चुनावी लापरवाही से बचें, एडीएम ने दिए सख्त निर्देश

विकास अग्रवाल रुद्रपुर (महानाद) : उप जिला निर्वाचन अधिकारी/एडीएम उधम सिंह नगर ने अपने सभी अधिनस्थों को पत्र लिखकर पंचायत चुनावों में आदर्श आचार संहिता का अनुपालन करवाये जाने के आदेश दियेे हैं। अपने आदेश में उप जिला निर्वाचन अधिकारी/एडीएम (वि./रा.) उधम सिंह नगर ने कहा है कि दिनांक-21. 06.2025 के अनुपालन में त्रिस्तरीय पंचायत […]

Jun 22, 2025 - 18:39
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चुनावी लापरवाही से बचें, एडीएम ने दिए सख्त निर्देश
आपकी लापरवाही से हो सकता है पार्टी/प्रत्याशी को लाभ, तुरंत करें कार्यवाही : एडीएम

चुनावी लापरवाही से बचें, एडीएम ने दिए सख्त निर्देश

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कम शब्दों में कहें तो, उप जिला निर्वाचन अधिकारी उधम सिंह नगर ने पंचायत चुनावों में आदर्श आचार संहिता का पालन सुनिश्चित करने के लिए सख्त आदेश दिए हैं, जिससे किसी भी प्रकार की लापरवाही पार्टी या प्रत्याशी को अनजाने में लाभ नहीं पहुंचा सके।

विकास अग्रवाल, रुद्रपुर (महानाद) - उप जिला निर्वाचन अधिकारी/एडीएम उधम सिंह नगर ने अपने सभी अधिनस्थों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि पंचायत चुनावों में आदर्श आचार संहिता का पालन किया जाना चाहिए। ईद्वारा भेजे गए पत्र में एडीएम ने कहा कि 21 जून 2025 को होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत सामान्य निर्वाचन-2025 के संबंध में, जनपद उधम सिंह नगर के समस्त नगर निगम और नगर पालिका क्षेत्रों को छोड़कर, सभी विकास खंडों में आचार संहिता प्रभावी हो चुकी है।

आचार संहिता का अनुपालन क्यों जरूरी है?

राज्य निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के मुताबिक, आदर्श चुनाव आचार संहिता का अनुपालन केवल एक कानूनी आवश्यकता नहीं, बल्कि यह लोगों के लिए एक सुरक्षित और निष्पक्ष चुनाव प्रक्रिया की गारंटी है। एडीएम ने बताया कि यदि किसी भी प्रकार की सरकारी या व्यक्तिगत संपत्ति का चुनाव प्रचार में उपयोग किया जाता है, तो यह आचार संहिता का उल्लंघन होगा, जिससे संबंधित पार्टी या व्यक्ति को अप्रत्यक्ष लाभ मिल सकता है।

इससे संबंधित सभी अधिकारिकों को एडीएम ने निर्देश दिया है कि वे इस मामले को गंभीरता से लेते हुए तुरंत कार्रवाई करें। यह केवल प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हम सभी नागरिकों का कर्तव्य भी है कि हम चुनाव प्रक्रिया को विधिसम्मत और पारदर्शी बनाए रखें।

विरूपण की घटना और उसके निवारण

उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने उल्लेख किया कि 'विरूपण' का मतलब है लोक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना या उसकी सुंदरता को बिगाड़ना। इसमें सार्वजनिक संपत्तियाँ जैसे भवन, दीवार, पेड़ आदि शामिल हैं। यदि इस संबंध में कोई कार्यवाही नहीं की गई, तो यह किसी भी राजनीतिक पार्टी या प्रत्याशी के लिए फायदेमंद हो सकता है, जो कि सीधे तौर पर कानून का उल्लंघन होगा।

उनके निर्देश के अनुसार, यदि ऐसी गतिविधियाँ देखी जाती हैं, तो अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए। ऐसा न करने पर यह न केवल कानून का उल्लंघन होगा, बल्कि इससे चुनावी प्रक्रिया पर भी नकारात्मक असर पड़ेगा।

आवश्यकता और सजगता

उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने सभी संबंधित लोगों को चेतावनी दी है कि वे किसी भी प्रकार की लापरवाही से बचें, क्योंकि इससे न केवल संबंधित व्यक्तियों को बल्कि क्षेत्र के विकास को भी नुकसान हो सकता है।

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यह आलेख आपके लिए जानकारीपूर्वक लिखा गया है, ताकि आप चुनावी प्रक्रिया की गंभीरता को समझें।

सादर,

टीम हक़ीक़त क्या है, लिखी गई पारूल शर्मा द्वारा

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