महिला सुरक्षा पर विवाद: देहरादून सर्वे रिपोर्ट को आयोग ने बताया भ्रामक

Round The Watch, Desk: देहरादून को देश के 10 असुरक्षित शहरों में शामिल करने वाली NARI-2025 रिपोर्ट पर बड़ा विवाद खड़ा हो गया है। राज्य महिला आयोग और राष्ट्रीय महिला आयोग दोनों ने ही इस रिपोर्ट को भ्रामक, अधूरी और तथ्यों पर आधारित नहीं बताया है। आयोगों का कहना है कि यह सर्वे किसी सरकारी … The post महिला सुरक्षा की सर्वे रिपोर्ट पर देहरादून में बखेड़ा, अब पुलिस ने भी उठाए सवाल appeared first on Round The Watch.

Sep 2, 2025 - 18:39
 128  377.8k

महिला सुरक्षा पर विवाद: देहरादून सर्वे रिपोर्ट को आयोग ने बताया भ्रामक

Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - Haqiqat Kya Hai

कम शब्दों में कहें तो, देहरादून को 10 असुरक्षित शहरों में शामिल करने वाली NARI-2025 रिपोर्ट पर विवाद खड़ा हो गया है। राज्य और राष्ट्रीय महिला आयोग ने इसे भ्रामक और तथ्यहीन बताया है।

Round The Watch, Desk: देहरादून को देश के दस असुरक्षित शहरों में सूचीबद्ध करने वाली NARI-2025 रिपोर्ट ने जानकारों और अधिकारियों के बीच बड़ा विवाद उत्पन्न कर दिया है। इस रिपोर्ट को राज्य महिला आयोग और राष्ट्रीय महिला आयोग ने भ्रामक, अधूरी और तथ्यों पर आधारित नहीं माना है। दोनों आयोगों का कहना है कि यह सर्वे किसी सरकारी संस्था द्वारा नहीं, बल्कि एक निजी डेटा साइंस कंपनी, “पी वैल्यू एनालिटिक्स” द्वारा स्वतंत्र रूप से तैयार किया गया है।

कैसे तैयार हुई रिपोर्ट

रिपोर्ट के अनुसार, इस अध्ययन में देश के 31 शहरों से मात्र 12,770 महिलाओं का सर्वे किया गया। देहरादून में कुल 9 लाख महिलाओं के मुकाबले केवल 400 महिलाओं की राय ली गई। आयोगों का कहना है कि इतनी छोटी सैम्पल साइज के आधार पर पूरे शहर की सुरक्षा व्यवस्था पर प्रश्न उठाना तथ्यहीन है।

देहरादून की वास्तविकता

रिपोर्ट में कहा गया है कि केवल 4% महिलाएं सुरक्षा संबंधी मोबाइल ऐप्स का उपयोग करती हैं, जबकि उत्तराखंड पुलिस के गौरा शक्ति ऐप पर 1.25 लाख महिलाएं रजिस्टर्ड हैं, जिनमें से 16,649 केवल देहरादून की हैं। इसके अलावा, महिलाएं विभिन्न सेवाओं जैसे डायल-112, सीएम हेल्पलाइन और उत्तराखंड पुलिस ऐप का नियमित रूप से उपयोग कर रही हैं।

देहरादून पुलिस की सुरक्षा व्यवस्था

देहरादून में 14,000 से अधिक सीसीटीवी कैमरे स्थापित हैं। इनमें स्मार्ट सिटी कंट्रोल रूम के 536 और पुलिस कंट्रोल रूम के 216 कैमरे शामिल हैं। शहर में महिला हेल्प डेस्क, SOS बटन, पिंक बूथ, और 13 गौरा चीता पेट्रोलिंग टीमें काम कर रही हैं।

अगस्त 2025 में डायल-112 पर 12,354 शिकायतें आई, जिनमें से केवल 2,287 (18%) महिलाओें से जुड़ी थीं। इनमें से 1,664 घरेलू विवादों से संबंधित थीं। वहीं, छेड़छाड़ और लैंगिक हमलों की शिकायतें कुल महिला शिकायतों का केवल 1% से कम थीं।

महिला संबंधित मामलों में पुलिस का औसत रिस्पांस टाइम मात्र 13.33 मिनट है।

सर्वे की खामियां उजागर

रिपोर्ट में सांस्कृतिक और भौगोलिक विविधताओं को नजरअंदाज किया गया है। स्थानीय निवासी, छात्र, पर्यटक, और कामकाजी महिलाओं की सुरक्षा धारणाओं को भी ध्यान में नहीं लिया गया। इस प्रकार की तुलना, जैसे कि मुंबई और देहरादून के बीच नाइटलाइफ की, एक ही पैमाने पर करना उचित नहीं है।

NCRB के डेटा से स्पष्ट होता है कि देहरादून का अपराध दर मेट्रो शहरों से काफी कम है।

देहरादून अब भी सुरक्षित शहरों में शामिल

महिला आयोग ने स्पष्ट किया है कि देहरादून हमेशा से एक सुरक्षित और आकर्षक शहर रहा है, जहां बड़ी संख्या में प्रतिष्ठित शैक्षणिक संस्थान और पर्यटक आते हैं। बढ़ती छात्र संख्या और पर्यटकों का शहर में बढ़ता रुझान ही इस बात का प्रमाण है कि देहरादून महिलाओं के लिए सुरक्षित शहरों में से एक है।

महिला आयोग की अपील

राज्य महिला आयोग ने कहा है कि वह सर्वेक्षण के निष्कर्षों का सम्मान करता है, लेकिन नीतिगत निर्णय लेने के लिए ऐसे सर्वे की पद्धति, सैम्पलिंग, और सुरक्षा की परिभाषा स्पष्ट होनी चाहिए।

For more updates, visit Haqiqat Kya Hai.

सादर, टीम हकीकत क्या है

What's Your Reaction?

like

dislike

love

funny

angry

sad

wow