गैरसैण विधानसभा में विधायकों का रात भर बिस्तर लगाकर प्रदर्शन, हंगामे में तोड़फोड़ की घटनाएँ
Vinod Kothiyal, Gairsain: नैनीताल में जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद पर चुनाव के दौरान जो कुछ भी घटा और आरोप लगाए गए, उससे कांग्रेस के तेवर गरम हैं। गैरसैण में आयोजित विधानसभा सत्र में जहां दिनभर कांग्रेस के विधायक एसएसपी नैनीताल प्रह्लाद मीणा को निलंबित करने और डीएम वंदना को हटाने की मांग को … The post वीडियो: रात को विधायकों ने सदन में लगाया बिस्तर, दिनभर भारी हंगामा और तोड़फोड़ appeared first on Round The Watch.

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कम शब्दों में कहें तो: नैनीताल में जिला पंचायत चुनाव के परिणामों के बाद गैरसैण विधानसभा में कांग्रेस विधायकों ने SSP निलंबन की मांग को लेकर प्रदर्शन किया और सदन में हंगामा किया।
गैरसैण में विधायकों का हंगामा
विनोद कोठियाल, गैरसैण: हाल ही में गैरसैण में आयोजित विधानसभा सत्र में कांग्रेस के विधायकों ने गहरा हंगामा खड़ा कर दिया। नैनताल में जिला पंचायत अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद के लिए चुनावों के दौरान उठे आरोपों के बाद कांग्रेस का आक्रामक रुख स्पष्ट दिखाई दिया। विधायकों ने SSP नैनीताल प्रह्लाद मीणा को निलंबित करने और DM वंदना को हटाने की मांग की। इस घटना ने उत्तराखंड की राजनीति में बढ़ते तनाव को उजागर किया है।
सदन में अनियंत्रित आंदोलन
सदन के दौरान, कांग्रेस विधायकों ने भाजपा सरकार के खिलाफ लगातार प्रदर्शन किया, जिसमें उन्होंने अपराधीकरण के राजनीतिकरण के खिलाफ आवाज उठाई। उनकी नाराजगी ने तब जोर पकड़ा, जब उन्होंने सदन के अंदर टेबल, माइक और अन्य उपकरणों को नुकसान पहुँचाया। सदन के अध्यक्ष ने बार-बार विधायकों से शांति बनाए रखने की अपील की, लेकिन विरोध प्रदर्शन केवल बढ़ता गया।
आर्थिक प्रस्तावों के बीच हंगामा
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस दौरान ₹5,315 करोड़ का एक अनुपूरक बजट प्रस्तुत किया, लेकिन उस समय सदन में उठे हंगामे के बीच यह जानकारी किसी हद तक छुप गई। कांग्रेस पार्टी ने SSP के खिलाफ आरोपों का जिक्र किया और सरकार को गैरसैण की राजधानी के मामले में केवल वादों के जाल में फंसाने का आरोप लगाया।
रात भर के प्रदर्शन की नई रणनीतियाँ
सायंकाल तक कांग्रेस और स्वतंत्र विधायकों ने सदन में बिस्तर लाकर रात बिताने का निर्णय लिया। यह अनूठा प्रदर्शन मुख्यमंत्री धामी और विधानसभा अध्यक्ष रितु खदुरी द्वारा सदन की शिष्टाचार का उल्लंघन माना गया। धामी ने कांग्रेस पार्टी को इस प्रदर्शन को केवल पब्लिसिटी स्टंट बताकर आलोचक किया।
निष्कर्ष: राजनीतिक अशांति का परिचायक
इस दिन घटित घटनाएँ उत्तराखंड की राजनीतिक स्थिरता में एक महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाती हैं। कांग्रेस पार्टी के सख्त विरोध और सरकार की मजबूती से ऐसे तत्वों का बने रहना स्पष्ट दिखता है। भविष्य में इस तरह के हंगामाकारी प्रदर्शनों के संभावित परिणाम उत्तराखंड की राजनीतिक कहानी को आकार देने में महत्वपूर्ण होंगे।
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