शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार के चलते अधिकारी ने दिया इस्तीफा, मंत्री- सचिव अनजान
Amit Bhatt, Dehradun: यह बहुत बड़ी बात है कि एक सरकारी अफसर सिर्फ इसलिए अपने पद से त्याग पत्र दे रहा है कि विभाग उनके वाजिब प्रमोशन को देने तक में असमर्थ है। यह उसी शिक्षा विभाग का हाल है, जहां तमाम अफसर समय से पहले प्रभारी व्यवस्था पर उच्च पद पर आसीन करा दिए … The post शिक्षा विभाग के भ्रष्टाचार से तंग अफसर ने दिया इस्तीफा, मंत्री बेखबर और सचिव को भेजा त्याग पत्र appeared first on Round The Watch.

शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार के चलते अधिकारी ने दिया इस्तीफा, मंत्री- सचिव अनजान
अमित भट्ट, देहरादून: शिक्षा विभाग के एक अधिकारी ने सिर्फ इस कारण इस्तीफा दे दिया है क्योंकि विभाग उनकी सही पदोन्नति करने में असमर्थ है। यह विभाग भ्रष्टाचार का धुंधला चेहरा प्रस्तुत कर रहा है, जहां कई अधिकारी समय से पहले ही उच्च पद पर आसीन कर दिए गए हैं।
कम शब्दों में कहें तो, टिहरी के मुख्य शिक्षा अधिकारी एसपी सेमवाल ने शिक्षा सचिव रविनाथ रमन को अपना इस्तीफा भेज दिया है। यह इस्तीफा उस समय आया है जब विभाग में प्रशासनिक जटिलताओं और भ्रष्टाचार को लेकर हालात गंभीर बने हुए हैं।
यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति है, जहां ईमानदार अधिकारियों को उनकी मेहनत और क्षमता के अनुसार पदोन्नति देने में पहले ही 8 महीने से टाला जा रहा है। अंत में, जब अधिकारी की ईमानदारी को धता बताने की स्थिति आ गई, तो उन्होंने अंततः इस्तीफा देना ही उचित समझा।
टिहरी के मुख्य शिक्षा अधिकारी एसपी सेमवाल का इस्तीफा।
एसपी सेमवाल ने अपने इस्तीफे में साफ तौर पर कहा है कि उन्होंने 1999 से शिक्षा प्रशासन में सेवा की है और अपनी निष्ठा और ईमानदारी से विभाग, राज्य और हितधारकों की सेवा की है। परंतु उन्हें उचित सम्मान नहीं मिला।
उन्होंने 2002 में नवोदय विद्यालय की स्थापना में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी लेकर इस कार्य के लिए उन्होंने कई अन्य बाधाओं का सामना किया। उनके द्वारा किए गए योगदान को देखते हुए, यह अजीब लगता है कि ऐसा कैसे हो सकता है कि उनकी पदोन्नति को अनदेखा किया गया।
इस्तीफे के पीछे की कहानी बहुत गहरी है। एसपी सेमवाल ने अपने अनुभव साझा किया कि कैसे राज्य में जिम्मेदारियों का पालन नहीं करने वाले अधिकारी उनकी तरह मेहनतनिष्ठ अधिकारियों की उपेक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसी परिस्थिति है जहां कई अधिकारी अवैध तरीके से पदोन्नति पर पहुंच गए हैं।
हालांकि, इस इस्तीफे को भी सरकार के लिए एक परेशानी की ओर संकेत माना गया है। कई बार ऐसे मामलों में रेड टेपिज्म के चलते न केवल इस्तीफे को स्वीकार करने में देरी होती है, बल्कि वह अधिकारियों से बड़ा सवाल भी खड़ा करता है।
महिलाओं द्वारा उठाए गए सवाल और ईमानदार अधिकारियों की यह कहानी हमें बताती है कि सरकारी तंत्र में कितनी गंदगी भरी हुई है। क्या ऐसे संस्थान ईमानदार अधिकारियों और उनकी मेहनत को अनदेखा करके अपने लक्ष्यों को वास्तविकता में बदल सकते हैं? यह सोचने का विषय है।
यदि आप इस मामले पर और अधिक जानकारी चाहते हैं, तो कृपया हमारी वेबसाइट पर जाएं: Haqiqat Kya Hai.
हम इस क्षण का उपयोग करते हुए एसपी सेमवाल के साहसी कदम की सराहना करते हैं और उम्मीद करते हैं कि ऐसे मुद्दों का समाधान जल्द ही किया जाएगा।
टीम हकीकत क्या है प्रियंका शर्मा द्वारा प्रस्तुत।
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