राजनीति में वंशवाद: 21% सांसद, विधायक और MLC राजनीतिक परिवारों से जुड़े

नई दिल्ली: एक नए विश्लेषण के अनुसार, भारत में अभी भी वंशवाद की राजनीति गहरी The post राजनीति में वंशवाद: देश में राजनीतिक परिवारों से हैं 21% सांसद, विधायक और MLC first appeared on radhaswaminews.

Sep 14, 2025 - 00:39
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राजनीति में वंशवाद: 21% सांसद, विधायक और MLC राजनीतिक परिवारों से जुड़े
राजनीति में वंशवाद: 21% सांसद, विधायक और MLC राजनीतिक परिवारों से जुड़े

राजनीति में वंशवाद: 21% सांसद, विधायक और MLC राजनीतिक परिवारों से जुड़े

नई दिल्ली: एक ताजा विश्लेषण के अनुसार, भारत में वंशवाद का मुद्दा अभी भी गहराई से बना हुआ है। एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) और नेशनल इलेक्शन वॉच (NEW) की हालिया रिपोर्ट से पता चलता है कि मौजूदा 5204 सांसदों, विधायकों और विधान परिषद के सदस्यों में से 1107 (21%) का संबंध राजनीतिक परिवारों से है। यह प्रवृत्ति स्वतंत्रता के बाद से विकसित हुई है और मज़बूत पारिवारिक नेटवर्क, ऐतिहासिक नेतृत्व और मतदाताओं की पहचान पर निर्भर करती है। लेकिन यह सवाल भी उठाता है कि क्या यह प्रवृत्ति प्रतिभा, उत्तरदायित्व और समान प्रतिनिधित्व को खतरे में डाल रही है।

कम शब्दों में कहें तो, भारत की राजनीतिक संरचना में वंशवाद एक गंभीर मुद्दा बना हुआ है, जहां लोकतंत्र की नींव पर सवाल उठता है। इस समस्या की जांच के लिए, Haqiqat Kya Hai पर हमें और जानकारी प्राप्त होती है।

वंशवाद की परिभाषा और रिपोर्ट के निष्कर्ष

रिपोर्ट वंशवाद को उस प्रथा के रूप में परिभाषित करती है, जिसमें राजनीतिक ताकत परिवारों में केंद्रित होती है। यह पारिवारिक नाम, धन, और संसाधनों का उपयोग करके नीति निर्धारण में प्रभाव को बढ़ाती है। इस रिपोर्ट में वंशवादी सदस्यों के संबंध को दर्शाने के लिए पिछले और स्थायी निर्वाचित अधिकारियों और पार्टी नेताओं के परिवार से जुड़े होने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। हालांकि, यह अध्ययन संपूर्ण नहीं है, क्योंकि कई वंशवादी नेता चुनाव हारकर भी सक्रियता बनाए रखते हैं।

राष्ट्रीय स्तर पर वंशवाद का पैटर्न

अध्ययन के अनुसार, लोकसभा में वंशवाद का स्तर सबसे अधिक है (31%), जबकि राज्य विधानसभाओं में (20%) सबसे कम है। इसमें विभिन्न विधानमंडलों के आंकड़े निम्नलिखित हैं:

विधानमंडल का प्रकार कुल सदस्य वंशवादी सदस्य वंशवादी प्रतिशत (%)
राज्य विधानसभा (विधायक) 4,091 816 20
लोकसभा (सांसद) 543 167 31
राज्यसभा (सांसद) 224 47 21
राज्य विधान परिषद (एमएलसी) 346 77 22
कुल 5,204 1,107 21

पार्टीवार विश्लेषण

विभिन्न राष्ट्रीय दलों में वंशवाद की स्थिति इस प्रकार है:

पार्टी विश्लेषणित सदस्य वंशवादी पृष्ठभूमि वाले सदस्य वंशवादी %
कांग्रेस 32%
भाजपा 18%
माकपा 8%
अन्य 20%

राज्यवार वंशवाद की स्थिति: आंध्र प्रदेश सबसे ऊपर

राज्यवार आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश में वंशवाद की संख्या सबसे अधिक है, जहां 604 में से 141 सदस्य (23%) वंशवादी हैं। विश्लेषण के अनुसार, आंध्र प्रदेश में 255 में से 86 सदस्य (34%) परिवारों से जुड़े हैं, जो उच्चतम दर है। निम्नलिखित चार राज्यों के वर्तमान आंकड़े हैं:

महिलाओं में वंशवाद की उच्च दर

रिपोर्ट में यह भी पाया गया कि महिलाओं में वंशवाद की दर पुरुषों से намного अधिक है। कुल 4,665 पुरुषों में से 856 (18%) वंशवादी हैं, जबकि 539 महिलाओं में से 251 (47%) वंशवादी हैं। इसका मतलब है कि महिला सदस्यों की वंशवादी दर पुरुषों के मुकाबले दोगुनी है।

वंशवाद के कारण और प्रभाव

रिपोर्ट में कई कारण बताए गए हैं जैसे मजबूत पारिवारिक परंपराएं, पार्टियों में आंतरिक लोकतंत्र की कमी, और चुनावों में धन-बाहुबल का बड़ा असर। यह प्रवृत्ति लोकतंत्र को कमजोर कर रही है और समान अवसरों को प्रभावित कर रही है। यदि वंशवाद इस तरह से बढ़ता रहा, तो भारतीय राजनीति में आवश्यक सुधार की आवश्यकता और भी उत्दृष्ट हो जाएगी।

वास्तव में, यह रिपोर्ट हमें कहती है कि भारतीय राजनीति में वंशवाद एक गंभीर मुद्दा है, जिसे समझने और सुधारने की आवश्यकता है, ताकि हमारे लोकतंत्र की नींव सुरक्षित बनी रह सके।

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