उत्तराखंड में शराब के ठेकेदारों पर कार्रवाई, 319 करोड़ की वसूली के लिए विशेष अभियान
Rajkumar Dhiman, Dehradun: उत्तराखंड में शराब के ठेकेदार आबकारी विभाग के 319 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि दबाकर बैठे हैं। यह राशि बकाए राजस्व में रूप में बीते 06 वर्षों में निरंतर बड़ी होती चली गई और अफसर सिर्फ 18 करोड़ रुपये ही वसूल पाए। आबकारी आयुक्त अनुराधा पाल ने इस स्थिति पर गहरी … The post शराब के ठेकेदार दबाकर बैठे हैं 319 करोड़, अब चलेगा आबकारी आयुक्त का डंडा appeared first on Round The Watch.

उत्तराखंड में शराब के ठेकेदारों पर कार्रवाई, 319 करोड़ की वसूली के लिए विशेष अभियान
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राजकुमार धीमान, देहरादून: उत्तराखंड के शराब ठेकेदारों पर अब आबकारी आयुक्त की सख्त नजर है। राज्य में यह ठेकेदार पिछले छह वर्षों से 319 करोड़ रुपये से अधिक की धनराशि दबाकर बैठे हैं। यह b
राशि लगातार बकाए राजस्व के रूप में बढ़ती जा रही है, जबकि अधिकारियों ने अब तक केवल 18 करोड़ रुपये की वसूली की है। आबकारी आयुक्त अनुराधा पाल ने इस स्थिति पर गहरी नाराजगी जताते हुए कहा है कि वे इस मामले में कड़ी कार्रवाई करेंगे। अब, राजस्व बकाए की वसूली के लिए विशेष अभियान चलाने का निर्णय लिया गया है।
आबकारी आयुक्त की सख्त चेतावनी
आबकारी आयुक्त अनुराधा पाल की हालिया समीक्षा में सामने आया कि 2018-19 से 2024-25 के बीच शराब कारोबारियों पर 337.70 करोड़ रुपये का बकाया हो गया है, जिनमें से केवल 18.43 करोड़ रुपये की वसूली हो पाई है। उन्होंने इसे अत्यंत गंभीर बताया और कहा कि 2025-26 में आबकारी से राजस्व प्राप्ति का लक्ष्य 5060 करोड़ रुपये रखा गया है। यह स्थिति राज्य के वित्तीय स्वास्थ्य के लिए चिंताजनक है।
विशेष अभियान की घोषणा
आबकारी आयुक्त ने बताया कि इन पुराने बकाए के समाधान के साथ-साथ नए लक्ष्य को पूरा करना चुनौतीपूर्ण होगा। इसलिए, 25 जून से 15 जुलाई तक एक विशेष वसूली अभियान चलाया जाएगा। इस अभियान की जिम्मेदारी अपर आयुक्त पीएस गर्ब्याल को देहरादून और हरिद्वार के अलावा, विभिन्न संयुक्त आयुक्तों को भी दी गई है, ताकि सभी क्षेत्रों में राजस्व वसूली को सही तरीके से अंजाम दिया जा सके।
कच्ची शराब पर नियंत्रण
आबकारी आयुक्त ने अवैध शराब के कारोबार पर लगाम कसने का निर्णय भी लिया है। 25 जून से 30 जून तक कच्ची शराब के खिलाफ विशेष अभियान चलाया जाएगा। इस योजना के तहत, शराब तस्करी की रोकथाम और राज्य में शराब की गुणवत्ता सुनिश्चित की जाएगी, जिससे किसी भी अप्रिय घटना को रोकने में मदद मिलेगी।
निष्कर्ष
आबकारी आयुक्त अनुराधा पाल की यह सख्त कार्रवाई न केवल राजस्व वसूली में वृद्धि करेगी, बल्कि शराब के अवैध कारोबार पर भी रोक लगाएगी। हमें उम्मीद है कि यह अभियान उत्तराखंड के समग्र विकास में एक सकारात्मक योगदान देगा।
कम शब्दों में कहें तो, शराब के ठेकेदारों के खिलाफ की गई यह कार्रवाई प्रदेश के वित्तीय स्वास्थ्य के लिए जरूरी है। स्थिति को संभालने के लिए यह कदम एक महत्वपूर्ण पहल है।
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सादर,
शैलजा शर्मा
टीम Haqiqat Kya Hai
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