अभियंत्रण का गौरव: भारत रत्न विश्वेश्वरैया के सिद्धांतों को अपनाने का संकल्प
Round The Watch News, Dehradun: हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण (HRDA) में सोमवार को अभियंता दिवस धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर भारत रत्न एवं विश्व प्रसिद्ध अभियंता डॉ. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया को याद करते हुए उनके चित्र पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित किए गए। कार्यक्रम में उत्तराखंड विकास प्राधिकरण अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त संगठन के प्रांतीय महामंत्री प्रशांत … The post अभियंता विकास की रीढ़, भारत रत्न विश्वेश्वरैया के आदर्शों पर चलने का संकल्प appeared first on Round The Watch.

अभियंत्रण का गौरव: भारत रत्न विश्वेश्वरैया के सिद्धांतों को अपनाने का संकल्प
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कम शब्दों में कहें तो, हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण (HRDA) में अभियंता दिवस धूमधाम से मनाया गया, जिसमें डॉ. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। यह अवसर अभियंताओं के योगदान को समर्पित था, जो देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
सोमवार को हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण (HRDA) में अभियंता दिवस का आयोजन किया गया, जहां उपस्थित सभी लोग भारत रत्न एवं प्रसिद्ध अभियंता डॉ. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया के चित्र पर माल्यार्पण करते हुए उन्हें याद करते रहे। यह कार्यक्रम केवल एक औपचारिकता नहीं था, बल्कि अभियंताओं के समर्पण और उनके योगदान को मान्यता देने का एक महत्वपूर्ण अवसर था।
कार्यक्रम का आगाज़
इस कार्यक्रम में उत्तराखंड विकास प्राधिकरण अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त संगठन के प्रांतीय महामंत्री प्रशांत सेमवाल ने उपस्थित अभियंताओं को संबोधित किया। उन्होंने कहा, “डॉ. विश्वेश्वरैया ने अपने जीवनकाल में जो कार्य किए, वह हमारे देश की तकनीकी और औद्योगिक प्रगति की नींव बने।” उन्होंने बताया कि आज के अभियंताओं को उनके पदचिह्नों पर चलकर समाज और देशहित के लिए काम करना चाहिए।
प्रशांत सेमवाल ने आगे कहा, “अभियंता किसी भी विभाग की रीढ़ की हड्डी होते हैं। उनके द्वारा किए गए तकनीकी कार्य न केवल एक विभाग के लिए, बल्कि पूरे प्रदेश और देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।”
सामाजिक सेवा में अभियंताओं की भूमिका
कार्यक्रम के दौरान, सेमवाल ने अभियंताओं के तकनीकी कार्यों के साथ-साथ उनके सामाजिक योगदान का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि अभियंता अपनी कार्यक्षेत्र से बाहर भी समाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। “ब्लड डोनेशन जैसे सामाजिक कार्यों में अभियंता हमेशा अग्रिम पंक्ति में खड़े रहते हैं। कोरोना महामारी के दौरान भी उन्होंने तकनीकी कार्यों के साथ-साथ समाज सेवा में अहम भूमिका निभाई।”
उत्तेजनापूर्ण विचार
कार्यक्रम में अन्य वक्ताओं ने डॉ. विश्वेश्वरैया के जीवन, उनके कार्यों और अदम्य इच्छाशक्ति पर विचार किया। उन्होंने बताया कि सीमित संसाधनों के बावजूद, डॉ. विश्वेश्वरैया ने भारत को तकनीकी दृष्टि से सशक्त बनाने में एक मिसाल स्थापित की। इसीलिए सभी अभियंताओं को देश और प्रदेश की प्रगति के लिए निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए।
श्रद्धांजलि का क्षण
सभा के अंत में, डॉ. विश्वेश्वरैया के चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई। इस दौरान उपस्थित अभियंताओं ने उनके बताए मार्ग पर चलने और विकास की गति को तेज बनाने का संकल्प लिया। यह संकल्प केवल एक कार्यक्रम की समाप्ति नहीं, बल्कि एक प्रतिबद्धता है, जो अभियंत्रण और सामाजिक सेवा के प्रति उनकी जिम्मेदारी को दर्शाता है।
इस कार्यक्रम ने अभियंताओं के अंदर एक नई चेतना का संचार किया और उन्हें उनके आदर्शों एवं कर्तव्यों की याद दिलाई। अभियंताओं का यह संकल्प हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि तकनीकी विकास के साथ-साथ सामाजिक विकास की दिशा में भी हमें आगे बढ़ना होगा।
इस परिप्रेक्ष्य में, यह कार्यक्रम न केवल डॉक्टर विश्वेश्वरैया की याद दिलाने वाला था, बल्कि यह अभियंताओं के योगदान को समाज में स्पष्ट रूप से पहचानने और सराहने का एक महत्वपूर्ण मंच भी था।
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सादर,
टीम हक़ीक़त क्या है, प्रियंका शर्मा
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