मोबाइल टावर लगाने के नाम पर 60 लाख रुपये की ठगी का आरोपी राजस्थान से गिरफ्तार

सुहानी अग्रवाल देहरादून (महानाद) : उत्तराखण्ड एसटीएफ के साईबर थाना देहरादून की पुलिस टीम ने मोबाईल टावर लगाने के नाम पर 60 लाख रुपये की साईबर ठगी करने वाले गिरोह के एक शातिर अपराधी को भरतपुर, राजस्थान से गिरफ्तार कर लिया। मामले का खुलासा करते हुए एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह ने बताया कि उक्त प्रकरण […]

Dec 28, 2025 - 00:39
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मोबाइल टावर लगाने के नाम पर 60 लाख रुपये की ठगी का आरोपी राजस्थान से गिरफ्तार

सुहानी अग्रवाल
देहरादून (महानाद) : उत्तराखण्ड एसटीएफ के साईबर थाना देहरादून की पुलिस टीम ने मोबाईल टावर लगाने के नाम पर 60 लाख रुपये की साईबर ठगी करने वाले गिरोह के एक शातिर अपराधी को भरतपुर, राजस्थान से गिरफ्तार कर लिया।

मामले का खुलासा करते हुए एसएसपी एसटीएफ नवनीत सिंह ने बताया कि उक्त प्रकरण रुड़की, जनपद हरिद्वार निवासी पीड़ित व्यक्ति द्वारा मार्च 2025 में साईबर थाना, देहरादून में पंजीकृत कराया था। पीड़ित ने बताया था कि अखबार में छपे विज्ञापन में अंकित मोबाईल नम्बर पर सम्पर्क करने के पश्चात् वर्ष 2020-2025 तक अज्ञात व्यक्तियों द्वारा एक मेल आईडी से मोबाईल टावर लगाने से सम्बन्धित कूटरचित दस्तावेज भेजे गये। जिस पर साईबर ठगों के द्वारा एचएफसीएल कम्पनी के फर्जी अधिकारी बनकर डीलरशिप दिलाने के नाम पर रजिस्ट्रेशन, सिक्योरिटी फीस के नाम पर 60 लाख रुपये की धोखाधड़ी की गयी।

मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी एसटीएफ, उत्तराखण्ड के दिशा निर्देशन तथा सहायक पुलिस अधीक्षक कुश मिश्रा के निकट पर्यवेक्षण में निरीक्षक/विवेचक विजय भारती, साईबर क्राईम पुलिस स्टेशन, देहरादून के नेतृत्व मे अभियोग के शीघ्र अनावरण हेतु आवश्यक दिशा निर्देश दिये गये । साईबर क्राईम पुलिस द्वारा घटना में प्रयुक्त बैंक खातों/ रजिस्टर्ड मोबाइल नम्बरों / व्हाट्सअप / गूगल मेल आईडी आदि की जानकारी हेतु सम्बन्धित बैंकों, सर्विस प्रदाता कम्पनियों, मेटा कम्पनी से पत्राचार कर डेटा प्राप्त किया गया।

प्राप्त डेटा के विश्लेषण से जानकारी मे आया कि साईबर अपराधियों द्वारा घटना में पीड़ित व्यक्ति को मोबाईल टावर लगाने के नाम पर एचएफसीएल कम्पनी के फर्जी अधिकारी बनकर उनसे रजिस्ट्रेशन, सिक्योरिटी आदि के नाम पर कुल 60 लाख रुपये की धनराशि 5 लाभार्थी बैक खातों मे स्थानान्तरित करायी गयी, जहां से यह धनराशि एटीएम के माध्यम से अलग-अलग जगहों से आहरित होनी पायी गयी। जिनकी बैकों से पत्राचार कर सीसीटीवी फुटेज एवं खाते की डिटेल्स प्राप्त की गयी। जिससे यह पाया गया कि पीड़ित व्यक्ति के साथ हुयी धोखाधड़ी की सर्वाधिक धनराशि कुल करीब 33 लाख रुपये भरतपुर, राजस्थान के एक एक्सिस बैक खाते में स्थानान्तरित हुयी है। जिसके पश्चात उक्त खाते में लगे मोबाईल नम्बर को ट्रेस कर अभियुक्त भूप सिंह उर्फ कल्ला पुत्र सोरन सिंह निवासी ग्राम हरिनगर, पिचूना, तह. उच्चेन, थाना गहनौली मोड़ जनपद भरतपुर, राजस्थान को भरतपुर, राजस्थान से गिरफ्तार किया गया, जिसके कब्जे से घटना में प्रयुक्त हुये खाते की पासबुक, चैक बैक, एटीएम कार्ड एंव खाते में पंजीकृत सिम बरामद की गयी। बरामद माल को सील कर अग्रिम वैधानिक कार्यवाही अमल में लायी जा रही है।

