गौरा देवी शिक्षक सम्मान समारोह: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शिक्षकों के साहस को किया सलाम, आश्वासन दिया- “शिक्षकों का अहित नहीं होने दिया जाएगा”

देहरादून। संस्कृति विभाग प्रेक्षागृह देहरादून में गौरा देवी शिक्षक सम्मान समिति द्वारा एक भव्य कार्यक्रम The post गौरा देवी शिक्षक सम्मान समारोह: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शिक्षकों को किया सम्मानित, कहा- “शिक्षकों का अहित नहीं होने दिया जाएगा” first appeared on radhaswaminews.

Sep 8, 2025 - 00:39
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गौरा देवी शिक्षक सम्मान समारोह: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शिक्षकों के साहस को किया सलाम, आश्वासन दिया- “शिक्षकों का अहित नहीं होने दिया जाएगा”
गौरा देवी शिक्षक सम्मान समारोह: पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शिक्षकों के साहस को किया सलाम, आश्वासन दिया- “शिक्षकों का अहित नहीं होने दिया जाएगा”

गौरा देवी शिक्षक सम्मान समारोह: शिक्षकों का मान-सम्मान बढ़ाने का अनूठा प्रयास

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कम शब्दों में कहें तो, संस्कृति विभाग प्रेक्षागृह देहरादून में आयोजित गौरा देवी शिक्षक सम्मान समारोह में पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के नेतृत्व में लगभग 500 शिक्षकों को उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया। रावत ने विश्वास दिलाया कि टीईटी परीक्षा के हालातों के मद्देनजर, शिक्षकों के साथ कोई नाइंसाफी नहीं होने दी जाएगी।

देहरादून में संस्कृति विभाग प्रेक्षागृह में गौरा देवी शिक्षक सम्मान समिति द्वारा आयोजित एक भव्य समारोह में, जनपद देहरादून के लगभग 500 शिक्षकों को सम्मानित किया गया। इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने सभी शिक्षकों को आश्वासन दिया कि टीईटी परीक्षा से उत्पन्न समस्याओं के कारण किसी भी शिक्षक का अहित नहीं होने दिया जाएगा। उनका यह बयान शिक्षकों के लिए एक बड़े समर्थन के रूप में देखा जा रहा है।

समारोह की भव्यता और शिक्षकों की सशक्तीकरण

समारोह की शुरुआत दीप प्रज्वलित करके की गई, जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत, पूर्व राज्य मंत्री महावीर सिंह रावत, और कांग्रेस प्रवक्ता शीशपाल सिंह बिष्ट उपस्थित थे। इसके बाद बच्चों द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना ने समारोह में चार चाँद लगा दिए। कार्यक्रम में, महान दार्शनिक और भारत के दूसरे राष्ट्रपति डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जीवन पर विशेष प्रकाश डाला गया, साथ ही चिपको आन्दोलन की प्रतीक गौरा देवी की inspirative डॉक्यूमेंट्री भी दर्शाई गई।

समारोह में शिक्षकों का सम्मान

इस विशेष अवसर पर, शिक्षक संगठनों के पदाधिकारियों ने मुख्य अतिथियों का बैज अलंकरण, माल्यार्पण, अंगवस्त्र एवं पुष्पगुच्छ भेंट कर स्वागत किया। कार्यक्रम में शामिल कई अन्य पुरस्कारों के साथ-साथ रामसिंह चौहान, सतीश घिल्डियाल, विपिन मेहता, सूरज मंद्रवाल, अश्विनी भट्ट, अनिल नौटियाल और विजय पाल जगवान जैसे प्रमुख शिक्षकों को भी सम्मानित किया गया।

पूर्व मुख्यमंत्री का संदेश

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शिक्षकों को संबोधित करते हुए कहा कि "शिक्षक ही अपने शिष्य को ईश्वर का ज्ञान कराता है, और उनके बिना जीवन की सार्थकता अकल्पनीय है।" उन्होंने शिक्षकों के प्रति भारी सम्मान व्यक्त करते हुए कई बार तालियों की गड़गड़ाहट भी बटोरी।

कार्यक्रम की संयोजन और शिक्षक का महत्व

कार्यक्रम के संयोजक महेंद्र सिंह "नेगी गुरुजी" ने शिक्षकों को "ज्ञान का दीपक" बताते हुए कहा कि वे केवल किताबी ज्ञान नहीं देते, बल्कि जीवन के मूल्यों, नैतिकता, और आत्मविश्वास को भी सिखाते हैं। उन्होंने कहा, "एक आदर्श शिक्षक से ही आदर्श समाज और राष्ट्र का निर्माण संभव है।" इस कार्यक्रम में 500 से अधिक शिक्षकों को उनके अद्वितीय योगदान के लिए सम्मानित किया गया, जिससे उनके संघर्ष और मेहनत की सराहना की जा सके।

अंत में, इस आयोजन ने यह साबित कर दिया कि शिक्षकों का योगदान समाज में कितना महत्वपूर्ण है और यह कि जब उन्हें सम्मानित किया जाता है, तो एक नई ऊर्जा और प्रेरणा का संचार होता है।

टीम Haqiqat Kya Hai, साक्षी मेहरा

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