दून के नाम दुनिया की उपलब्धि, पहली बार खोजी गई सांप, छिपकली और मेढकों की 12 प्रजाति
Rajkumar Dhiman, Dehradun: जब पूरी दुनिया वनों के सिकुड़ते दायरे और जैव विविधता के तेजी से घटते खजाने को लेकर चिंतित है, ऐसे समय में भारत से एक आशा की किरण फूटी है। भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) के वरिष्ठ विज्ञानी डॉ. अभिजीत दास ने अरुणाचल प्रदेश के घने और अब तक कम खोजे गए वर्षा … The post दून के नाम दुनिया की उपलब्धि, पहली बार खोजी गई सांप, छिपकली और मेढकों की 12 प्रजाति appeared first on Round The Watch.

Rajkumar Dhiman, Dehradun: जब पूरी दुनिया वनों के सिकुड़ते दायरे और जैव विविधता के तेजी से घटते खजाने को लेकर चिंतित है, ऐसे समय में भारत से एक आशा की किरण फूटी है। भारतीय वन्यजीव संस्थान (WII) के वरिष्ठ विज्ञानी डॉ. अभिजीत दास ने अरुणाचल प्रदेश के घने और अब तक कम खोजे गए वर्षा वनों में सांप, छिपकलियों और मेंढकों की 12 नई प्रजातियों की खोज की है। यह उपलब्धि न केवल वैज्ञानिक जगत के लिए ऐतिहासिक है, बल्कि भारत की जैव विविधता की समृद्धि का भी प्रमाण है।
डॉ. दास को नेशनल ज्योग्राफिक सोसाइटी ने हाल ही में अपना “एक्सप्लोरर” चुना है। इसी परियोजना के अंतर्गत उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के कठिन भूभाग और गहरे वनों में अभियान चलाया। उनके अनुसार, यह क्षेत्र अब तक वैज्ञानिक रूप से काफी हद तक अछूता था, और इसलिए यहां की जैव विविधता अद्भुत और अनोखी है।
डॉ दास के अनुसार “हमने ऐसे जीव पाए हैं जो पहले कभी किसी वैज्ञानिक दस्तावेज़ में दर्ज नहीं हुए। यह इस बात का संकेत है कि पूर्वोत्तर भारत जैव विविधता के दृष्टिकोण से एक वैश्विक ‘हॉटस्पॉट’ है, जिसे और गहराई से समझने की जरूरत है”।
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