ब्रेकिंग: आईएफएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी ने कैबिनेट सचिव के विरुद्ध आपराधिक कार्यवाही का दायर किया याचिका

Rajkumar Dhiman, Dehradun: उत्तराखंड के चर्चित और खांटी इमानदार आइएफएस अफसर संजीव चतुर्वेदी ने अब भारत सरकार के कैबिनेट सचिव टीवी सोमनाथ के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने कैबिनेट सचिव टीवी सोमनाथन के विरुद्ध आपराधिक कार्रवाई की मांग करते हुए नैनीताल हाई कोर्ट में याचिका दायर की। जिस पर 16 सितंबर को सुनवाई तय … The post ब्रेकिंग: आइएफएस अफसर ने कैबिनेट सचिव के विरुद्ध आपराधिक कार्रवाई शुरू करने की याचिका दायर की appeared first on Round The Watch.

Sep 5, 2025 - 18:39
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ब्रेकिंग: आईएफएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी ने कैबिनेट सचिव के विरुद्ध आपराधिक कार्यवाही का दायर किया याचिका
ब्रेकिंग: आईएफएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी ने कैबिनेट सचिव के विरुद्ध आपराधिक कार्यवाही का दायर किया याचिका

ब्रेकिंग: आईएफएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी ने कैबिनेट सचिव के विरुद्ध आपराधिक कार्यवाही का दायर किया याचिका

राजकुमार धिमान, देहरादून: उत्तराखंड के ईमानदार आईएफएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी ने हाल ही में भारत सरकार के कैबिनेट सचिव टीवी सोमनाथ के खिलाफ नैनीताल हाई कोर्ट में आपराधिक कार्यवाही की मांग करते हुए याचिका दायर की है। सुनवाई 16 सितंबर को निर्धारित की गई है। ये मामला भारतीय प्रशासन में एक नई हलचल पैदा कर रहा है। Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - Haqiqat Kya Hai

क्या हैं आरोप?

आईएफएस अधिकारी संजीव चतुर्वेदी ने आरोप लगाया है कि कैबिनेट सचिव ने उनकी याचिका की सुनवाई के दौरान जाली शपथपत्र पेश किया है। इसके अतिरिक्त, चतुर्वेदी ने कैबिनेट सचिव के विरुद्ध मानहानि की टिप्पणी करने के लिए भी कोर्ट से कार्यवाही की अनुमति मांगी है। यह मामला न केवल प्रशासनिक स्तर पर बल्कि न्यायपालिका में भी महत्वपूर्ण है।

कैबिनेट सचिव की याचिका का संदर्भ

कैबिनेट सचिव और केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव की ओर से फरवरी 2023 में दायर की गई याचिका में नैनीताल हाई कोर्ट के आदेशों को निरस्त करने की मांग की गई थी। इन आदेशों के तहत केंद्रीय सतर्कता आयोग (सीवीसी) और एम्स, दिल्ली को चतुर्वेदी के कार्यकाल में शुरू की गई भ्रष्टाचार निरोधक जांच से संबंधित दस्तावेज प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया था।

अवमानना मामले पर सुनवाई और राजनीतिक प्रतिक्रिया

इसी संदर्भ में, दोनों अधिकारियों ने मई 2025 में उनके खिलाफ शुरू की गई अवमानना कार्रवाई पर रोक लगाने की भी मांग की थी। याचिका में कैबिनेट सचिव ने आरोप लगाया कि चतुर्वेदी ने अपने कार्यकाल के दौरान की गई लापरवाही और कदाचार के मामलों को छुपाने का प्रयास किया है। चतुर्वेदी ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कोर्ट में पहले की फाइल नोटिंग प्रस्तुत की, जिसमें उनकी ईमानदारी और उत्कृष्ट कार्य की सराहना की गई थी। इस घटनाक्रम से यह संकेत मिलता है कि पारदर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता और भी बढ़ गई है।

भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई में बड़ी बाधाएं

चतुर्वेदी ने वर्ष 2017 में अपने अपीलीय अभ्यावेदन में चतुर्वेदी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि उनके खिलाफ निराधार आरोप लगाए गए हैं। यह बात दर्शाती है कि प्रशासनिक मामलों में पारदर्शिता की क्या स्थिति है और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई कितनी कठिन है।

क्या आगे का रास्ता?

यह मामला न केवल संजीव चतुर्वेदी की व्यक्तिगत प्रतिष्ठा के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि भारत में प्रशासनिक पारदर्शिता और नैतिकता के संदर्भ में भी एक महत्वपूर्ण मोड़ है। कोर्ट की सुनवाई का परिणाम इस दिशा में एक बड़ा कदम हो सकता है।

कम शब्दों में कहें तो, संजीव चतुर्वेदी ने कैबिनेट सचिव टीवी सोमनाथ के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं और कानून के माध्यम से अपनी आवाज उठाने की कोशिश की है। यह मामला आने वाले समय में प्रशासन में पारदर्शिता को लेकर क्या नीतियाँ अपनाई जाएंगी, यह देखने के लिए महत्वपूर्ण है।

इस केस की आगे की जानकारी और अपडेट पाने के लिए, कृपया हमारी वेबसाइट Haqiqat Kya Hai पर जाएं।

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