उत्तराखंड पंचायत चुनाव: आरक्षण सूची में महिला सीटों का महत्व, देहरादून में नई संभावनाएं
Rajkumar Dhiman, Dehradun: उत्तराखंड शासन ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों को लेकर आरक्षण की स्थिति स्पष्ट कर दी है। पंचायतीराज विभाग द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार, राज्य के 12 जिलों (हरिद्वार को छोड़कर) में जिला पंचायत अध्यक्ष पदों के लिए आरक्षण सूची घोषित कर दी गई है। यह आरक्षण उत्तराखंड पंचायत राज अधिनियम, 2016 और पंचायत … The post उत्तराखंड पंचायत चुनाव: आरक्षण सूची जारी, देहरादून जिले में महिला सीट appeared first on Round The Watch.

उत्तराखंड पंचायत चुनाव: आरक्षण सूची में महिला सीटों का महत्व, देहरादून में नई संभावनाएं
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By Priya Mehta, Anjali Sharma & Neha Gupta - Team Haqiqat Kya Hai
कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड पंचायत चुनावों के लिए आरक्षण सूची जारी कर दी गई है, जिससे प्रदेश में महिला उम्मीदवारों को अधिक अवसर प्राप्त होंगे। उत्तराखंड शासन ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के तहत आरक्षण की स्थिति को स्पष्ट करते हुए पंचायतीराज विभाग द्वारा एक महत्वपूर्ण विज्ञप्ति जारी की है। राज्य के 12 जिलों में (हरिद्वार को छोड़कर) जिला पंचायत अध्यक्ष पदों के लिए आरक्षण सूची घोषित की गई है। यह आरक्षण उत्तराखंड पंचायत राज अधिनियम, 2016 और पंचायत (संशोधन) अधिनियम, 2025 के तहत निर्धारित प्रक्रियाओं के आधार पर किया गया है।
आरक्षण के मुख्य बिंदुओं की समीक्षा
इस आरक्षण सूची में कई प्रमुख बदलाव शामिल हैं, जिनका उद्देश्य महिलाओं को राजनीतिक प्रक्रियाओं में अधिक प्रतिनिधित्व देने का है। निम्नलिखित बिंदुओं पर गौर करें:
- राज्य में 6 जिलों में महिला उम्मीदवारों के लिए आरक्षित सीटों का निर्धारण किया गया है।
- 2 जिलों में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जाति महिला के लिए आरक्षण प्रदान किया गया है।
- 1 जिला अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के लिए आरक्षित किया गया है।
- 3 जिलों की सीटें अनारक्षित रखी गई हैं, जो अन्य उम्मीदवारों के लिए खुला है।
जनपद के अनुसार आरक्षण की स्थिति की जानकारी
यहां उत्तराखंड के विभिन्न जिलों के अनुसार निर्वाचन पदों के आरक्षण की स्थिति दी गई है:
- अल्मोड़ा: महिला
- बागेश्वर: अनुसूचित जाति महिला
- चंपावत: अनारक्षित
- चमोली: अनारक्षित
- देहरादून: महिला
- नैनीताल: अनारक्षित
- पौड़ी गढ़वाल: महिला
- पिथौरागढ़: अनुसूचित जाति
- रुद्रप्रयाग: महिला
- टिहरी गढ़वाल: महिला
- ऊधमसिंह नगर: अन्य पिछड़ा वर्ग
- उत्तरकाशी: अनारक्षित
यह आरक्षण सूची यह दर्शाती है कि उत्तराखंड सरकार महिला उम्मीदवारों को अधिक स्थान देना चाहती है। यह कदम न केवल लैंगिक समानता की दिशा में अंतिम लक्ष्य की ओर एक महत्वपूर्ण प्रयास है, बल्कि यह महिला सशक्तिकरण की दिशा में भी महत्वपूर्ण साबित होगा। सामाजिक संगठन और नागरिक इस पहल की प्रशंसा कर रहे हैं, जो यह साबित करती है कि उनकी आवाज़ों को सुना जा रहा है।
निष्कर्ष
उत्तराखंड में पंचायत चुनावों का आरक्षण सूची जारी करना एक महत्वपूर्ण कदम है, जो महिलाओं को चुनावी प्रक्रिया में प्रभावी रूप से भागीदार बनाने में सहायक होगा। प्रदेश सरकार का उद्देश्य सिर्फ स्त्री-पुरुष समानता में सुधार करना नहीं है, बल्कि इसके साथ ही समाज में जागरूकता और समावेशिता को बढ़ावा देना भी है। यह परिवर्तन तभी सफल होगा जब स्थानीय लोग इसमें सक्रिय भागीदारी करें और अपने अधिकारों के लिए आवाज उठाएं।
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