यह आईएएस डांटते नहीं, बल्कि चलाते हैं लाल, हरी और नीली कलम

Rajkumar Dhiman, Dehradun: अफसरगिरी के इस कॉलम में इस बार हम ऐसे आईएएस अफसर की कार्यशैली की कहानी लेकर आए हैं, जो आए दिन चर्चा में रहते हैं। यह चर्चा किसी विवाद की कम और जनता की सेवा की अधिक रहती है। समाज के कमजोर वर्ग और असहाय लोगों की भलाई के लिए लीक से … The post यह आईएएस डांटते नहीं, बल्कि चलाते हैं लाल, हरी और नीली कलम appeared first on Round The Watch.

Nov 15, 2025 - 18:39
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यह आईएएस डांटते नहीं, बल्कि चलाते हैं लाल, हरी और नीली कलम

Rajkumar Dhiman, Dehradun: अफसरगिरी के इस कॉलम में इस बार हम ऐसे आईएएस अफसर की कार्यशैली की कहानी लेकर आए हैं, जो आए दिन चर्चा में रहते हैं। यह चर्चा किसी विवाद की कम और जनता की सेवा की अधिक रहती है। समाज के कमजोर वर्ग और असहाय लोगों की भलाई के लिए लीक से हटकर काम करने वाले आईएसएस सविन बंसल का काम करने का एक और अंदाज है। जिलाधिकारी देहरादून के पद पर तैनात सविन बंसल गलतियों पर अधीनस्थों को कड़ी फटकार लगाने की जगह उनमें सुधार लाने का प्रयास करते हैं। इसके लिए उन्होंने जो ढंग अपनाया है, वह दूसरों से जुदा है।

सविन बंसल, जिलाधिकारी, देहरादून।

दरअसल, सविन बंसल जब अधीनस्थों से कोई रिपोर्ट मांगते हैं तो उसका बारीकी से अवलोकन करते हैं। जाहिर सी बात है रिपोर्ट में गलतियां तो होती ही हैं और उनमें सुधार भी किया जाता है। जब किसी रिपोर्ट में पहली गलती नजर आती है तो वह ज्यादातर लाल या हरे रंग की स्याही वाली कलम से उसे इंगित कर देते हैं। दूसरी बार भी यदि गलती रह जाती है तो वह गुस्सा होने की जगह शांत भाव से फिर दूसरे रंग की स्याही का प्रयोग कर गलती को सामने लाते हैं।

इसी तरह तीसरी बार गलती होने पर भी वह बिना आपा खोए किसी अन्य रंग की कलम से रिपोर्ट पर लिख देते हैं। ताकि कार्मिकों को भी पता रहे कि उन्होंने कितनी बार गलती की है। इसका एहसास जब कार्मिकों को होता है तो गलती की गुंजाइश ही नहीं बचती है। जिलाधिकारी सविन बंसल का मानना है कि गलतियां होना कोई बड़ी बात नहीं है, बल्कि उससे सीख लेकर सुधार करना बड़ी बात है।

 

 

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