पूर्व सैनिक ने बनाया पूर्व सैनिकों का निशाना, एसएसआई ने दर्ज करवाया मुकदमा

रुद्रपुर (महानाद) : गृह मंत्रालय भारत के निर्देश पर संदिग्ध बैंक खातों की जांच दौरान एक पूर्व सैनिक द्वारा पूर्व सैनिकों के साथ फ्रॉड करने का मामला सामने आया है। रुद्रपुर कोतवाली में तैनात एसएसआई अनिल जोशी ने उक्त पूर्व सैनिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाकर आगे की कार्रवाई शुरु कर दी है। एसएसआई अनिल […]

Dec 23, 2025 - 09:39
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पूर्व सैनिक ने बनाया पूर्व सैनिकों का निशाना, एसएसआई ने दर्ज करवाया मुकदमा

रुद्रपुर (महानाद) : गृह मंत्रालय भारत के निर्देश पर संदिग्ध बैंक खातों की जांच दौरान एक पूर्व सैनिक द्वारा पूर्व सैनिकों के साथ फ्रॉड करने का मामला सामने आया है। रुद्रपुर कोतवाली में तैनात एसएसआई अनिल जोशी ने उक्त पूर्व सैनिक के खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाकर आगे की कार्रवाई शुरु कर दी है।

एसएसआई अनिल जोशी ने बताया कि साइबर अपराधों की रोकथाम हेतु गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा बनायी गयी नोडल एजेंसी 14सी के समन्वय पोर्टल के प्रतिबिम्ब पर उपलब्ध आंकडों के अनुसार साइबर अपराधों से सम्बन्धित संदिग्ध खातों की जाँच कर आवश्यक वैधानिक कार्यवाही किये जाने हेतु निर्देशित किया गया है। उक्त निर्देशों के कम में साइबर सैल से प्राप्त खातों की सूची में दर्ज स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया की शाखा सिविल लाईन, रुद्रपुर जा कर जानकारी ली गयी तो एक खाता जितेन्द्र सिंह असवाल पुत्र शमशेर सिंह असवाल निवासी बलगरी, बेरीनाग, पिथौरागढ़ के नाम दर्ज होना पाया गया, खाता धारक की बैंक केवाइसी में पता दुर्गा स्टेट कॉलोनी न. 1 जयनगर दर्ज था।

एसएसआई जोशी ने बताया कि बैंक के उप प्रबन्धक से जानकारी ली गयी तो उनके द्वारा बताया गया कि बैंक रिकार्ड के अनुसार खाता जितेन्द्र सिंह असवाल व उसकी पत्नी लक्ष्मी कार्की के नाम पर है, जिसमें 31,002 रुपये होल्ड लगा है।

इसके बाद खाताधारक जितेन्द्र सिंह असवाल से पूछताछ की गयी तो उसने बताया कि वह वर्ष 2013 में 19 कुमाऊँ आर्मी में भर्ती हुआ था वर्ष 2021 में मेडिकल कैटेगरी में घर आने के बाद वर्ष 2022 में डीजीआर (भूतपूर्व सैनिकों के पुनर्वास और पुनः रोजगार के लिए एक संगठन) में कार्य करता था, उसने डीजीआर में करीब 1 साल काम करने के बाद वहाँ काम करना छोड दिया था।

जितेन्द्र असवाल ने बताया कि डीजीआर में पूर्व सैनिक जॉब के लिए अपना बायोडेटा जमा करने आते थे, वहीं उनके मोबाइल नम्बर व डिटेल रहती थी, वहाँ जॉब करने के लिए रुपये मांगते थे, तब उसने सोचा कि वह भी फील्ड ऑफीसर बन कर पूर्व सैनिकों से सम्पर्क करता है। उसका इलाज चल रहा था इसलिए उसे पैसों की जरूरत थी तोउ सने अलग-अलग माध्यमों से पूर्व सैनिकों के मोबाइल नम्बर प्राप्त कर अपने आप को डीजीआर का फील्ड ऑफिसर बता कर पूर्व सैनिकों को कॉल की। करीब 8-10 पूर्व सैनिकों से उसने जॉब लगाने के नाम पर डीजीआर का फील्ड ऑफीसर बन करीब ढाई-तीन लाख रुपये लिए।

इसके बाद एसएसआई जोशी ने आगे जांच की तो जितेन्द्र असवाल के खाते पर ऑनलाइन फाइनेन्सियल फ्रॉड की 5 शिकायतें दर्ज होना पायी गयीं। खाता धारक जितेन्द्र सिंह असवाल द्वारा कपटपूर्ण आशय से विभिन्न माध्यमों से पूर्व सैनिकों के मोबाइल नम्बर प्राप्त कर स्वयं को डीजीआर का फील्ड ऑफीसर बता कर पूर्व सैनिकों के मोबाइल नम्बरों में कॉल कर बेईमानी की नीयत से उन्हें धोखा देकर विश्वास में लेकर सुरक्षा अधिकारी / सुरक्षा गार्ड की नौकरी दिलाने के नाम पर रुपये ठगने का काम किया है।

एसएसआई अनिल जोशी की तहरीर के आधार पर पुलिस ने जितेन्द्र असवाल के खिलाफ बीएनएस की धारा 318(4) के तहत मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरु कर दी है।

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