राहत एवं आर्थिक सहायता का वितरण: पीड़ितों को मिले न्याय- सीडीओ
देहरादून: मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह की अध्यक्षता में शुक्रवार को विकास भवन में अनुसूचित जाति, जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम-1995 के अंतर्गत गठित जिला स्तरीय सतर्कता एवं अनुश्रवण समिति की बैठक हुई। बैठक में अधिनियम के अंतर्गत वर्ष 2021 से अभी तक पीड़ितों के प्राप्त प्रकरणों और उनको राहत व आर्थिक सहायता वितरण कार्यो की […]

राहत एवं आर्थिक सहायता का वितरण: पीड़ितों को मिले न्याय- सीडीओ
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देहरादून: मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह की अगुवाई में शुक्रवार को विकास भवन में अनुसूचित जाति, जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम-1995 के अंतर्गत जिला स्तरीय सतर्कता एवं अनुश्रवण समिति की महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में पिछले वर्ष 2021 से लेकर अब तक पीड़ितों के मामलों की गहन समीक्षा की गई, ताकि उन्हें समय पर राहत एवं आर्थिक सहायता मिल सके।
पीड़ितों की सहायता की समीक्षा
मुख्य विकास अधिकारी ने प्रदेश में लंबित मामलों का शीघ्र निस्तारण करते हुए पीड़ितों को यथासमय सहायता प्रदान करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने पुलिस विभाग को निर्देशित किया कि पिछले पांच वर्षों में अधिनियम के तहत पंजीकृत सभी मामलों की अद्यतन जानकारी 15 दिनों के भीतर उपलब्ध कराई जाए। साथ ही, समाज कल्याण विभाग के लिए हर तीन माह में समिति की बैठक करने के लिए एक रोस्टर निर्धारित करने का निर्देश दिया गया है, ताकि लंबित मामलों का त्वरित समाधान किया जा सके।
सामाजिक समस्या के आंकड़े
बैठक में यह भी बताया गया कि अनुसूचित जाति, जनजाति अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत वर्ष 2021 से 2025 के बीच कुल 63 मामले पंजीकृत हुए हैं, जिनमें मारपीट, गाली-गलौज, जाति सूचक शब्द, छेड़छाड़, बलात्कार और हत्या शामिल हैं। प्रशासन ने उल्लेख किया कि कुछ मामलों का निस्तारण हो चुका है, जबकि शेष मामलों पर सुनवाई जारी है।
आर्थिक सहायता का वितरण
समिति की बैठक में जानकारी दी गई कि पीड़ितों को आर्थिक सहायता के रूप में वर्ष 2021 से अब तक कुल 32.18 लाख रुपये की राहत वितरित की जा चुकी है। इसमें छेड़छाड़ और लज्जा भंग के मामलों में 9 लाख, बलात्कार के मामलों में 24 लाख, और हत्या के मामले में 8.25 लाख रुपये की धनराशि शामिल है। यह आंकड़े यह दर्शाते हैं कि प्रशासनिक प्रयास से पीड़ितों की सहायता करने की दिशा में ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।
समिति की बैठक में अन्यों की उपस्थिति
इस बैठक में विधायक उमेश शर्मा काऊ, विधायक खजान दास के प्रतिनिधि गोपाल पुरी, समिति के सदस्य सतीश कुमार, जनक सिंह, परियोजना निदेशक विक्रम सिंह, जिला समाज कल्याण अधिकारी दीपांकर घिल्डियाल तथा पुलिस विभाग के निरीक्षक केआर पांडेय शामिल थे। सभी उपस्थित सदस्यों ने सामूहिक रूप से पीड़ितों को न्याय दिलाने और उन तक शीघ्र राहत पहुंचाने में अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की।
निष्कर्ष
मुख्य विकास अधिकारी ने स्पष्ट किया है कि सरकार का लक्ष्य पीड़ितों को यथाशीघ्र न्याय और सहायता प्रदान करना है। इसके लिए सभी प्रकरणों का समुचित निस्तारण आवश्यक है, जिससे समाज के सभी वर्गों तक इस पहल का लाभ पहुंच सके। यह सुनिश्चित करने के लिए प्रशासनिक तत्परता और सामूहिक जागरूकता अति महत्वपूर्ण है। सभी नागरिकों की भागीदारी से ही यह संभव हो सकेगा कि कोई भी व्यक्ति न्याय से वंचित न रहे।
टीम Haqiqat Kya Hai
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