बीसीए छात्रा ने देहरादून में नवजात को छोड़कर बढ़ाया सामाजिक सवाल
Amit Bhatt, Dehradun: देहरादून के एक निजी विश्वविद्यालय की बीसीए की छात्रा ने बच्ची को जन्म दिया। फिर छात्रा ने उसे प्रेमी के साथ लावारिस हालत में छोड़ दिया। हालांकि, बच्ची को कोई नुकसान न पहुंचे, खुद ही चाइल्ड हेल्पलाइन पर कॉल कर दिया। सूचना पर पहुंची चाइल्ड हेल्पलाइन की टीम ने तत्काल नवजात को … The post दून में बीसीए की छात्रा ने बच्ची को जन्म देकर सड़क पर छोड़ा appeared first on Round The Watch.

बीसीए छात्रा ने देहरादून में नवजात को छोड़कर बढ़ाया सामाजिक सवाल
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By Priya Sharma, Aditi Roy, and Kavita Tiwari, Team Haqiqat Kya Hai.
कम शब्दों में कहें तो
हाल ही में देहरादून के एक निजी विश्वविद्यालय की बीसीए की छात्रा ने एक नवजात बच्ची को जन्म दिया और उसे सड़क पर छोड़ दिया। इस निंदनीय घटना ने स्थानीय समुदाय में चौंकाने वाली प्रतिक्रिया उत्पन्न की है, जब युवती ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर बच्ची को लावारिस छोड़ने के बाद चाइल्ड हेल्पलाइन को सूचित किया।
घटनाक्रम का विस्तृत विवरण
देहरादून की इस घटना में, छात्रा ने 02 जुलाई को एक अस्पताल में नवजात बच्ची को जन्म दिया। इसके बाद, उसने और उसके प्रेमी ने बच्ची को पंत मार्ग, क्लेमेनटाउन के पास छोड़ दिया। इस पूरी घटना की सच्चाई को उजागर करने के लिए छात्रा ने चाइल्ड हेल्पलाइन पर कॉल किया, ताकि नवजात की देखभाल हो सके। चाइल्ड हेल्पलाइन की टीम ने तुरंत बच्ची को अस्पताल में पहुंचाया, जहाँ उसकी उचित देखभाल जारी है।
पुलिस का सक्रिय हस्तक्षेप
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने जानकारी दी कि पुलिस को मौके पर एक लावारिस नवजात बच्ची मिली। क्लेमेनटाउन थाने के अधिकारी मोहन सिंह ने तुरंत मामले की गहनता से पड़ताल करने का आदेश दिया। पुलिस ने घटनास्थल के सीसीटीवी फुटेज की जांच की, जिसमें एक युवक और युवती को स्कूटी पर आकर बच्ची को छोड़ते हुए देखा गया।
समाजिक समस्या का हृदयस्पर्शी पहलू
जांच में यह सामने आया कि युवक और युवती के बीच पिछले दो-तीन वर्षों से संबंध थे। सामाजिक दबावों के कारण लड़की ने इस कठोर निर्णय पर पहुंचने का फैसला किया। यह जानकर अत्यंत दुःख होता है कि एक निर्दोष बच्ची को ऐसी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
कानूनी कार्रवाई और समर्थन तंत्र
पुलिस ने दोनों युवाओं के परिवारों को बुलाकर काउंसलिंग शुरू की है और आवश्यक कानूनी कार्रवाई चल रही है। नवजात बच्ची को उचित देखभाल मिल रही है और इसे शिशु निकेतन में भेजा गया है। यह घटना समाज के लिए एक बड़ी चेतावनी है कि हमें अपने बच्चों के भविष्य को लेकर सही और समझदारी से निर्णय लेना चाहिए।
समाज में जागरूकता का दौर
इस मामले ने अप्राकृतिक गर्भधारणाओं और उन पर सामाजिक दबाव के संबंध में गंभीर चर्चा की आवश्यकता को उजागर किया है। समाज को इस तरह के मुद्दों पर गंभीरता से विचार करना होगा ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति को रोका जा सके।
निष्कर्ष और आगे की दिशा
यह दर्दनाक घटना हमें यह बताती है कि हमें संवेदनशील मुद्दों पर खुलकर बातचीत करने की आवश्यकता है। यह न केवल कानून व्यवस्था के लिए चुनौती है, बल्कि मानवता के लिए भी। हमें उम्मीद है कि नवजात बच्ची को पूरी सुरक्षा और देखभाल मिलेगी, और समाज में सार्थक बदलाव लाने की आवश्यकता है।
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