उत्तराखंड की राजधानी में राजनीतिक घमासान: भाजपा और कांग्रेस में चल रहा है कूच-कूच का खेल
Round The Watch, Desk: उत्तराखंड में इन दिनों राजनीतिक दलों ने एक नया ड्रामा शुरू किया है। प्रदेश के विकास और जनता का भला सोचने की तो इनसे उम्मीद भी क्या की जाए, लेकिन दोनों राष्ट्रीय पार्टियां निजी खींचतान में जुटे हैं। देहरादून इन दिनों राजनीतिक दलों के “कूच-युद्ध” का नया अखाड़ा बन गई है। … The post उत्तराखंड की राजधानी में आपस में कूच-कूच खेल रहे भाजपा और कांग्रेस appeared first on Round The Watch.

उत्तराखंड की राजधानी में राजनीतिक घमासान: भाजपा और कांग्रेस में चल रहा है कूच-कूच का खेल
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कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड में भाजपा और कांग्रेस के बीच चल रहे कूच-कूच के खेल ने राजधानी देहरादून को राजनीतिक ड्रामे का अखाड़ा बना दिया है। प्रदेश के विकास और आम जनता के मुद्दों को दरकिनार कर दोनों पार्टियां केवल निजी खींचतान में जुटी हैं।
राजनीतिक ड्रामा का नया अध्याय
उत्तराखंड में इन दिनों राजनीतिक दलों ने एक नया ड्रामा शुरू किया है। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही सत्ता की कुर्सी छोड़कर बाकी सभी बातें भूल चुकी हैं। इसका नतीजा यह है कि देहरादून की सड़कें कूच युद्ध के कारण जाम हो गई हैं, ट्रैफिक ठप हो गया है, और आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
हाल ही में भाजपा कार्यकर्ताओं ने कांग्रेस कार्यालय पर प्रदर्शन किया था, जिसका जवाब कांग्रेस ने भाजपा कार्यालय के घेराव के साथ दिया। इस क्रम में चार दिन पहले भाजपा कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की थी, जिससे शहर का वातावरण राजनीतिक "तापमान" से गरम हो गया।
कांग्रेस का पलटवार और जाम की स्थिति
बीते बुधवार, कांग्रेस ने भाजपा प्रदेश कार्यालय का घेराव करने की योजना बनाई। लेकिन पुलिस ने पहले से बैरिकेडिंग की व्यवस्था कर रखी थी, जिससे बलबीर रोड पूरी तरह बंद हो गया। इस स्थिति में स्कूली बच्चों, ऑफिस जाने वालों, और आम लोगों को वैकल्पिक रास्तों की खोज करनी पड़ी।
महिला कांग्रेस का प्रदर्शन
गोबर-गोमूत्र लेकर भाजपा कार्यालय कूच
महिला कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भाजपाईयों के खिलाफ धरना प्रदर्शन करते हुए “गोबर के कलश” और “गोमूत्र की शीशियां” लेकर भाजपा कार्यालय की ओर बढ़ी। इनकी नेता, ज्योति रौतेला, ने इस प्रदर्शन के माध्यम से भाजपा सरकार की महिला सुरक्षा के मुद्दों को उठाया।
पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को भाजपा दफ्तर के करीब आधा किलोमीटर पहले ही रोक दिया, जिससे मामला बढ़ गया। पूर्व मंत्री हरक सिंह रावत भी बैरिकेडिंग पर चढ़ते हुए पुलिस अधिकारियों से बहस करने लगे। जब पुलिस ने लगभग 80 कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया, तब भी यह मुद्दा शांत नहीं हुआ।
महिला सुरक्षा पर संगीन सवाल
भाजपा कार्यालय का प्रतीकात्मक “शुद्धिकरण”
महिला कांग्रेस अध्यक्ष ज्योति रौतेला ने भाजपा पर कटाक्ष करते हुए कहा, “जब ‘नारी 2025 रिपोर्ट’ देहरादून को देश के सबसे असुरक्षित शहरों में सूचीबद्ध करती है, तब भाजपा सवालों से क्यों भाग रही है?” इस पर कांग्रेस नेता रंजीत रावत ने भी गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि भाजपा के कई मंत्री और विधायक महिला उत्पीड़न के मामलों में लिप्त हैं।
आम जनता की आवाज़
जहां भाजपा और कांग्रेस एक दूसरे पर जुबानी तीर चला रहे हैं, वहीं देहरादून की आम जनता इस पूरी स्थिति में फंसकर परेशान है। ट्रैफिक जाम और धक्कामुक्की से उनकी दिनचर्या प्रभावित हो रही है। लोग पूछ रहे हैं कि सरकार महिला सुरक्षा, बेरोजगारी, और आपदा प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों पर कब ध्यान देगी।
फिलहाल, देहरादून की सड़कों पर इस राजनीतिक कूच-युद्ध का दौर जारी है, और जनता को इंतजार है उस दिन का, जब उनकी रोजमर्रा की जिंदगी बिना राजनीतिक प्रदर्शन के न चले।
आखिरकार, जब तक यह राजनीतिक दल अपने स्वार्थों से बाहर नहीं निकलेंगे, तब तक आम जनता का दर्द इसी तरह बढ़ता रहेगा।
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साभार, टीम हकीकत क्या है, राधिका सिंह
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