उत्तराखंड में लगातार बिगड़ रहा AQI का स्तर, बच्चों को लेकर बरतें सावधानी : डॉ. रवि सहोता

विकास अग्रवाल काशीपुर (महानाद) : उत्तराखंड में लगातार बिगड़ते AQI स्तर ने बच्चों के स्वास्थ्य को गंभीर खतरे में डाल दिया है। इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (IAP) उत्तराखंड ने इसे ‘बाल स्वास्थ्य आपातकाल’ मानते हुए व्यापक जागरूकता अभियान शुरू किया है। इस संबंध में नगर के जाने माने बाल रोग चिकित्सक डॉ. रवि सहोता, सचिव […]

Dec 8, 2025 - 18:39
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उत्तराखंड में लगातार बिगड़ रहा AQI का स्तर, बच्चों को लेकर बरतें सावधानी : डॉ. रवि सहोता

विकास अग्रवाल
काशीपुर (महानाद) : उत्तराखंड में लगातार बिगड़ते AQI स्तर ने बच्चों के स्वास्थ्य को गंभीर खतरे में डाल दिया है। इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स (IAP) उत्तराखंड ने इसे ‘बाल स्वास्थ्य आपातकाल’ मानते हुए व्यापक जागरूकता अभियान शुरू किया है।

इस संबंध में नगर के जाने माने बाल रोग चिकित्सक डॉ. रवि सहोता, सचिव IAP उत्तराखंड एवं अध्यक्ष रोटरी क्लब ऑफ काशीपुर कॉर्बेट, ने कहा कि ‘बच्चों की सांस से समझौता नहीं किया जा सकता, साफ हवा उनका अधिकार है।’ AQI 200 से ऊपर होते ही बच्चों का बाहर खेलना सुरक्षित नहीं रहता। यह केवल अस्थमा वाले बच्चों की समस्या नहीं है, बल्कि हर बच्चे के स्वास्थ्य का मुद्दा है।

डॉ. रवि सहोता ने खराब AQI से जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में बताया कि –
1. फेफड़ों का विकास रुकना (छोटे फेफड़े, बड़ा नुकसान-हवा में छुपा जहर)
प्रदूषण बच्चों के फेफड़ों की वृद्धि को 10-20 प्रतिशत तक कम कर सकता है। इससे जीवनभर स्टैमिना, सांस लेने की क्षमता और खेल प्रदर्शन प्रभावित होता है।

2. अस्थमा और एलर्जी का बढ़ना (धुआं और धूल-बच्चे की सांस पर हमला)
AQI बढ़ने पर अस्थमा के दौरे, घरघराहट और रात में खांसी तेजी से बढ़ जाती है।

3-बार-बार संक्रमण (हर हफ्ते खांसी, हर महीने दवा-जिम्मेदार हवा)
खराब हवा इम्युनिटी कमजोर करती है – खांसी-जुकाम, ब्रोंकाइटिस, निमोनिया बार-बार होते हैं।

4. दीर्घकालिक श्वसन रोग (बचपन की हवा तय करती है बुढ़ापे का स्वास्थ्य)
लंबे समय में Chronic Diseases विकसित हो सकती हैं, जो जीवनभर चलें।

5. हृदय संबंधी नुकसान (धड़कनें भी हवा से डरती हैं)
प्रदूषण रक्त में सूजन और रक्तचाप बढ़ाता है, जो भविष्य में हृदय रोग का जोखिम बढ़ाता है।

6. मस्तिष्क और व्यवहार पर असर (गंदी हवा, कमजोर दिमाग-बच्चे की सीखने की क्षमता प्रभावित)
ध्यान, स्मरण शक्ति और स्कूल प्रदर्शन घट सकता है।

7. प्रतिरोधक क्षमता कम होना (कमजोर इम्युनिटी, महंगी दवाइयाँ – हवा का बिल बच्चों पर)
Infections बार-बार होते हैं और recovery धीमी होती है।

अभिभावकों के लिए सुझाव –
1. AQi चेक करो, बच्चे की सांस बचाओ
2. AQI 200 से अधिक होने पर बाहर का खेल सीमित करें
3. एन-95 मास्क का उपयोग करें
4. पौष्टिक आहार दें
5. आवश्यकता होने पर डॉक्टर से संपर्क करें

उन्होंने बताया कि IAP उत्तराखंड और रोटरी क्लब काशीपुर कॉर्बेट द्वारा स्कूलों में जागरूकता स्वास्थ्य शिविर लगाकर Screening व Counselling आयोजित की जाएगी।

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