इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी से 109 प्रशिक्षु IFS अधिकारियों की सफल ग्रेजुएशन, मिधुनमोहन रहे टॉपर
Rajkumar Dhiman, Dehradun: With the convocation of the year 2023-2025 batch of Indira Gandhi National Forest Academy (IGNFA), the country got 109 IFS officers. These young officers will now serve as young forest officers in the state of their cadre. Apart from IFS, two trainee officers among those who passed out are also from friendly … The post 109 trainee IFS officers passed out from IGNFA, Midhunmohan topped appeared first on Round The Watch.

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इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी से 109 प्रशिक्षु IFS अधिकारियों की सफल ग्रेजुएशन, मिधुनमोहन रहे टॉपर
लेखक: स्नेहा राठौर, टीम Haqiqat Kya Hai
राजकुमार धीमान, देहरादून: इन्दिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी (IGNFA) ने 2023-2025 बैच के समापन समारोह का आयोजन किया, जिसमें 109 नए भारतीय वन सेवा (IFS) अधिकारियों का स्वागत किया गया। यह अवसर नए स्नातकों के लिए महत्वपूर्ण था, जो अब अपने-अपने राज्यों में वन अधिकारियों के रूप में कार्य करने के लिए तैयार हैं। केरल कैडर के मिधुनमोहन एसबी ने सभी के बीच उत्कृष्टता दिखाई और ऑल-राउंड आउटस्टैंडिंग परफॉरमेंस अवार्ड जीता, जो उनकी विशिष्ट क्षमताओं को दशार्ता है।
नए अध्याय की शुरुआत समारोह
यह समापन समारोह प्रतिष्ठित वन अनुसंधान संस्थान (FRI) में आयोजित किया गया, जिसका उद्घाटन राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस वी. रामासुब्रमण्यम ने किया। जब उन्होंने अधिकारियों को उनके प्रशिक्षण के दौरान उनके प्रदर्शन के आधार पर विभिन्न पुरस्कार दिए, तो उन्होंने पेशेवर जिम्मेदारी, नैतिकता और कर्तव्य के प्रति वफादारी के महत्व पर जोर दिया। 50 से अधिक उम्मीदवारों ने उत्कृष्टता के डिप्लोमा प्राप्त किए, जिनकी परीक्षा में 75% से अधिक अंक थे, जो कि एक प्रतिस्पर्धात्मक वातावरण में एक प्रशंसनीय उपलब्धि है।
IFS अधिकारियों का राज्यवार वितरण
नए स्नातक अधिकारियों में विभिन्न राज्यों से शामिल हुए हैं, जिनमें मध्य प्रदेश से 17 अधिकारियों का सबसे अधिक प्रतिनिधित्व है, इसके बाद उत्तर प्रदेश से 12 और गुजरात, ओडिशा एवं तमिलनाडु जैसे राज्यों से अन्य अधिकारी शामिल हैं। इस वितरण ने भारत में वन संरक्षण और प्रबंधन के प्रति समर्पण का अद्भुत प्रदर्शन किया है।
संमान एवं पुरस्कार
इन पुरस्कारों में, मिधुनमोहन एसबी को सर्वश्रेष्ठ परफार्मर के रूप में पहचाना गया, इसके अलावा उत्तर प्रदेश के पृथ्वीराज केएसबी को सबसे अच्छा समग्र वनपाल और मध्य प्रदेश के शौभित जोशी को कोर फॉरेस्ट्री विषयों में टॉपर के रूप में सम्मानित किया गया। ये पुरस्कार न केवल अधिकारियों की व्यक्तिगत उत्कृष्टता को दर्शाते हैं, बल्कि अकादमी के सख्त प्रशिक्षण कार्यक्रमों की भावना को भी दर्शाते हैं।
प्रशिक्षण में परिवर्तन की अनुकूलता
IGNFA के इतिहास में पहली बार, प्रशिक्षुओं को अपने-अपने कैडरों में सेवा शुरू करने की अनुमति दी गई, यहां तक कि उनकी प्रशिक्षण प्रक्रिया पूरी होने से पहले। इस अभिनव दृष्टिकोण का उद्देश्य हाथ पर अनुभव प्रदान करना है, ताकि भविष्य के अधिकारी अपने शुरुआती करियर में वास्तविक चुनौतियों का सामना कर सकें। उत्तराखंड कैडर के प्रशिक्षुओं ने नोट किया कि यह परिवर्तन उनकी जिम्मेदारियों की बारीकियों को समझने में लाभकारी रहा है।
विशिष्ट वक्ता से जीवन की सीख
जस्टिस रामासुब्रमण्यम ने अपने सम्बोधन में अधिकारियों को ईमानदारी, सेवा और सार्वजनिक जवाबदेही के मूल्यों को अंगीकार करने की सलाह दी। उन्होंने छात्रों के विकासशील शैक्षिक सफर पर अपने विचार साझा करते हुए बताया कि किस प्रकार कला से लेकर विज्ञान तक और अब वन सेवाओं तक के विविध रास्ते विभिन्न क्षेत्रों में नेताओं के रूप में आकार देने की क्षमता रखते हैं। उन्होंने पुनः दोहराया कि प्रत्येक अधिकारी को पारिस्थितिक संरक्षण और समाज कल्याण के प्रति अपनी प्रतिबद्धताओं में आत्म-जागरूकता के लिए प्रयास करना चाहिए।
नए अधिकारियों की प्रेरणादायक यात्राएं
मिधुनमोहन एसबी के वन संरक्षण के प्रति जुनून उनके पालन-पोषण में निहित है; उनके किसान पिता ने प्रकृति और उसके संसाधनों की सराहना करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसी प्रकार, पृथ्वीराज और शौभित की कथाएँ भी उनके जलवायु और पर्यावरण के प्रति अंतर्निहित संबंध को दर्शाती हैं जो उन्हें वन सेवा की ओर ले गई। उनकी कहानियों में सच्चे सरकारी सेवकों के लिए प्रेरणा की झलक है, जो एक सतत भविष्य की दिशा में दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को महत्व देती हैं।
निष्कर्ष: सतत भविष्य की दिशा में एक कदम
109 नए IFS अधिकारियों का ग्रेजुएशन न केवल व्यक्तिगत उपलब्धियों को दर्शाता है, बल्कि भारत के वन संरक्षण और प्रबंधन की चुनौतियों के लिए एक व्यापक समर्पण को भी इंगित करता है। नए दृष्टिकोण, अमूल्य अनुभवों, और मजबूत प्रशिक्षण के आधार पर, ये अधिकारी पर्यावरण संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों के सतत उपयोग में नेतृत्व देने के लिए तैयार हैं। यह न केवल IGNFA के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए गर्व का क्षण है।
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