यमुनोत्री पैदल मार्ग पर मलबा गिरा, यात्रियों की जान खतरे में, एक को सुरक्षित निकाला
उत्तरकाशी। पहाड़ों में मानसून की पहली बारिश ने ही अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया The post यमुनोत्री पैदल मार्ग पर लैंडस्लाइड, यात्रियों के दबे होने की आशंका, एक को सुरक्षित निकाला first appeared on radhaswaminews.

यमुनोत्री पैदल मार्ग पर मलबा गिरा, यात्रियों की जान खतरे में, एक को सुरक्षित निकाला
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उत्तरकाशी। पहाड़ों में मानसून की पहली बारिश ने जैसे ही दस्तक दी, तब से ही आपदाओं का सिलसिला शुरू हो गया है। हाल ही में जानकीचट्टी-यमुनोत्री पैदल मार्ग पर नौ कैंची क्षेत्र में हुई भूस्खलन की घटना ने एक बार फिर से यात्रियों की सुरक्षा को गंभीर प्रश्नों के सामने खड़ा कर दिया है। शुरुआती सूचनाओं के अनुसार, इस लैंडस्लाइड में कई यात्रियों के दबने की आशंका है। हालांकि, इसकी आधिकारिक पुष्टि का अभी इंतजार है। राहत कार्य में शामिल अधिकारियों ने सफलतापूर्वक एक यात्री को मलबे से निकाल लिया है, जबकि अन्य लोगों की खोज के लिए बचाव ऑपरेशन जारी है।
दुर्भाग्यपूर्ण भूस्खलन की घटना
सोमवार की दोपहर, जब अचानक तेज बारिश शुरू हुई, तब यह भूस्खलन हुआ। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भारी मलबा एकदम पहाड़ी से गिरकर पैदल मार्ग पर समाप्त हो गया और इसके कारण कई पर्यटक फंस गए। इस घटना ने यात्रियों की जान को खतरे में डाल दिया। स्थानीय प्रशासन ने फौरन सुरक्षात्मक उपाय करते हुए बचाव कार्य प्रारंभ किया।
बचाव कार्य के लिए तैयार SDRF
जिला आपदा प्रबंधन के अधिकारियों ने बताया कि एसडीआरएफ (State Disaster Response Force) की टीम ने तत्परता से रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया। एक यात्री को मुश्किल से बाहर निकाल लिया गया, जिसे प्राथमिक उपचार के लिए पीएचसी जानकीचट्टी भेजा गया। अधिकारियों का कहना है कि अन्य फंसे हुए यात्रियों की तलाश के लिए सर्च ऑपरेशन जारी रहेगा।
सुरक्षा और उपाय
जानकीचट्टी पुलिस चौकी प्रभारी गंभीर सिंह तोमर ने कहा कि जैसे ही स्थिति की जानकारी मिली, पुलिस और एसडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंच गईं। उन्होंने राहत एवं बचाव कार्य का प्रबंधन जारी रखा। मौजूदा स्थितियों को देखकर, यात्रा मार्ग पर आवाजाही को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है ताकि सुरक्षा को बरकरार रखा जा सके।
भविष्य के लिए सबक
इस भूस्खलन के बाद अधिकारियों ने ज्ञात किया कि जब तक क्षेत्र को साफ नहीं किया जाता और सब कुछ सामान्य नहीं होता, यात्रा मार्ग पर आवाजाही पर प्रतिबंध जारी रहेगा। यह घटना हमें यह विचार करने पर विवश करती है कि बारिश के समय हमारी पहाड़ी क्षेत्रों की सुरक्षा कितनी महत्वपूर्ण है। विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे वातावरण में यात्रियों को अत्यधिक सतर्क रहना चाहिए और हमेशा अधिकारियों की सलाह माननी चाहिए।
स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग स्थिति पर नजदीकी नजर बनाए हुए हैं। जलवायु परिवर्तन और भारी बारिश के प्रभाव के कारण ऐसे भूस्खलन की घटनाएं बढ़ने की संभावना है, इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
निष्कर्ष
यमुनोत्री पैदल मार्ग पर हुआ यह भूस्खलन वास्तव में एक गंभीर चेतावनी के रूप में सामने आया है। यह दर्शाता है कि हमें अपने प्राकृतिक वातावरण के प्रति सजग और संवेदनशील रहना आवश्यक है। ऐसी घटनाएं न केवल मानव जीवन को खतरे में डालती हैं, बल्कि यात्रियों के लिए जीवनभर की यादों को भी खतरे में डालती हैं। हम प्रार्थना करते हैं कि सभी यात्रियों की सुरक्षा जल्द सुनिश्चित हो सके।
हमारी ओर से सभी प्रभावित व्यक्तियों के लिए हार्दिक संवेदनाएं। अधिक अपडेट के लिए, कृपया यहाँ जाएं।
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