कुदरत की क्रूरता: चार बहनों के लिए मां का साया खोने के बाद, डीएम ने दिखाई एक नई आशा की किरण

Amit Bhatt, Dehradun: जिन अबोध बच्चियों को मां के आंचल की छांव की जरूरत थी, उन पर कुदरत ने ऐसी क्रूरता दिखाई कि उनके सिर से मां का साया ही छीन लिया। 04 बेटियों की मां के डूबने से हुई मौत के बाद उनके जीवन पर अंधकार छा गया था। क्योंकि, पिता कुछ भी काम … The post कुदरत की क्रूरता: 04 बहनों से छीना मां का आंचल, अभिभावक की भूमिका में डीएम ने भविष्य के अंधकार को दिखाई किरण appeared first on Round The Watch.

Sep 3, 2025 - 00:39
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कुदरत की क्रूरता: चार बहनों के लिए मां का साया खोने के बाद, डीएम ने दिखाई एक नई आशा की किरण
कुदरत की क्रूरता: चार बहनों के लिए मां का साया खोने के बाद, डीएम ने दिखाई एक नई आशा की किरण

कुदरत की क्रूरता: चार बहनों के लिए मां का साया खोने के बाद, डीएम ने दिखाई एक नई आशा की किरण

Amit Bhatt, Dehradun: कम शब्दों में कहें तो, प्राकृतिक आपदा ने चार मासूम बहनों से उनकी मां का आंचल छीन लिया, जिससे उनके जीवन में अंधकार छा गया। जब चारों बच्चों की मां डूबने से अपनी जान गंवा बैठीं, तभी से उनके पिता की अव्यवस्थित जीवनशैली ने उनके जीवन में और अधिक कठिनाइयां जोड़ दीं। ये अबोध बच्चियाँ शिक्षा और देखभाल की आवश्यकता में थीं, लेकिन उनके जीवन के नए अध्याय की शुरुआत में ही उन पर अत्यधिक संकट आ गया था।

सविन बंसल, जिलाधिकारी, देहरादून।

दीपिका (बड़ी बहन) ने अपने छोटे बहनों को संभालते हुए जिलाधिकारी सविन बंसल के पास जाकर सहायता की गुहार लगाई। उन्होंने न सिर्फ उनकी मदद सुनने का निर्णय लिया, बल्कि चार मासूमों की शिक्षा के प्रति अपने दायित्व को समझते हुए आगे आए। जिलाधिकारी बंसल ने तपोवन निवासी सरिता की समस्याओं को सुनकर उनकी तीन बहनों के लिए शिक्षा का प्रबंध करने का जिम्मा लिया।

सरिता और उनकी बहनों का अब राजकीय प्राथमिक विद्यालय लाडपुर में दाखिला हो चुका है। उन्हें विद्यालय जाने के लिए आवश्यक शिक्षण सामग्री, यूनिफॉर्म और अन्य आवश्यक चीज़ें भी दी गई हैं। यह प्रशासन की ओर से दिए गए तत्काल समर्थन का प्रमाण है, जो कि कई मामलों में पूरे समाज को प्रेरित करता है।

हालांकि, युवती सरिता के लिए ये देखना और हैरान करने वाला था कि कैसे वह अपनी बहनों को आर्थिक सहारा दे पाएगी। इस स्थिति में, जिलाधिकारी बंसल ने महाप्रबंधक जिला उद्योग केन्द्र को सुनिश्चित करने का निर्देश दिया कि सरिता को रोजगार के लिए प्रशिक्षित किया जाए ताकि वह अपनी छोटी बहनों की देखभाल कर सके और अपने नए जीवन को संभाल सके।

जल्द ही सरिता अपने कौशल को विकसित करने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल होंगी। जिलाधिकारी ने इस बात पर जोर दिया कि शिक्षा बच्चों के भविष्य का सबसे अहम हिस्सा है और इसके माध्यम से एक उज्ज्वल भविष्य का निर्माण संभव है। हर बच्ची को पढ़ाना जिला प्रशासन का प्राथमिक उद्देश्य है और यह सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास किए जाएंगे।

जिलाधिकारी बंसल की ये पहल न केवल सरिता और उसकी बहनों के लिए एक नई आशा की किरण लेकर आई है, बल्कि यह एक सामाजिक दायित्व भी निभा रही है। इससे पहले भी, जिलाधिकारी ने कई बेटियों की समस्याओं को समाधान करके उनके उज्ज्वल भविष्य का मार्ग प्रशस्त किया है।

इस दुखद घटना ने हमें यह बताने वाला किया है कि हम सभी को एक-दूसरे के साथ खड़ा होना और एक समाज के रूप में मदद करना है। उम्मीद है कि सरिता और उसकी बहनों का भविष्य अब और भी उज्ज्वल होगा।

अधिक जानकारी और अपडेट के लिए, कृपया हमारी वेबसाइट Haqiqat Kya Hai पर जाएं।

सादर,

टीम हक़ीकत क्या है - राधिका शर्मा

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