देहरादून की एटीएस कॉलोनी: नगर निगम ने भूमाफिया के कब्जे से मुक्ति पाई
Amit Bhatt, Dehradun: सहस्त्रधारा रोड स्थित एटीएस कॉलोनी में लंबे समय से चल रहे भूमि विवाद पर आखिरकार नगर निगम ने निर्णायक वार करते हुए अपनी कीमती जमीन को आज भूमाफिया के कब्जे से मुक्त करा लिया। इस जमीन को कब्जामुक्त कराने के लिए निगम की टीम ने दो घंटे की सघन कार्रवाई की, जिसमें पुलिस बल, … The post देहरादून की पॉश एटीएस कॉलोनी प्रकरण में बिल्डर की धौंस टूटी, नगर निगम ने हटाया कब्जा appeared first on Round The Watch.

देहरादून की एटीएस कॉलोनी: नगर निगम ने भूमाफिया के कब्जे से मुक्ति पाई
Amit Bhatt, Dehradun: सहस्त्रधारा रोड पर स्थित एटीएस कॉलोनी में लंबे समय से चल रहे भूमि विवाद का अंत करते हुए नगर निगम ने अपने अहम् निर्णय के तहत आज भूमाफिया के कब्जे से जमीन को खाली करा लिया। इस कार्रवाई को अंजाम देने के लिए निगम की टीम ने दो घंटे तक सघन प्रयास किए, जिसमें पुलिस बल, नगर निगम के अधिकारी और स्थानीय निवासी शामिल रहे।
भूमि विवाद का ऐतिहासिक संदर्भ
यह मामला पिछले कई महीनों से चल रहा था। नगर निगम की टीम जब तीन सप्ताह पहले इस जमीन का सर्वे करने पहुंची, तो बिल्डर ने शासन के एक सचिव का नाम लेकर अधिकारियों को धमकाया, जिससे निगम को बिना कोई कदम उठाए लौटना पड़ा।
बिल्डर की धारणाएँ और धोखाधड़ी
बिल्डर ने इस जमीन से जुड़े तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर भवनों के नक्शे पास कराने का प्रयास किया और धीरे-धीरे नगर निगम की भूमि पर अपने कब्जे को मजबूत किया। इसी दौरान स्थानीय निवासियों ने बार-बार शिकायतें कीं, लेकिन मामला नगर नियोजन प्राधिकरण और शासन के स्तर पर लटका रहा।
भूमि हस्तांतरण की फर्जी योजना
वर्ष 2023-24 में बिल्डर ने 3800 वर्ग मीटर भूमि में से 1250 वर्ग मीटर भूमि के हस्तांतरण का प्रस्ताव पेश किया, जिसकी बाजार मूल्य बेहद कम थी। इस प्रस्ताव को बिना गहन जांच-पड़ताल के निगम ने शासन को भेज दिया, जिससे स्थिति और जटिल हो गई।
गोल्डन फॉरेस्ट कनेक्शन
यह ध्यान देने योग्य है कि एटीएस कॉलोनी की भूमि गोल्डन फॉरेस्ट की सम्पत्तियों में आती है, जिनकी नीलामी का मामला सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। इस संदर्भ में नगर निगम की योजना पर सवाल उठ रहे हैं, खासकर जब बात प्राइवेट बिल्डर को इस भूमि के हस्तांतरण की हो।
स्थानीय निवासियों की खुशी और उम्मीदें
कब्जे मुक्त करने का कार्य छोटे मशीनों की सहायता से किया गया, जिसमें झाड़ियों को साफ कर दिया गया। स्थानीय निवासियों ने इस कार्रवाई का समर्थन करते हुए उम्मीद जताई है कि इस स्थान पर अब पार्क का निर्माण होगा, जिससे कॉलोनी में हरियाली बढ़ेगी।
नगर निगम की स्पष्ट नीति
नगर निगम के अधिकारियों ने इसे स्पष्ट किया है कि वे किसी भी प्रकार के अवैध कब्जों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करेंगे और भविष्य में ऐसे मामलों में 'शून्य सहनशीलता' की नीति अपनाएंगे। यह एक सशक्त संदेश है, जो भविष्य में भूमि उपयोग को लेकर और भी महत्वपूर्ण साबित हो सकता है।
इस मामले से यह स्पष्ट होता है कि नगर निगम ने अपने अधिकारों का सही इस्तेमाल करते हुए भूमि विवादों के प्रति कठोर नेताओं का उदाहरण प्रस्तुत किया है।
कम शब्दों में कहें तो, नगर निगम द्वारा की गई यह कार्रवाई एक महत्वपूर्ण कदम है जो भूमि अधिकार और सम्पत्ति की सुरक्षा को सुनिश्चित करती है।
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Written by: Team Haqiqat Kya Hai
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