260 करोड़ के अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड में देहरादून के तुषार खरबंदा पर ईडी की बड़ी कार्रवाई

Amit Bhatt, Dehradun: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने एक अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड रैकेट के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए देहरादून, दिल्ली, नोएडा और गुरुग्राम में एक साथ 11 ठिकानों पर छापेमारी की। यह कार्रवाई 260 करोड़ रुपए के हाई-टेक साइबर ठगी केस में की गई, जिसमें अमेरिका और कनाडा के सैकड़ों नागरिकों को निशाना बनाया गया था। … The post 260 करोड़ के साइबर फ्रॉड में देहरादून के खरबंदा पर ईडी का ‘फंदा’ appeared first on Round The Watch.

Aug 7, 2025 - 18:39
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260 करोड़ के अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड में देहरादून के तुषार खरबंदा पर ईडी की बड़ी कार्रवाई
260 करोड़ के साइबर फ्रॉड में देहरादून के खरबंदा पर ईडी का ‘फंदा’

260 करोड़ के अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड में देहरादून के तुषार खरबंदा पर ईडी की बड़ी कार्रवाई

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By Aditi Sharma, Priya Verma, and Neha Singh – Team Haqiqat Kya Hai

कम शब्दों में कहें तो प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने 260 करोड़ रुपए के हाई-टेक साइबर फ्रॉड रैकेट के खिलाफ एक प्रमुख कार्रवाई की है, जिसमें अमेरिका और कनाडा के सैकड़ों नागरिकों को चोट पहुंचाई गई। इस छापेमारी में देहरादून, दिल्ली, नोएडा और गुरुग्राम में एक साथ 11 ठिकानों पर दबिश दी गई है। इस कार्रवाई का मुख्य संदिग्ध तुषार खरबंदा है, जो देहरादून के धर्मपुर इलाके में रहता है।

साइबर फ्रॉड का मास्टरमाइंड: तुषार खरबंदा

अंतरराष्ट्रीय साइबर फ्रॉड के इस मामले में तुषार खरबंदा का नाम सामने आया है, जो देहरादून के आदर्श विहार कॉलोनी में निवास करता है। ईडी ने तुषार के ठिकाने पर छापेमारी करते हुए कई संदिग्ध दस्तावेज और डिजिटल उपकरण बरामद किए हैं। इन उपकरणों में उन धोखाधड़ी मामलों के सबूत हो सकते हैं, जो इस गिरोह ने विभिन्न देशों में अंजाम दिए हैं।

ठगी की तकनीक और तरीके

प्रवर्तन निदेशालय के अनुसार, इस साइबर फ्रॉड में शामिल ठग खुद को पुलिस अधिकारी, सरकारी जांच एजेंसी के प्रतिनिधि या बड़ी कंपनियों जैसे माइक्रोसॉफ्ट और अमेज़न के टेक्निकल सपोर्ट स्टाफ बताकर पीड़ितों को डराते थे। अधिकारियों का कहना है कि इस प्रक्रिया में अमेरिका और कनाडा के नागरिकों को लक्ष्य बनाया गया और उन्हें भारी मात्रा में धन की ठगी की गई।

क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल और धन का अंतर्राष्ट्रीय लेनदेन

जांच में यह भी सामने आया है कि ठगी की राशि को बिटकॉइन जैसे क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट्स में बदलकर संदिग्ध तरीकों से विदेशों में भेजा गया। बाद में, इसे यूएई में हवाला के जरिए यूएसडीटी (क्रिप्टो करेंसी) में रूपांतरित किया गया, जिससे ठगों ने इसे नकद के रूप में निकाल लिया। ये लेनदेन अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैले हुए हैं और इसमें कई उच्च-मूल्य वाले ट्रांज़ैक्शन्स शामिल हैं।

सीबीआई और ईडी का ज्वाइंट रिसर्च

इस मामले में पहले से ही सीबीआई ने दिसंबर 2024 में चार्जशीट दाखिल कर दी थी, लेकिन अब ईडी ने पीएमएलए (प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट) के तहत इस मामले में कार्रवाई शुरू कर दी है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, इस गिरोह के अन्य शहरों से भी संबंध होने की आशंका है और जल्द ही जांच का दायरा बढ़ाया जाएगा।

सुरक्षा जागरूकता की आवश्यकता

इस हाई-प्रोफाइल मामले ने न केवल साइबर अपराध के तरीके को उजागर किया है, बल्कि इससे कार्रवाई की जरूरत को भी सामने रखा है। ऐसे организ्ड गिरोह सामान्य नागरिकों के लिए खतरा उत्पन्न कर रहे हैं। ईडी के द्वारा की गई छापेमारी तुषार खरबंदा जैसे मास्टरमाइंड के पकड़ने की कोशिश है, साथ ही इससे बड़े नेटवर्क का भी सामना करने का प्रयास किया जाएगा। नागरिकों को इस तरह के मामलों में सतर्क रहना आवश्यक है।

इसके आलावा, हम सभी को साइबर ठगी से बचने के लिए अपने व्यक्तिगत डेटा का ध्यान रखना चाहिए और अनजान संपर्कों से सतर्क रहना चाहिए।

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स्रोत: टीम Haqiqat Kya Hai

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