धराली आपदा: थर्मल इमेजिंग तकनीक और विक्टिम लोकेटिंग कैमरों से मलबे में जीवन की खोज

Rajkumar Dhiman, Dehradun: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली में आई भीषण आपदा की चौथी सुबह राहत–बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। SDRF (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल) टीम अत्याधुनिक उपकरणों — Victim Locating Camera, Thermal Imaging Camera — और डॉग स्क्वाड की मदद से मलबे में दबे लोगों की तलाश में जुटी है। घटनाक्रम और … The post धराली आपदा: थर्मल इमेजिंग और विक्टिम लोकेटिंग कैमरों से मलबे में जिंदगी की तलाश appeared first on Round The Watch.

Aug 8, 2025 - 18:39
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धराली आपदा: थर्मल इमेजिंग तकनीक और विक्टिम लोकेटिंग कैमरों से मलबे में जीवन की खोज

लेखक: प्रियंका सिंह, देहरादून: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली में आई भीषण प्राकृतिक आपदा के चौथे दिन, राहत और बचाव कार्य बेहद सघनता से जारी हैं। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीम अत्याधुनिक उपकरणों जैसे कि विक्टिम लोकेटिंग कैमरा और थर्मल इमेजिंग कैमरा का उपयोग कर मलबे में दबे हुए लोगों की तलाश कर रही है। यह तकनीक न केवल राहत कार्य को तेज कर रही है, बल्कि लापता व्यक्तियों के परिवारों को एक नई उम्मीद भी प्रदान कर रही है। Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - Haqiqat Kya Hai

विपत्ति का कारण और प्रारंभिक स्थिति

धराली क्षेत्र में 5 अगस्त 2025 को भारी बारिश और हिमस्खलन के कारण आपदा आई, जिसके चलते गांव और होटल तक बाढ़ का पानी और मलबा घुस गया। शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, इस आपदा में कम से कम 4-5 लोगों की मृत्यु की पुष्टि हुई है और 50-100 से अधिक लोग लापता हैं। राहत बटालियनों द्वारा निकाले गए मलबे के नीचे अभी भी कई लोग फंसे हुए हैं, जिन्हें सुरक्षित निकाले जाने का प्रयास जारी है।

राहत कार्य में जुटी टीम

राहत कार्य में भारतीय सेना की Ibex ब्रिगेड, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), SDRF, ITBP (भारतीय तिब्बती सीमा पुलिस) और स्थानीय पुलिस साझा प्रयास कर रहे हैं। दृश्यता कम होने और भारी मलबे के कारण, लगभग 500 मीटर तक मलबा फैला हुआ है, जो राहत कार्यों में बाधा पहुंचा रहा है। SDRF के कर्मियों का कहना है कि यह कार्य अत्यंत चुनौतीपूर्ण है, लेकिन उनकी पूरी कोशिश है कि हर लापता व्यक्ति को सुरक्षित निकाला जा सके।

समर्थन प्रणाली और स्थानीय सेवाएं

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उद्धार कार्यों का मुआयना किया और प्रभावित परिवारों को मुआवजा और पुनर्वास के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने स्थानीय प्राधिकरण को निर्देश दिया है कि सभी संवेदनशील मामलों की शीघ्रता से कार्रवाई की जाए। बचाव कार्य अभी भी जारी है और विभिन्न उपकरणों, जैसे हेलीकॉप्टर और ड्रोन, का भी उपयोग किया जा रहा है, जिससे राहत कार्य में तेजी लाई जा सके।

शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दे

आपदा के पश्चात, न केवल प्रभावितों बल्कि बचावकर्मियों को भी गंभीर मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। अस्पताल में कई लोग जटिल चोटों के साथ भर्ती हुए हैं और प्राथमिक चिकित्सकीय सहायता की अत्यधिक आवश्यकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देने की बात विशेष महत्वपूर्ण है, क्योंकि ऐसी आपदाएँ भौतिक क्षति के साथ-साथ गहरे मानसिक और भावनात्मक संकट भी उत्पन्न करती हैं।

भविष्य के लिए दिशा-निर्देश

धराली आपदा ने न केवल भौगोलिक संरचनाओं को प्रभावित किया है, बल्कि स्थानीय समुदाय में भी गहरा प्रभाव डाला है। राहत कार्य तेजी से चल रहे हैं, लेकिन फिर भी कई चुनौतियां बनी हुई हैं। भविष्य में ऐसी आपदाओं से बचाव के लिए टिकाऊ समाधान और बेहतर रणनीति अपनाने की आवश्यकता है। इस दिशा में एक स्थायी योजना बनाना आवश्यक है, ताकि भविष्य में इस प्रकार की आपदाओं से सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके। अधिक जानकारियों के लिए, यहाँ क्लिक करें

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लेखक: प्रियंका सिंह

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