देहरादून नगर निगम में फर्जी सफाई कर्मचारियों के नाम पर करोड़ों का घोटाला, जांच में खुलासा

Amit Bhatt, Dehradun: नगर निगम देहरादून के बड़े स्वच्छता समिति वेतन घोटाले में पुलिस जांच ने बड़ा खुलासा किया है। शहर के 100 में से 31 वार्डों में कई साल तक फर्जीवाड़ा चलता रहा, जिसमें 99 फर्जी कर्मचारियों के नाम पर करोड़ों रुपये वेतन के रूप में हड़प लिए गए। अब इन वार्डों की पुष्टि … The post दून नगर निगम में इन 31 वार्डों में फर्जी सफाई कर्मचारियों के नाम पर करोड़ों की बंदरबांट appeared first on Round The Watch.

Sep 13, 2025 - 00:39
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देहरादून नगर निगम में फर्जी सफाई कर्मचारियों के नाम पर करोड़ों का घोटाला, जांच में खुलासा
देहरादून नगर निगम में फर्जी सफाई कर्मचारियों के नाम पर करोड़ों का घोटाला, जांच में खुलासा

देहरादून नगर निगम में फर्जी सफाई कर्मचारियों के नाम पर करोड़ों का घोटाला, जांच में खुलासा

Amit Bhatt, Dehradun: नगर निगम देहरादून में एक बड़ा वेतन घोटाला सामने आया है जिसमें 31 वार्डों में फर्जी सफाई कर्मचारियों के नाम पर करोड़ों रुपये का फर्जीवाड़ा किया गया है। पुलिस की जांच में पता चला है कि पिछले कई वर्षों से ये कर्मचारी केवल कागज़ों में ही मौजूद थे। अब ऐसे में नगर निगम और राजनीतिक माहौल में हलचल मच गई है।

कम शब्दों में कहें तो, इस घोटाले ने स्थानीय राजनीति को हिला कर रख दिया है और अधिकारियों के सामने गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब जनता और विपक्ष ये जानना चाहते हैं कि आखिर इस गड़बड़ी के पीछे कौन है।

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गहरी होती जांच

यह मामला लगभग डेढ़ साल पहले उजागर हुआ था, लेकिन अब जांच के जरिए कई महत्वपूर्ण तथ्यों का खुलासा हुआ है। विभिन्न सफाई समितियों के अध्यक्ष, सचिव और कोषाध्यक्षों से लगातार पूछताछ की जा रही है। जांचकर्ताओं का ध्यान अब उन लोगों पर है जिन्होंने इन फर्जी कर्मचारियों के नाम पर भुगतान के लिए हस्ताक्षर किए थे।

शिकायत और कार्रवाई

तीन महीने पहले नगर निगम के उप नगर आयुक्त (विधि) गौरव भसीन ने शहर कोतवाली में एक शिकायत दायर की थी। इस शिकायत में कहा गया कि पिछले वर्ष के भौतिक सत्यापन में 99 कर्मचारी मौके पर अनुपस्थित पाए गए थे, लेकिन इसके बावजूद उनके नाम पर वेतन जारी होता रहा। नगर निगम ने बिना उचित पुष्टि के इन नामों को मान्यता दी थी।

नियमों का उल्लंघन

सरकारी नियमों के अनुसार, कर्मचारियों का वेतन सीधे उनके बैंक खातों में भेजा जाना चाहिए था। लेकिन 2019 में नियम बदल जाने के बाद सभी भुगतान स्वच्छता समितियों को सौंप दिए गए। इससे उन कर्मचारियों की सत्यता की जांच नहीं हो सकी। अधिवक्ता विकेश नेगी द्वारा कोर्ट में याचिका दायर करने के बाद ही निगम ने इस मामले में पुलिस से शिकायत की।

घोटाले के वार्डों की सूची

इन 31 वार्डों में ये फर्जीवाड़ा हुआ है:

  • वार्ड-1 मालसी
  • वार्ड-6 दून विहार
  • वार्ड-11 विजय कॉलोनी
  • वार्ड-35 श्रीदेव सुमन
  • वार्ड-37 वसंत विहार
  • वार्ड-38 पंडितवाड़ी
  • वार्ड-39 इंद्रा नगर
  • वार्ड-42 कांवली
  • वार्ड-50 राजीव नगर
  • वार्ड-63 लाडपुर
  • वार्ड-64 नेहरूग्राम
  • वार्ड-66 रायपुर
  • वार्ड-67 मोहकमपुर
  • वार्ड-68 चक तुनवाला-मियांवाला
  • वार्ड-75 लोहिया नगर
  • वार्ड-77 माजरा
  • वार्ड-79 भारूवाला ग्रांट
  • वार्ड-84 बंजारावाला
  • वार्ड-85 मोथरोवाला
  • वार्ड-87 पित्थूवाला
  • वार्ड-88 मेहूंवाला-1
  • वार्ड-89 मेहूंवाला-2
  • वार्ड-92 आरकेडिया-1
  • वार्ड-93 आरकेडिया-2
  • वार्ड-94 नत्थनपुर-1
  • वार्ड-95 नत्थनपुर-2
  • वार्ड-96 नवादा
  • वार्ड-97 हर्रावाला
  • वार्ड-98 बालावाला
  • वार्ड-99 नकरौंदा
  • वार्ड-100 नथुवावाला

राजनीतिक हलचल

इस घोटाले ने केवल नगर निगम प्रशासन को ही हिला कर नहीं रखा बल्कि इससे राजनीतिक गलियारों में भी उथल-पुथल मच गई है। इन वार्डों में कई भाजपा और कांग्रेस के दिग्गज पार्षद भी शामिल रहे हैं। आने वाले दिनों में इस मामले का राजनीतिक असर और बढ़ सकता है।

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संपादक, Team Haqiqat Kya Hai

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