पंचायत चुनावों में रंजिशें बनीं जानलेवा, समर्थक का घायल होना गंभीर चेतावनी
विकास अग्रवाल काशीपुर (महानाद) : पंचायत चुनावों की रंजिश बड़ी खतरनाक होती है। लोग आये दिन अपनी-अपनी रंजिश निकालने में लगे रहते हैं। ऐसा ही एक मामला क्षेत्र के गांव रामनगर में सामने आया है, जहां एक ग्राम प्रधान समर्थक के प्रत्याशी ने दूसरे प्रधान समर्थक प्रत्याशी का हाथ तोड़ दिया। ग्राम रामनगर, काशीपुर निवासी […] The post पंचायत चुनाव की रंजिश बड़ी खतरनाक, समर्थक का तोड़ दिया हाथ appeared first on Mahanaad News.

पंचायत चुनावों में रंजिशें बनीं जानलेवा, समर्थक का घायल होना गंभीर चेतावनी
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द्वारा: सुषमा देसाई, अनामिका शर्मा, टीम हक़ीक़त क्या है
काशीपुर (महानाद) - पंचायत चुनावों के दौरान उत्पन्न रंजिशें अब लोगों के लिए खतरा बनती जा रही हैं। हाल ही में रामनगर गांव में हुई एक घटना ने पूरी क्षेत्रीय राजनीति को हिलाकर रख दिया है। एक उम्मीदवार के समर्थक पर दूसरे समूह द्वारा जानलेवा हमला किया गया, जिसके परिणामस्वरूप उसे गंभीर चोटें आईं। यह घटना न केवल व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए खतरा है, बल्कि यह पंचायत चुनावों के दौरान राजनीतिक तनाव को भी दर्शाती है।
घटना का संक्षिप्त विवरण
ग्राम रामनगर के निवासी जसप्रीत सिंह ने बताया कि वे ग्राम प्रधान पद के लिए इसरावती का समर्थन कर रहे थे। इसी चुनाव में प्रियंका चौधरी भी प्रत्याशी हैं, जिनके समर्थकों ने जसप्रीत को गंभीर धमकियाँ दीं। मामला उस समय और भी गंभीर हो गया जब 27 जुलाई की रात 9:45 बजे प्रियंका के समर्थक विपुल कुमार और आकाश दीप ने जसप्रीत के पिता इंद्रजीत सिंह पर हमला कर दिया, जिससे उनका बायां हाथ टूट गया। यह हमला केवल व्यक्तिगत प्रतिशोध का मामला नहीं था, बल्कि चुनावी रंजिशों का भी परिणाम था।
भ्रष्टाचार और आतंक का माहौल
जसप्रीत ने स्पष्ट किया कि प्रियंका के समर्थक उन पर निरंतर दबाव बना रहे थे। उन्होंने कहा, "उन्होंने मेरे पिता को धमकी दी कि अगर हम इसरावती का समर्थन करना जारी रखते हैं, तो हमारे लिए हालात और भी खराब हो सकते हैं।" यह घटना पंचायत चुनावों में बढ़ते तनाव का एक स्पष्ट उदाहरण है, जिसमें राजनीतिक प्रतिशोध अंततः शारीरिक हिंसा का रूप ले लेता है।
पुलिस की कार्रवाई
इस घटना के बाद, जसप्रीत ने स्थानीय पुलिस को तहरीर दी। पुलिस ने नामजद आरोपियों विपुल, आकाश और आकाश दीप के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि वह मामले की गहन जांच कर रही है और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करेगी।
समुदाय की सुरक्षा और चिंताएं
यह घटना पंचायत चुनावों में बढ़ते राजनीतिक तनाव और अस्थिरता का संकेत देती है। स्थानीय निवासियों में भय और चिंता का माहौल है, क्योंकि वे भविष्य में संभावित हिंसक घटनाओं को लेकर आशंकित हैं। जसप्रीत और उनके परिवार का आरोप है कि उन्हें जान का खतरा है और इसलिए वे सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।
समापन टिप्पणियाँ
ऐसी घटनाएँ यह दर्शाती हैं कि पंचायत चुनाव अब केवल राजनीतिक विवाद का मामला नहीं रह गए हैं, बल्कि ये लोगों की सुरक्षा का गंभीर मुद्दा बन गए हैं। यह समय है कि सभी पक्षों द्वारा सहिष्णुता और बातचीत के माध्यम से समस्याओं का समाधान निकाला जाए, ताकि शांति और एकता को बढ़ावा दिया जा सके।
कम शब्दों में कहें तो, यह घटना दर्शाती है कि चुनावी रंजिशें केवल राजनीतिक नहीं बल्कि व्यक्तिगत सुरक्षा का भी सवाल बन चुकी हैं।
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