उत्तरकाशी: वीर अभिमन्यु नाटक मंचन की तैयारियों से बिगराड़ी गांव में छाया उत्सव का माहौल, 20 जून से होंगे कार्यक्रम
बड़कोट संवाददाता | पहाड़ समाचार : उत्तरकाशी जिले के नौगांव विकासखंड की ग्रामसभा बिगराड़ी में The post उत्तरकाशी : वीर अभिमन्यु नाटक मंचन को लेकर बिगराड़ी गांव में उत्सव का माहौल, 20 जून से होगा शुभारंभ first appeared on radhaswaminews.

उत्तरकाशी: वीर अभिमन्यु नाटक मंचन की तैयारियों से बिगराड़ी गांव में छाया उत्सव का माहौल, 20 जून से होंगे कार्यक्रम
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बड़कोट संवाददाता | पहाड़ समाचार: उत्तरकाशी जिले के नौगांव विकासखंड अंतर्गत ग्रामसभा बिगराड़ी में इस बार एक नया उत्सव मनाने की तैयारी की जा रही है। यहाँ पर 20 जून से थाती चौक में तीन दिवसीय "वीर अभिमन्यु" नाटक का मंचन किया जाएगा, जिसके लिए गांव के युवा और बुजुर्ग मिलकर प्रयासरत हैं। वर्षों बाद इस सांस्कृतिक उत्सव के आयोजन के लिए हर किसी में खुशी और उत्सुकता का माहौल है।
सांस्कृतिक रंगमंच का पुनर्जागरण
पिछले कुछ वर्षों से यह पारंपरिक नाटक मंचन पूर्ण रूप से रुक गया था, लेकिन अब नई पीढ़ी ने अपनी सांस्कृतिक विरासत को पुनर्जीवित करने का निर्णय लिया है। गांव के युवाओं ने नाटक का जिम्मा उठाया है और वे पूरे उत्साह के साथ इसकी rehearsals कर रहे हैं। नाटक का मंचन 20 से 22 जून तक होगा, जिसके बाद 23 जून को सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा। इसमें प्रसिद्ध लोकगायक मनोज सागर, सुमन राणा और परिमा राणा अपनी कला का प्रदर्शन करेंगे।
धार्मिक आस्था का अनुष्ठान
जिस किसी भी धार्मिक या सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन होता है, बिगराड़ी गांव में उसकी शुरुआत विधिवत पूजा से होती है। इस बार भी हनुमान जी के झंडे का आरोहण करते हुए देवी मां काली की पूजा का आयोजन किया गया। गांव के कुल पुरोहित विजय उनियाल की उपस्थिति में पूजा संपन्न हुई। थाती चौक में मंच की सजावट का कार्य तेजी से चल रहा है और पूरे गाँव में उत्सव का माहौल है। ऐसे आयोजनों के प्रति ग्रामीणों का उत्साह भरा हुआ है।
संस्कृति की महत्ता और सामूहिकता का उत्सव
यह आयोजन गाँव की सांस्कृतिक पहचान और सामूहिकता का प्रतीक है। बिगराड़ी के निवासियों को अपने पारंपरिक मूल्यों को पुनर्जीवित करने की दिशा में आगे बढ़ते हुए देखा जा सकता है। पहले यह आयोजन दुन्केशवर महादेव कलामंच द्वारा किया जाता था, लेकिन कुछ समय से इसे बंद कर दिया गया था। अब, इस पहल का स्वागत करना निश्चित रूप से सराहनीय है।
इस सामाजिक- सांस्कृतिक आयोजन से स्थानीय युवाओं को अपनी सांस्कृतिक धरोहर का महत्व समझ में आएगा, और समस्त जनसमुदाय एकत्र होकर अपनी सांस्कृतिक पहचान को सहेजने का अवसर प्राप्त करेगा। लगता है कि बिगराड़ी गांव अब एक नई सांस्कृतिक दिशा में आगे बढ़ रहा है, जहाँ सभी एकजुट होकर अपनी पहचान को फिर से जीवित रखने का प्रयास कर रहे हैं।
जबकि पूरी दुनिया में आधुनिकता की लहर चल रही है, ऐसे आयोजन परंपरा और संस्कृति को सजीव बनाए रखने का कार्य करते हैं। इससे नई पीढ़ी को अपने इतिहास, स्थानीय कलाओं और सांस्कृतिक खजाने के बारे में ज्ञान मिलता है।
20 जून से होने वाले इस नाटक के मंचन से बिगराड़ी गांव में एक बार फिर से सांस्कृतिक जीवंतता का अनुभव किया जाएगा, जिससे ग्रामीणों में नई ऊर्जा का संचार होगा। इस तरह के आयोजन न केवल सांस्कृतिक स्तर पर बल्कि सामाजिक एकता में भी मजबूती लाते हैं।
आइए, हम सभी इस अद्भुत सांस्कृतिक उत्सव का हिस्सा बनें और स्थानीय परंपराओं एवं कलाओं की सराहना करें। मिलकर हम 20 जून को बिगराड़ी गांव में नाटक के मंचन का स्वागत करें।
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Signed off by Team Haqiqat Kya Hai - Neha Sharma
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