आपदा प्रबंधन में प्रशासन की तत्परता: जिलाधिकारी ने लांघा पहाड़, ग्रामीणों की बढ़ी उम्मीदें

Amit Bhatt, Dehradun: राजधानी देहरादून से महज 30 किलोमीटर दूर बटोली गांव अलग-थलग पड़ गया है। कहने को यह राजधानी का गांव है, लेकिन अतिवृष्टि से इसका संपर्क कट गया है। मौजूदा समय में हालात इतने विकट हैं कि लोग पलायन करने को विवश होते दिख रहे हैं। इस मानसून सीजन में गांव की समस्या … The post आपदा पीड़ितों की पुकार! डीएम ने लांघा पहाड़…और उफनाया गदेरा कर डाला पार appeared first on Round The Watch.

Jul 11, 2025 - 00:39
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आपदा प्रबंधन में प्रशासन की तत्परता: जिलाधिकारी ने लांघा पहाड़, ग्रामीणों की बढ़ी उम्मीदें
आपदा पीड़ितों की पुकार! डीएम ने लांघा पहाड़…और उफनाया गदेरा कर डाला पार

आपदा प्रबंधन में प्रशासन की तत्परता: जिलाधिकारी ने लांघा पहाड़, ग्रामीणों की बढ़ी उम्मीदें

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अमित भट्ट, देहरादून: राजधानी देहरादून से केवल 30 किलोमीटर दूर स्थित बटोली गांव इस समय कई संकटों का सामना कर रहा है। बहुप्रतीक्षित मानसून के दौरान अतिवृष्टि के कारण यह गांव पूरी तरह से कट गया है। हालात इतने गंभीर हैं कि स्थानीय निवासी पलायन करने के बारे में सोचने लगे हैं। गांव में पिछले कुछ समय से भूस्खलन हो रहा है, जिससे संपर्क मार्ग पूरी तरह नष्ट हो गया है और लगभग 500 मीटर गहरी खाई बन गई है। जब जिलाधिकारी सविन बंसल को इस आपदा की घटनाओं का पता चला, तो उन्होंने खुद गांव का दौरा करने का निर्णय लिया। बटोली गांव पहुंचने के लिए देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल ने इस अंदाज में पार किया गदेरा।

स्थानीय निवासियों की स्थिति को देखते हुए जिलाधिकारी ने कोटी क्षेत्र से 2.5 किलोमीटर पैदल यात्रा की, जिसमें उन्हें भूस्खलन के कारण बने खाई को पार करना पड़ा। जिलाधिकारी ने धैर्यपूर्वक उफनाई गदेरा को भी लांघा, जिससे उनका समर्पण स्पष्ट हो रहा था। उनकी इस पहल से गांव के लोगों में एक नई उम्मीद जागी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के परामर्श के अनुसार, जिलाधिकारी की उपस्थिति ने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि उनकी समस्याएं जल्द ही हल की जाएंगी।

खाई में बने मार्ग को रातों-रात तैयार किया गया

मुख्यमंत्री धामी ने सभी जिलाधिकारियों को आपदा प्रबंधन के लिए तत्पर रहने का निर्देश दिया है। जैसे ही जिलाधिकारी को बटोली गांव के संपर्क मार्ग के बारे में सूचना मिली, वे तुरंत कार्रवाई करने के लिए चल पड़े। प्रशासन ने स्थानीय लोगों की मदद से रातों-रात खाई में चलने योग्य मार्ग तैयार किया। इसके अलावा, अगले 3 महीनों तक इस मार्ग को सुचारू बनाए रखने के लिए मशीनरी की व्यवस्था की गई है।

गांव में पहुंचने पर जिलाधिकारी ने स्पष्ट रूप से बताया कि आपदा या किसी भी प्रकार की समस्या का हल करना प्रशासन की जिम्मेदारी है और वे इस दिशा में गंभीर रूप से काम कर रहे हैं। जिलाधिकारी ने तत्काल तौर पर प्रभावित परिवारों के लिए 3.84 लाख रुपये के चेक जारी किए, जिससे प्रत्येक परिवार को 4 हजार रुपये प्रति माह का किराया मिल सके।

अस्थायी हेलीपैड की स्थापना का निर्णय

दौरे के दौरान, जिलाधिकारी ने अधिकारियों को आदेश दिया कि गांव में 15 दिन के अंदर अस्थायी हेलीपैड की स्थापना की जाए। यह हेलीपैड गांववासियों की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर करने के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण होगा। इसके साथ ही, गर्भवती माताओं एवं बच्चों के स्वास्थ्य की नियमित जांच के लिए एएनएम का दौरा सुनिश्चित किया जाएगा। जिलाधिकारी ने समुदाय से आह्वान किया कि बच्चे स्कूल जाने के लिए दूर रहे, और निकटवर्ती आवासों में शिक्षा जारी रखने का प्रयास करें।

जिलाधिकारी ने स्थायी व्यावस्थाओं के लिए लोनिवि को पत्र भेजा और तात्कालिक सुधार के लिए 3.98 लाख रुपये का आवंटन किया। इसके साथ ही, 20 सौर ऊर्जा लाइटों की स्वीकृति भी दी गई जो ग्रामीणों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि मुख्यमंत्री और उनकी टीम हमेशा उनकी सहायता के लिए तत्पर हैं।

इस प्रकार का प्रशासनिक दौरा केवल चुनौतीपूर्ण परिस्थियों का परिचायक नहीं है, बल्कि यह दिखाता है कि कैसे संकट के समय में सरकार अपने नागरिकों के संग खड़ी होती है। प्रशासन की ये सक्रियताएं बटोली के निवासियों के लिए एक नई शुरुआत का संकेत देती हैं और उम्मीद है कि जल्दी ही उनकी मुस्कान लौटेगी।

कम शब्दों में कहें तो, यह कदम प्रशासनिक तत्परता का एक बहुत अच्छा उदाहरण है जो संकट के समय मदद के लिए आगे आता है। उम्मीद करते हैं कि यह गांव जल्द ही अपने सामान्य जीवन की ओर लौटेगा। इंटरनेट पर अधिक अपडेट के लिए हमारे साथ बने रहें। Team Haqiqat Kya Hai

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