किया जाना दर्शाया गया है। हालांकि, उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल के साथ हुई बातचीत में राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ने इस प्रकार के किसी भी सर्वे से इन्कार कर दिया है। अब आयोग ने देहरादून में महिला सुरक्षा को लेकर प्रदेश की छवि धूमिल करने वाली रिपोर्ट को तलब किया है।

सर्वे और उसकी विश्वसनीयता

महिलाओं की सुरक्षा को लेकर हाल ही में जारी 'नारी 2025' रिपोर्ट पर उत्तराखंड राज्य महिला आयोग ने कड़ा रुख अपनाया है। आयोग की अध्यक्ष कुसुम कंडवाल ने कहा कि यह रिपोर्ट न केवल भ्रामक है, बल्कि आधारहीन भी है, और इसके द्वारा देहरादून की छवि को धूमिल किया जा रहा है। 28 अगस्त को दिल्ली में आयोजित नारी 2025 कार्यक्रम में पीवैल्यू एनालिटिक्स के सर्वे पर आधारित एक पुस्तक का विमोचन किया गया, जिसमें 31 शहरों के भीतर केवल 12,770 महिलाओं का सर्वे किया गया था।

कुसुम कंडवाल, अध्यक्ष (उत्तराखंड राज्य महिला आयोग)
कुसुम कंडवाल, अध्यक्ष (उत्तराखंड राज्य महिला आयोग)

सरकार की सुरक्षा जांच और महिलाओं की प्रतिक्रियाएँ

कुसुम कंडवाल ने आगे कहा, "सिर्फ 12,770 महिलाओं से कराए गए इस निजी सर्वे पर असुरक्षा का निष्कर्ष निकालना पूरी तरह भ्रामक है। देहरादून की महिलाएं अच्छी तरह जानती हैं कि यहां सरकार और प्रशासन पूरी तरह से सतर्क हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी महिलाओं की सुरक्षा के प्रति बेहद संवेदनशील हैं और किसी भी अप्रिय घटना पर तुरंत कड़ी कार्रवाई की जाती है।"

राष्ट्रीय महिला आयोग की प्रतिक्रिया

राष्ट्रीय महिला आयोग का भी समर्थन नहीं:

कुसुम कंडवाल ने बताया कि पुस्तक के विमोचन कार्यक्रम में राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजय रहाटकर भी शामिल थीं, लेकिन उन्होंने इस सर्वे का समर्थन नहीं किया। रहाटकर ने फोन पर स्पष्ट कहा कि इस रिपोर्ट का राष्ट्रीय महिला आयोग से कोई लेना-देना नहीं है और न ही यह उनकी ओर से जारी की गई है।

महिला आयोग की अगुवाई में आगे की कार्यवाही

महिला आयोग तलब करेगा रिपोर्ट:

महिला आयोग की अध्यक्ष ने कहा कि देहरादून की छवि को धूमिल करने की यह कोशिश दुर्भाग्यपूर्ण है। आयोग जल्द ही पीवैल्यू एनालिटिक्स से इस रिपोर्ट से संबंधित सभी आंकड़े तलब करेगा और कड़ी कार्रवाई पर विचार करेगा। कुसुम कंडवाल ने कहा, "देहरादून को महिलाओं के लिए असुरक्षित बताना वास्तविकता से परे है। इस तरह के भ्रामक आंकड़े जनभावनाओं को ठेस पहुंचाते हैं, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।"

कम शब्दों में कहें तो, देहरादून की महिला सुरक्षा को लेकर प्रस्तुत की गई रिपोर्ट पर अब गंभीर सवाल उठाए जा रहे हैं और उत्तराखंड राज्य महिला आयोग इस पर उचित कार्रवाई करने के लिए तत्पर है। अधिक जानकारी के लिए, यहां क्लिक करें.

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