देहरादून के पीपीपी मोड पर संचालित स्वास्थ्य केंद्रों पर जिला प्रशासन की सख्ती: 12 केंद्रों पर छापेमारी, 5 लाख का जुर्माना और अनुबंध की समाप्ति
देहरादून। देहरादून में पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर चल रहे 12 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य The post पीपीपी मोड पर संचालित शहरी अस्पतालों पर जिला प्रशासन का शिकंजा: 12 केंद्रों पर छापे, 5 लाख का प्रारंभिक जुर्माना, टर्मिनेशन की सिफारिश first appeared on radhaswaminews.

देहरादून के पीपीपी मोड पर संचालित स्वास्थ्य केंद्रों पर जिला प्रशासन का सख्त कदम: 12 केंद्रों पर छापे, 5 लाख का जुर्माना और अनुबंध समाप्ति की सिफारिश
देहरादून। देहरादून की पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड पर चल रहे 12 शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC) में अत्यधिक अव्यवस्थाओं और अनियमितताओं के संबंध में जिला प्रशासन ने कठोर कदम उठाए हैं। जिलाधिकारी सविन बंसल की अगुआई में बनाई गई चार प्रशासनिक टीमों ने रात्रि में ही इन केंद्रों पर सुनियोजित छापे मारे। इस निरीक्षण में डॉक्टरों की अनुपस्थिति, कर्मचारियों की 'भूतिया एंट्री', आवश्यक दवाओं की कमी, और स्वच्छता की गंभीर समस्याएं सामने आईं।
औचक निरीक्षण से सामने आईं अनियमितताएं
आज सुबह 9 बजे, जिलाधिकारी सविन बंसल के निर्देश पर मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह और अन्य अधिकारियों ने पीपीपी केंद्रों का औचक निरीक्षण शुरू किया। इस अचानक की गई छापेमारी से सभी केंद्रों में हड़कंप मच गया।
निरीक्षण के दौरान सामने आईं चौंकाने वाली खामियां:
- डॉक्टरों की अनुपस्थिति: अधिकांश केंद्रों पर चिकित्सक अनुपस्थित पाए गए।
- 'भूतिया' उपस्थिति: एएनएम, लैब टेक्नीशियन, और नर्सों के रजिस्टर में संदिग्ध प्रविष्टियां मिलीं।
- दवाओं की उपलब्धता: आवश्यक दवाएं आधी मात्रा में भी उपलब्ध नहीं थीं।
- खराब स्वच्छता: सफाई की व्यवस्था पूर्णतया अव्यवस्थित मिली।
- जनरेटर सेट की अनुपस्थिति: बच्चों और महिलाओं के टीकाकरण के लिए आवश्यक जनरेटर सेट मौजूद नहीं थे।
- अधूरी सुविधाएं: मरीजों के बैठने की कोई व्यवस्था नहीं थी और केंद्रों की स्थिति ‘काल कोठरी’ जैसी थी।
अक्षांश/चित्रांश जेवीके प्रा. लि. पर उठाए गए कदम
इन गंभीर अनियमितताओं को देखते हुए, जिलाधिकारी ने अक्षांश/चित्रांश जेवीके प्रा. लि. पर 5 लाख रुपये का प्रारंभिक अर्थदंड लगाया। साथ ही, इस फर्म के अनुबंध को समाप्त करने की सिफारिश मुख्य सचिव को भेजी गई है। एमओयू की समीक्षा की जा रही है, और उन पर भारी अर्थदंड की कार्रवाई संभव है।
ठीक केंद्रों का निरीक्षण और खामियां
जिलाधिकारी सविन बंसल: उन्होंने अर्बन पीएचसी जाखन और गांधीग्राम का निरीक्षण किया, जहाँ उनका सामना मानक के अनुसार इलाज और स्टाफ की कमी से हुआ।
मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह: सीडीओ ने चूना भट्टा, अधोईवाला और कारगी में स्थित पीपीपी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का निरीक्षण किया, जहाँ चिकित्सक और अन्य स्टाफ अनुपस्थित पाए गए।
शिकायतों के बाद लिया गया यह निर्णय
जिलाधिकारी को लगातार जनमानस और विभिन्न माध्यमों से शिकायतें मिल रही थीं कि पीपीपी मोड पर संचालित अस्पतालों में स्टाफ और दवा वितरण में असमानताएँ हैं। इन शिकायतों में गंभीरता के चलते यह आदेश दिया गया है।
इस कार्रवाई ने पीपीपी मोड पर चल रहे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में हड़कंप मचा दिया है। जिला प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि एमओयू मानकों का पालन न करने के लिए कठोर कार्रवाई की जाएगी।
इस तरह की कार्रवाई केवल स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को बेहतर बनाने का प्रयास नहीं है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि प्रशासन नागरिकों के स्वास्थ्य को लेकर कितनी गंभीर है।
Breaking News, Daily Updates & Exclusive Stories - Haqiqat Kya Hai
Written by: Neha Verma, Priya Sharma, Pooja Yadav
Signed off by: Team Haqiqat Kya Hai
Keywords:
PP healthcare, urban hospitals in India, administrative actions, health inspections, Dehradun health services, public-private partnerships, health service violations, district administration actions, healthcare quality issues, healthcare infrastructure in IndiaWhat's Your Reaction?






