दून हत्याकांड: पत्नी के अवैध संबंध ने लिया भयानक मोड़, कोर्ट ने 3 दोषियों को सुनाई फांसी
Amit Bhatt, Dehradun: गुच्छूपानी में नवंबर 2022 में दिल को दहला देने वाले ई रिक्शा चालक मोहसिन हत्याकांड में कोर्ट ने कठोरतम सजा सुनाई है। हत्या के 03 दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई है, जबकि 02 को उम्र कैद की सजा सुनाई गई। जिस तरह ई रिक्शा चालक मोहसिन की पत्थरों से कुचलकर … The post बिग ब्रेकिंग: दून में 03 को मौत की सजा, पत्नी से अवैध संबंध पर प्रेमी ने कराई पत्थर से कुचलकर हत्या appeared first on Round The Watch.

दून हत्याकांड: पत्नी के अवैध संबंध ने लिया भयानक मोड़, कोर्ट ने 3 दोषियों को सुनाई फांसी
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By Aditi Sharma and Kavita Singh, Team Haqiqat Kya Hai
अमित भट्ट, देहरादून: गुच्छूपानी में नवंबर 2022 में हुए दिल दहला देने वाले ई-रिक्शा चालक मोहसिन हत्याकांड में न्यायालय ने कठोरतम फैसला सुनाया है। इस मामले में अदालत ने तीन आरोपियों को फांसी की सजा दी है, वहीं दो अन्य को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। यह निर्णय मोहसिन की क्रूर हत्या के लिए एक सख्त संदेश के रूप में देखा जा रहा है, जिसने पूरे शहर के साथ-साथ राज्यों को भी झकझोर कर रख दिया है।
हत्या की जांच और केस का खुलासा
घटना का खुलासा तब हुआ जब 30 नवंबर 2022 को देहरादून के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल गुच्छूपानी में एक शव पाया गया। शव की पहचान मोहसिन के रूप में हुई, जिसका चेहरा पत्थरों से बुरी तरह कुचला गया था। इसके बाद पुलिस ने घटना की गहराई से जांच शुरू की, जिसमें कॉल डिटेल और सीसीटीवी फुटेज ने मुख्य आरोपी अरशद की पहचान में मदद की।
पत्नी के अवैध संबंध की गंभीरता
जांच के दौरान यह सामने आया कि मोहसिन की पत्नी शीबा का रईस नामक एक व्यक्ति के साथ अवैध संबंध था। यह बात खुलकर आयी कि रईस ने मोहसिन को रास्ते से हटाने के लिए अरशद को 2 लाख रुपये की सुपारी दी थी। इस मामले में शामिल अरशद, शाहरुख और रवि कश्यप को हत्या के लिए फांसी की सजा सुनाई गई है, जबकि शीबा के प्रेमी और उसके सहयोगी को उम्रकैद जैसा कठोर दंड दिया गया है।
अदालत का निर्णय और केस की परिणति
अतिरिक्त सेशन जज महेश चंद्र कुशवाहा ने इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एक न्यायसंगत निर्णय सुनाया। उन्होंने कहा कि मोहसिन की बेरहमी से की गई हत्या ने ना केवल समाज में भय का माहौल बनाया है, बल्कि इसे एक ठोस संदेश भी दिया है कि किसी भी अपराधी को कानून से नहीं बचने दिया जाएगा।
परिवार के लिए न्याय की उम्मीद
न्यायालय ने मोहसिन के बच्चों को 1 लाख रुपये की क्षतिपूर्ति देने का भी आदेश दिया है, जिससे उनके भविष्य के लिए थोड़ी आर्थिक सहारा मिल सके। हालाँकि, शीबा को संदेह का लाभ देते हुए बरी कर दिया गया, जो इस मामले की जटिलताओं को दर्शाता है।
निष्कर्ष
यह हत्या का मामला न केवल देहरादून में बल्कि समस्त भारत में पारिवारिक हिंसा और अवैध संबंधों की गंभीरता को उजागर करता है। अदालत का निर्णय यह दर्शाता है कि कानून सभी के लिए समान है और ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए एक सख्त दृष्टिकोण अपनाया जाना अत्यंत आवश्यक है। मोहसिन की हत्या एक बुरी मिसाल पेश करती है कि कैसे रिश्तों में विश्वास की कमी ने जीवन को संकट में डाल दिया।
हमें यह समझना चाहिए कि नैतिक शिक्षा और सही मूल्यों की आवश्यकता आज के समय में उतनी ही महत्वपूर्ण है जितनी कि कानून की। भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचने के लिए हमें एक सशक्त समाज के रूप में काम करने की आवश्यकता है।
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