देहरादून में मां-बेटी का महिला दरोगा से विवाद, वर्दी फाड़ने का प्रयास
Round The Watch, Desk: राजधानी देहरादून में रेसकोर्स क्षेत्र में केबिल डालने के विवाद ने बड़ा रूप ले लिया। आरोप है कि एक महिला और उसकी बेटी ने मौके पर पहुंची महिला दरोगा और महिला कांस्टेबल से अभद्रता करते हुए हाथापाई कर दी। इस दौरान दरोगा का गला पकड़ने, वर्दी फाड़ने और ईंट मारने का … The post वीडियो: दून में मां-बेटी महिला दरोगा से झगड़ी, वर्दी फाड़ने का प्रयास appeared first on Round The Watch.
देहरादून में मां-बेटी का महिला दरोगा से विवाद, वर्दी फाड़ने का प्रयास
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कम शब्दों में कहें तो, देहरादून के रेसकोर्स क्षेत्र में बिजली के केबिल डालने को लेकर एक गंभीर विवाद उत्पन्न हुआ है। यहां एक महिला और उसकी बेटी ने पुलिस की महिला दरोगा के साथ अभद्रता की और हाथापाई की। इस घटना ने समाज में महिलाओं के प्रति हिंसा और उनके सुरक्षा को लेकर कई प्रश्न खड़े कर दिए हैं।
घटना का विवरण
यह घटना तब घटी जब रेसकोर्स क्षेत्र में विद्युत की भूमिगत लाइन बिछाने का कार्य जारी था। संतोष रावत और उनकी बेटी ज्योति रावत ने इस कार्य पर आपत्ति जताई और बिजलीकर्मियों के साथ अभद्रता की। जब स्थानीय पुलिस को सूचना दी गई, तो नेहरू कालोनी थाना की चीता टीम मौके पर पहुंची लेकिन आरोपितों ने वहां भी उनका विरोध किया।
पुलिस पर हमले का प्रयास
सूचना मिलने के तुरंत बाद, डिफेंस कॉलोनी चौकी प्रभारी एसआई कुसुम पुरोहित अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंची। अचानक, मां-बेटी ने एसआई का गला पकड़ने का प्रयास किया और उनकी वर्दी फाड़ने की भी कोशिश की। इस दौरान, उन्होंने कांस्टेबल स्वाति के साथ भी हाथापाई करके स्थिति को और तनावपूर्ण बना दिया। यह युद्ध का मैदान होता जा रहा था।
गिरफ्तारी और कानूनी कार्रवाई
थानाध्यक्ष नेहरू कालोनी संजीत कुमार ने बताया कि दोनों आरोपितों को गिरफ्तार किया गया, बाद में उन्हें नोटिस देकर छोड़ दिया गया। उनके खिलाफ कई धाराओं में प्राथमिकी दर्ज की गई है। यह मामला न केवल पुलिस बल की इज्जत का सवाल है, बल्कि समाज में महिलाओं के प्रति हुए भेदभाव और हिंसा का भी गंभीर मुद्दा बन गया है।
समाज में महिला सुरक्षा को चुनौती
इस घटना ने एक बार फिर से समाज में महिला सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। स्थानीय निवासियों का मानना है कि पुलिस और आम जनता के बीच संवाद की कमी है। इस कमी के कारण इस तरह की हिंसक घटनाएं होती रहती हैं। हालांकि, पुलिस प्रशासन ने इस मामले में त्वरित कार्रवाई की है, लेकिन इसकी जड़ तक पहुंचने की जरूरत है।
निष्कर्ष
यह घटना निश्चित रूप से हमारी सामाजिक व्यवस्था में गंभीर सवाल उठाती है। महिलाओं की सुरक्षा और पुलिस के प्रति सम्मान बनाए रखना हमारे सभी नागरिकों का कर्तव्य है। हमें आपसी संवाद और समझ बढ़ाने की दिशा में काम करना चाहिए ताकि हमारे समाज में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। हमें पुलिस की मदद करने के साथ-साथ महिलाओं की गरिमा को बनाए रखने के लिए भी प्रयासरत रहना चाहिए।
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