उत्तराखंड भर्ती परीक्षा में पेपर लीक का सनसनीखेज मामला: पुलिस जांच में शिक्षिका तक पहुंची, खालिद की गुमशुदगी
Rajkumar Dhiman, Dehradun: उत्तराखंड में सरकारी नौकरियों की परीक्षाओं पर एक बार फिर से बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। UKSSSC स्नातक स्तरीय पदों की लिखित परीक्षा में पेपर लीक का सनसनीखेज मामला सामने आया है। परीक्षा के दौरान ही प्रश्नपत्र के कुछ हिस्से इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गए, जिससे न केवल अभ्यर्थियों का … The post उत्तराखंड भर्ती परीक्षा कांड: पुलिस की जांच टिहरी की शिक्षिका तक पहुंची, कहानी का खलनायक खालिद लापता appeared first on Round The Watch.
उत्तराखंड भर्ती परीक्षा में पेपर लीक का सनसनीखेज मामला: पुलिस जांच में शिक्षिका तक पहुंची, खालिद की गुमशुदगी
राजकुमार धीमान, देहरादून: उत्तराखंड में सरकारी रोजगार परीक्षाओं ने एक बार फिर से गंभीर सवाल पैदा कर दिए हैं। UKSSSC स्नातक स्तर की लिखित परीक्षा के दौरान पेपर लीक का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। परीक्षा के समय कुछ प्रश्नपत्रों के अंश इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो गए, जिससे न केवल अभ्यर्थियों का आक्रोश भड़का बल्कि परीक्षा की विश्वसनीयता भी गंभीर सवालों के घेरे में आ गई।
कम शब्दों में कहें तो, यह मामला सरकारी नौकरी की परीक्षाओं में संवेदनशीलता और विश्वसनीयता के प्रति चिंता को बढ़ाता है।
हाकम सिंह की गिरफ्तारी के बावजूद पेपर लीक!
पेपर लीक का यह विवाद और भी पेचीदा होता जा रहा है। परीक्षा के एक दिन पहले, कुख्यात नकल माफिया हाकम सिंह और उसके साथी पंकज गौड़ की गिरफ्तारी के बावजूद, रविवार को परीक्षा के दौरान प्रश्नपत्र की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। बेरोजगार संघ ने यह आरोप लगाया कि पेपर लीक हुआ है। आयोग ने पहले इससे इनकार किया लेकिन बाद में स्वीकार किया कि कुछ पन्नों की तस्वीरें बाहर आई हैं, जो कि गंभीर मुद्दा है।
सोशल मीडिया पर 11:35 बजे ही वायरल हुए प्रश्न
देहरादून के एसएसपी ने इस मामले की जांच के लिए SIT का गठन किया है। थाना रायपुर में मामला दर्ज किया गया है। जांच में पाया गया कि परीक्षा सुबह 11 बजे शुरू हुई थी, लेकिन 11:35 बजे तक ही प्रश्नपत्र की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होने लगीं। यह स्पष्ट करता है कि परीक्षा की सुरक्षा व्यवस्था कितनी कमजोर थी।
टिहरी की असिस्टेंट प्रोफेसर तक पहुंचा पेपर
पुलिस जांच के दौरान एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। प्रश्नपत्र की तस्वीरें सबसे पहले टिहरी जिले की असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन के पास पहुंची थीं। पूछताछ में पता चला कि खालिद मलिक नामक व्यक्ति ने उसे ये तस्वीरें भेजी थीं।
सुमन ने बताया कि उनकी पहचान खालिद से वर्ष 2018 में नगर निगम ऋषिकेश में थी। खालिद ने तस्वीरें अपनी बहन के नाम से भेजकर सुमन से उनके उत्तर मांगे, जिससे यह स्पष्ट होता है कि इस मामले में साजिश की थोड़ी भी गंध है।
बॉबी पंवार पर वायरल करने का आरोप
पुलिस के अनुसार, सुमन ने जानकारी दी कि वह इस घटना की सूचना पुलिस को देने का प्रयास कर रही थीं, लेकिन बॉबी पंवार नामक व्यक्ति ने उनसे स्क्रीनशॉट मांगे और मामले को पुलिस तक न पहुंचाने का दबाव बनाया। बाद में, बॉबी ने ही इन स्क्रीनशॉट्स को सोशल मीडिया पर वायरल किया, जिससे मामला और बढ़ गया।
SIT जांच पर उठ रहे सवाल
SIT की जांच में अब तक किसी संगठित गिरोह या पेपर माफिया की संलिप्तता का पता नहीं चला है। पुलिस का कहना है कि किसी एक परीक्षा केंद्र से कुछ प्रश्नों की फोटो बाहर भेजी गई। लेकिन यह तर्क कई सवाल उठाता है।
यदि हाकम सिंह जैसे नकल माफिया पहले ही पकड़े जा चुके थे, तो पेपर बाहर कैसे गया? खालिद मलिक जैसे संदिग्ध अब तक पुलिस की पकड़ से क्यों बाहर हैं? आयोग और पुलिस की प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी गई जानकारियाँ अधूरी क्यों लग रही हैं? क्या वास्तव में यह कुछ सवालों की फोटो का मामला है या इसके पीछे कोई परिकल्पना है?
पुलिस ने देर रात की पत्रकार वार्ता में खालिद के बारे में ठोस जानकारी नहीं दी। वास्तविकता यह है कि खालिद इस समय कहां है? अगर पुलिस के पास ठोस जानकारी नहीं थी, तो प्रेस कॉन्फ्रेंस का असली उद्देश्य क्या था?
बेरोजगारों में आक्रोश
प्रदेश के लाखों बेरोजगार युवा इस घटना से चिंतित हैं। उनका कहना है कि बार-बार पेपर लीक की घटनाएँ उनकी मेहनत और भविष्य को खतर में डाल रही हैं। बेरोजगार संघ ने सरकार और आयोग से निष्पक्ष उच्चस्तरीय जांच की मांग की है, ताकि दोषियों को कड़ी सजा मिल सके। सोमवार को बेरोजगार संघ की ओर से बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन भी प्रस्तावित हैं।
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