पूछताछ के दौरान भूप सिंह ने बताया कि वह बड़े पैमाने पर राजस्थान में भोले भाले लोगो को जिनकी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं रहती उनके खाते खुलवाकर साईबर गिरोह के साथ खातों की जानकारी साझा करता था। जिसके पश्चात् कुछ खातो में पैसे आने पर उन खातो के एटीएम की मदद से अलग- अलग जगहों से पैसे निकालकर लाभ प्राप्त करता था। उक्त अपराध में धोखाधड़ी में प्रयुक्त एक्सिस बैक का खाता भी उसके द्वारा ठगी के उद्देश्य से खुलवाया गया था। जिसमें धनराशि आने पर मेरे द्वरा एटीएम से अलग-अलग से धनराशि आहरित की गयी।

बरामद माल का विवरण –
1- 1 मोबाइल फोन वीवो कंपनी का काले -नीले रंग का
2- घटना में प्रयुक्त एक्सिस बैक खाते में पंजीकृत 1 जियो सिम कार्ड।
3- घटना में प्रयुक्त एक्सिस बैक खाते का 1 एटीम कार्ड ।
4- घटना में प्रयुक्त एक्सिस बैक खाते का 1 सीनियर सिटीजन कार्ड
5- घटना में प्रयुक्त बैक खाते की पासबुक एवं चैकबुक।

पुलिस टीम में निरीक्षक / विवेचक विजय भारती, एसआई रमन बिष्ट, कां. योगेश्वर प्रसाद कान्ति तथा सौरभ ढुकलान शामिल थे।

एसएसपी एसटीएफ, उत्तराखण्ड नवनीत सिंह ने जनता से अपील की है कि अन्जान नम्बरों से आने वाली वीडियो कॉल से बात न करें, न ही कोई सूचना / दस्तावेज दें। यदि कोई आपको पुलिस, सीबीआई, ईडी, टेलीकॉम आदि का अधिकारी बताकर डिजिटल अरेस्ट करने को डरायें धमकायें तो घबरायें नहीं, कोई भी एजेन्सी ऑनलाईन गिरफ्तार नहीं करती है। किसी भी प्रकार के लोक लुभावने अवसरों / फर्जी साईट/ धनराशि दोगुना करने के प्रलोभनों में न आयें।

उन्होंने कि कि फर्जी निवेश ऑफर जैसे यू ट्यूब लाइक, सब्सक्राइब, टेलीग्राम आधारित निवेश वेबसाइट ऑफर में निवेश न करें। गूगल से कोई भी कस्टमर केयर नम्बर को सर्च न करें । तेजी से बढ़ रहे इन्वेस्टमेंट स्कैम्स ने लाखों लोगों को अपना शिकार बनाया है। स्कैमर्स वेबसाइट्स और नकली रिव्यू प्रोग्राम्स के माध्यम से लोगों को पहले छोटे-छोटे इनाम देकर भरोसा जीतते हैं तथा फिर धीरे-धीरे उन्हें भारी रकम निवेश करने पर मजबूर कर देते हैं। कम समय में अधिक लाभ के चक्कर में इन्वेस्ट ना करें व शक होने पर तत्काल निकटतम पुलिस स्टेशन या साइबर क्राईम पुलिस स्टेशन को सम्पर्क करें । वित्तीय साईबर अपराध घटित होने पर तुरन्त 1930 नम्बर पर शिकायत दर्ज करें।

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