देश के टोल प्लाजा से हर दिन 168 करोड़ रुपये की अद्भुत कमाई
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने सांसद दरोगा प्रसाद सरोज के एक सवाल का जबाव देते हुए लोकसभा में बताया कि देश में 1,087 टोल प्लाजाओं से हर दिन 168 करोड़ रुपये की कमाई हो रही है। बुढ़नपुर–वाराणसी सड़क के बारे में सरकार ने जानकारी दी कि यह सड़क दो हिस्सों में बनी है। बुढ़नपुर […]

देश के टोल प्लाजा से हर दिन 168 करोड़ रुपये की अद्भुत कमाई
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लेखिका: सुमन शर्मा, निधि मौदगिल, और प्रिया वर्मा
कम शब्दों में कहें तो भारत की सड़क परिवहन व्यवस्था में एक नया मोड़ आया है। हाल ही में लोकसभा में यह जानकारी साझा की गई कि देशभर के 1,087 टोल प्लाजा से हर दिन 168 करोड़ रुपये की कमाई हो रही है। यह जानकारी सांसद दरोगा प्रसाद सरोज के पूछे गए प्रश्न के उत्तर में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा प्रस्तुत की गई है। यह आंकड़ा भारतीय परिवहन क्षेत्र की आर्थिक स्थिति को उजागर करता है।
टोल प्लाज़ा की संरचना और आय
समाचार के अनुसार, बुढ़नपुर–वाराणसी सड़क को दो हिस्सों में रखा गया है और इसके निर्माण की कुल लागत 5,746.97 करोड़ रुपये है। अब तक इस परियोजना से 73.47 करोड़ रुपये की टोल वसूली हो चुकी है। टोल वसूली न केवल सड़कों की देखभाल के लिए आवश्यक है बल्कि इसे नई सड़क निर्माण के लिए भी उपयोग किया जाता है।
टोल वसूली का महत्व
केंद्र सरकार ने स्पष्ट किया है कि टोल वसूली का उद्देश्य सिर्फ लागत वसूली नहीं है। यह उपयोग शुल्क के अंतर्गत आती है और सरकार या निजी परियोजनाओं के तहत टोल की दर और अवधि तय की जाती है। यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि राष्ट्रीय राजमार्गों पर यातायात सुचारू रूप से चलता रहे।
टोल प्लाजा की आर्थिक स्थिति
आंकड़ों के अनुसार, जून 2025 तक पूरे देश में कुल 1,087 टोल प्लाजा स्थापित हो चुके होंगे। इस समय दैनिक टोल आय लगभग 168.24 करोड़ रुपये होगी। आगामी 2024-25 वित्तीय वर्ष में, कुल टोल आय का अनुमान 61,408.15 करोड़ रुपये है। इसमें से सार्वजनिक निधि वाले प्लाजा से 28,823.74 करोड़ रुपये और निजी ऑपरेटरों द्वारा संचालित प्लाजा से 32,584.41 करोड़ रुपये की आय उत्पन्न होगी।
वर्तमान योजनाएं और सरकार की नीति
यह भी उल्लेखनीय है कि सरकार ने राष्ट्रीय राजमार्गों को टोल-फ्री करने की किसी योजना की जानकारी नहीं दी। अर्जित राजस्व को केंद्रीय समेकित निधि में डाला जाएगा, जिससे नई सड़कें बनाई जाती हैं। यह निर्णय ग्रामीण विकास और आधारभूत संरचना को मोटे तौर पर समर्थन देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
निष्कर्ष
इन आंकड़ों के माध्यम से समझ आता है कि टोल प्लाजा न केवल सड़कों के रखरखाव में खेलते हैं, बल्कि यह देश की आर्थिक विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। यदि सरकारी योजनाएं इसी प्रकार विकसित होती रहीं, तो यह निश्चित रूप से भारत में सड़क परिवहन को और सुधारने में सहायक सिद्ध होंगी।
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सigned by: टीम हक़ीक़त क्या है, प्रिया वर्मा
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