उत्तराखंड के बेरोजगार युवाओं के आंदोलन में सरकार के षड्यंत्र का आरोप, संघर्ष जारी

Amit Bhatt, Dehradun: उत्तराखंड में भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ियों और पेपर लीक मामले को लेकर सड़कों पर उतरे बेरोजगार युवाओं का आंदोलन लगातार उग्र होता जा रहा है। परेड ग्राउंड में धरने पर बैठे बेरोजगार संघ ने अब सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि आंदोलन को कमजोर करने के लिए षड्यंत्र रचा … The post वीडियो: बेरोजगार युवाओं के आंदोलन को कमजोर करने का आरोप, सरकार के षड्यंत्र रचने का दावा appeared first on Round The Watch.

Sep 24, 2025 - 18:39
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उत्तराखंड के बेरोजगार युवाओं के आंदोलन में सरकार के षड्यंत्र का आरोप, संघर्ष जारी

लेखिका: सुषमा शर्मा, देहरादून

कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड में बेरोजगार युवाओं का आंदोलन लगातार उग्र होता जा रहा है। सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए आंदोलनकारियों ने यह कहा है कि सरकार उनके आंदोलन को कमजोर करने के लिए षड्यंत्र रच रही है। हकीकत क्या है पर और जानकारी पाने के लिए जुड़े रहें। यह घटनाक्रम इस समय उत्तराखंड की राजनीति में एक महत्वपूर्ण मुद्दा बन चुका है।

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आंदोलन का ऐतिहासिक संदर्भ

उत्तराखंड में भर्ती परीक्षाओं में धांधली और पेपर लीक के मामले लगातार सुर्खियों में हैं। बेरोजगार संघ के सदस्य परेड ग्राउंड में धरने पर बैठे हुए हैं। इस धरने में शामिल युवा अगले चरण की कार्रवाई तय करने के लिए एकजुट होने का प्रयास कर रहे हैं। आंदोलन के प्रवक्ता बॉबी पंवार ने कहा कि सरकार की चाल के कारण आंदोलनकारियों को असुरक्षित महसूस हो रहा है।

सरकार पर गंभीर आरोप

मंगलवार की रात बॉबी पंवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "सरकार द्वारा कुछ छात्रों को जबरन प्रदर्शन कराने के लिए लाया गया है। हमें यह जानकर दुख होता है कि सरकार इस प्रकार के षड्यंत्र को अंजाम दे रही है।" उन्होंने बताया कि जब उनका प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मिला तब उन्हें कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला, जिससे आंदोलन जारी रखने का निर्णय लिया गया।

छात्रों से पूछताछ

बॉबी पंवार का दावा है कि जब छात्र हरिद्वार लौट रहे थे, तो बेरोजगार संघ के सदस्यों ने उनकी बसों को रोका और उनसे पूछताछ की। छात्रों ने स्वीकार किया कि उन्हें शैक्षणिक भ्रमण के बहाने देहरादून बुलाया गया था और वे मजबूरन प्रदर्शन में शामिल होना पड़ा। संघ ने इस संदर्भ में वीडियो सबूत भी होने की बात कही है।

राजनीतिक समर्थन

पेपर लीक के खिलाफ संघर्ष कर रहे बेरोजगारों के समर्थन में राष्ट्रवादी रीजनल पार्टी ने भी बड़े ढंग से साकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष सुलोचना ईस्टवाल के नेतृत्व में हर प्रकार के सहयोग का आश्वासन दिया है। इस कार्यक्रम में पार्टी के अन्य वरिष्ठ पदाधिकारी भी शामिल हुए थे।

आंदोलन की मुख्य मांगें

बेरोजगार संघ की मुख्य मांगें निम्नलिखित हैं:

  • सभी भर्ती परीक्षाओं की सीबीआई जांच हो
  • हाल ही में हुई स्नातक स्तरीय परीक्षा तत्काल निरस्त की जाए
  • एक माह में नई परीक्षा कराई जाए
  • यूकेएसएसएससी अध्यक्ष जी.एस. मर्तोलिया को हटा दिया जाए
  • आरक्षी भर्ती नियमावली में तत्काल संशोधन किया जाए

विरोधाभास और आंदोलन का गर्माता माहौल

बेरोजगार संघ ने सरकार पर आरोप लगाया कि वह युवाओं पर फर्जी मुकदमे दर्ज करवा रही है, जबकि असली गड़बड़ी करने वालों को संरक्षण मिल रहा है। युवाओं ने इस संदर्भ में सरकार के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। इस तनावपूर्ण स्थिति में एक विरोधी संगठन परीक्षा की पारदर्शिता की बात कर रहा है और परीक्षा के परिणामों की मांग कर रहा है।

आगे की राह

बेरोजगार संघ के प्रदेश अध्यक्ष राम कंडवाल ने चेतवानी दी है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। ऐसी स्थिति में यह कहना मुश्किल है कि आंदोलन का परिणाम क्या होगा, लेकिन यह निश्चित है कि यह संघर्ष उत्तराखंड के राजनीतिक परिदृश्य को प्रभावित करेगा।

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संघ के महासचिव संजेंद्र कठैत वे अन्य पदाधिकारी लगातार इस बड़े मुद्दे को लेकर सरकार पर दबाव बना रहे हैं। उनके प्रयासों का क्या फल होगा, यह तो भविष्य में ही पता चलेगा, लेकिन फिलहाल युवाओं की एकजुटता उनकी शक्ति को प्रदर्शित कर चुकी है।

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सहयोग और समर्थन के इस माहौल में एक बात स्पष्ट है कि बेरोजगार युवाओं की आवाज को अनसुना नहीं किया जा सकता।

सादर,
टीम हकीकत क्या है
- सुषमा शर्मा

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