उत्तराखंड: टिहरी युवक ने पुलिस पर लगाए सख्त आरोप, अमानवीय यातनाओं की सच्चाई आई सामने
Amit Bhatt, Dehradun: उत्तराखंड में टिहरी के एक युवक ने पुलिस पर हैवानियत और बर्बरता का सनसनीखेज आरोप लगाया है। युवक का दावा है कि अंकिता भंडारी हत्याकांड, केदार सिंह हत्याकांड और पुलिस की नाकामियों के खिलाफ आवाज उठाने की कीमत उसे दरिंदगी झेलकर चुकानी पड़ी। पीड़ित केशव थलवाल, निवासी लंबगांव, का आरोप है … The post वीडियो: पुलिस ने निर्वस्त्र कर पीटा, पेशाब पिलाई, थूक और जूता चटवाया, टिहरी के युवक के गंभीर आरोप appeared first on Round The Watch.
उत्तराखंड: टिहरी युवक ने पुलिस पर लगाए सख्त आरोप, अमानवीय यातनाओं की सच्चाई आई सामने
Amit Bhatt, Dehradun: उत्तराखंड में टिहरी के एक युवक, केशव थलवाल, ने पुलिस के खिलाफ घिनौने और अमानवीय व्यवहार करने का गंभीर आरोप लगाया है। युवक का दावा है कि उसने अंकिता भंडारी और केदार सिंह हत्या के मामलों, साथ ही पुलिस की नाकामियों के खिलाफ आवाज उठाई, जिसके कारण उसे बर्बरता का सामना करना पड़ा।
कम शब्दों में कहें तो, इस मामले में युवक के दर्दनाक अनुभव ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। Haqiqat Kya Hai पर जानें इस मामले की सभी जानकारियाँ।
क्या हुआ उस दिन?
पीड़ित केशव ने बताया कि 9 मई 2025 की शाम को, लंबगांव थानाध्यक्ष और एक उपनिरीक्षक ने उसे एसएसपी के बुलावे का बहाना बनाकर कार में लिया और सीधे कोटी कॉलोनी चौकी में बंद कर दिया। वहां, उसे अमानवीय यातनाओं की शिकार बनाया गया।
निर्वस्त्र कर पिटाई करना और घिनौनी हरकतें
केशव का कहना है कि उसे निर्वस्त्र कर बेरहमी से पीटा गया। जब वह दर्द से चीखने लगा और उसकी प्यास नहीं बुझ रही थी, तब उसे थूका हुआ पानी पीने और जूता चाटने के लिए मजबूर किया गया। इससे भी खतरनाक, उसकी मान्यता है कि पुलिस ने उसे पेशाब तक पिलाया। इस सबके बाद पुलिस ने एक झूठा मामला गढ़ा और उसे जाख तिराहे पर पेश किया। इस झूठे मामले के कारण, वह लगभग चार महीने तक जेल में रहा और हाल ही में जमानत पर बाहर आया।
तीसरी बरसी पर किए गए गंभीर आरोप
पौड़ी में आयोजित अंकिता भंडारी हत्याकांड की तीसरी बरसी पर केशव ने सार्वजनिक मंच पर पुलिस पर ये गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उसने सोशल मीडिया पर पुलिस की नाकामियों का पर्दाफाश किया, जिसके परिणामस्वरूप उसके साथ यह जघन्य अत्याचार हुआ।
पुलिस द्वारा जांच की प्रक्रिया
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए, आईजी गढ़वाल ने टिहरी के एसएसपी से विस्तृत रिपोर्ट तलब की है। एसएसपी आयुष अग्रवाल ने कहा है कि आरोपों की जांच सीओ नरेंद्रनगर के जिम्मे दी गई है और उन्हें अगले 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके आधार पर उचित कार्रवाई तय की जाएगी।
पुलिस ने दी सफाई
इस बीच, टिहरी पुलिस ने युवक के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि अभियुक्त के खिलाफ पहले से ही कई गंभीर आपराधिक मामले चल रहे हैं। पुलिस ने अपने फेसबुक पेज पर एक वीडियो जारी किया है, जिसमें उन्होंने कहा कि यदि कोई भी झूठे आरोपों को फैलाता है तो उसके खिलाफ भी वैधानिक कार्रवाई की जाएगी।
हमारा निष्कर्ष
इस मामले में पुलिस और युवक के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। हालांकि, इस घटना ने एक महत्वपूर्ण प्रश्न उठाया है कि क्या पुलिस को अपने दायित्वों का पालन करते हुए मानवीय संवेदनाओं का ध्यान रखना चाहिए? क्या इस तरह की घटनाओं से पुलिस की छवि पर निगेटिव असर पड़ेगा? इन सभी सवालों के जवाब मिलने तक, मामला जांच के अधीन रहेगा।
सामाजिक सुरक्षा और मानवाधिकारों की इस गंभीर चिढ़ के संबंध में सभी को सोचने की ज़रूरत है। इस मुद्दे पर चर्चा और संवेदनशीलता आवश्यक है।
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