काशीपुर में बाहर से आ रहे फेरी वालों का हो सत्यापन
विकास अग्रवाल महानाद डेस्क। हांलाकि काशीपुर में रोज ही बाहर के फेरी वाले कुछ न कुछ बेचने के लिए आते ही रहते हैं। लेकिन जाड़ों के समय इनकी संख्या काफी बढ़ जाती है। इनका कोई सत्यापन न होने के कारण कई बार स्थानीय नागरिकों/व्यपारियों से इनकी कहासुनी/मारपीट आदि हो जाती है। इसलिए जरूरी है कि […]
विकास अग्रवाल
महानाद डेस्क। हांलाकि काशीपुर में रोज ही बाहर के फेरी वाले कुछ न कुछ बेचने के लिए आते ही रहते हैं। लेकिन जाड़ों के समय इनकी संख्या काफी बढ़ जाती है। इनका कोई सत्यापन न होने के कारण कई बार स्थानीय नागरिकों/व्यपारियों से इनकी कहासुनी/मारपीट आदि हो जाती है। इसलिए जरूरी है कि बाहर से काशीपुर आकर फेरी/फड़/कार में माल लगाकर बिक्री करने वालों का सत्यापन किया जाये।
आपको बता दें कि अभी 2 दिन पहले ही कश्मीर के एक युवक के साथ मारपीट करने का मामला सामने आया है। जिसमें पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपियों को पकड़ लिया। लेकिन एक सवाल यह उठता है कि कौन है ये लोग जो जाड़ों में अचानक से शहर में माल बेचने आ जाते हैं। इस समय कंबल, मेवा, गर्म कपड़े आदि बेचने वालों की बाढ़ सी आ जाती है। जिनमें से काफी मात्रा में लोग अपने को कश्मीर से आया बताते हैं।
अब सोचने वाली बात यह है कि चूंकि ये सीजन का माल बेचने आते हैं। इनका कोई लाइसेंस नहीं बनता, कोई सत्यापन नहीं होता। ये सच में ही कश्मीर से ही आते हैं अथवा बोर्डर पार कर पाकिस्तान या अफगानिस्तान से, सत्यापन न होने के कारण यह कहना मुश्किल है।
आपको बता दें कि काशीपुर के हर बोर्डर पर पुलिस के चेक पोस्ट स्थापित हैं। इसलिए बाइक/कार से आने वाले फेरी वालों की जांच व सत्यापन का ाकर्य वहीं पर हो जाना चाहि। इनके पास माल का बिल है या नहीं, ये टैक्स चोरी तो नहीं कर रहे, इनके पास मौजूद माल कहीं पाकिस्तान या अफगानिस्तान से तो नहीं आ रहा, इस सबकी जांच जरूरी है। कहीं ऐसा न हो कि ये लोग विदेश से माल लाकर हमारी इकॉनमी को चोट पहुंचाने का कार्य न कर रहे हों?
स्थानीय प्रशासन को चाहिए कि इसका संज्ञान लेकर कठोर कदम उठाये और बाहरी फेरी/फड़/कार में माल लगाकर बिक्री करने वालों का सत्यापन करवाये।
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