दीपावली पर वायु प्रदूषण में उछाल, पर पिछली दीपावली के मुकाबले मिली राहत
Amit Bhatt, Dehradun: दीपावली पर राजधानी दून में इस बार पटाखों की आवाजें जरूर गूंजीं, लेकिन प्रदूषण के स्तर में पिछले वर्ष की तुलना में स्पष्ट कमी दर्ज की गई। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, घंटाघर क्षेत्र का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 254 और नेहरू कॉलोनी का AQI 230 दर्ज किया गया, जो … The post दीपावली पर वायु प्रदूषण में उछाल, पर पिछली दीपावली के मुकाबले मिली राहत appeared first on Round The Watch.

Amit Bhatt, Dehradun: दीपावली पर राजधानी दून में इस बार पटाखों की आवाजें जरूर गूंजीं, लेकिन प्रदूषण के स्तर में पिछले वर्ष की तुलना में स्पष्ट कमी दर्ज की गई। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, घंटाघर क्षेत्र का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 254 और नेहरू कॉलोनी का AQI 230 दर्ज किया गया, जो क्रमशः वर्ष 2024 की तुलना में 34 और 13 अंक कम है।
वहीं, ऋषिकेश में वायु गुणवत्ता 135 पर रही, जो पिछले साल से 38 अंक बेहतर है। सबसे सुखद स्थिति टिहरी में रही, जहां दीपावली की रात AQI 66 दर्ज हुआ और यह ‘अच्छी से संतोषजनक’ श्रेणी में रहा। टिहरी में यह पहली बार था जब दीपावली पर हवा की गुणवत्ता का मूल्यांकन किया गया। प्रदेश के अन्य शहरों की बात की जाए तो काशीपुर में एक्यूआइ सर्वाधिक 265 तक रहा, रुद्रपुर में यह आंकड़ा 241, हल्द्वानी में 194, नैनीताल में 111 और हरिद्वार में एयर क्वालिटी इंडेक्स 190 पाया गया। विभिन्न शहरों के वायु प्रदूषण के आंकड़ों को इस लिंक https://share.google/FdSWlwAr4CFEhCnEp के माध्यम से भी विस्तार से समझा जा सकता है।
13 अक्टूबर से निगरानी, 27 अक्टूबर तक जारी रहेगा आकलन
उत्तराखंड पर्यावरण संरक्षण एवं प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दीपावली से एक सप्ताह पहले ही वायु निगरानी अभियान शुरू कर दिया था। 13 अक्टूबर से लगातार देहरादून, ऋषिकेश और टिहरी में हवा की गुणवत्ता की माप ली जा रही है, जो 27 अक्टूबर तक जारी रहेगी। दीपावली से पूर्व अधिकांश दिनों में दून का एक्यूआइ ‘मध्यम’ स्तर पर बना रहा, लेकिन मुख्य पर्व की रात में बढ़े पटाखों के कारण यह ‘खराब’ श्रेणी (200 से ऊपर) में पहुंच गया। फिर भी विशेषज्ञ इसे ‘कंट्रोल में प्रदूषण’ मान रहे हैं, क्योंकि पिछले वर्षों की तुलना में हवा काफी हद तक साफ रही।
ड्रोन से की गई जल बौछार, प्रदूषण घटाने का नया प्रयोग सफल
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अमित पोखरियाल ने बताया कि इस बार शहर के नौ प्रमुख स्थानों — जैसे घंटाघर, राजपुर रोड, आइएसबीटी और सर्वे चौक — पर ड्रोन के माध्यम से पानी की बौछारें छोड़ी गईं। जहां भी धुएं की सांद्रता अधिक मिली, वहां बार-बार ड्रोन भेजे गए। इस तकनीक के उपयोग से धूल और धुएं के कणों को वायुमंडल से नीचे बैठाने में मदद मिली।
ऋषिकेश में भी चार प्रमुख स्थानों पर इसी तकनीक से हवा को स्वच्छ बनाए रखने की पहल की गई। अधिकारियों का मानना है कि यह प्रयोग आगामी त्योहारों में भी जारी रखा जाएगा।
02 दिन की दीपावली ने घटाया प्रदूषण स्तर
इस बार दीपावली की तारीख को लेकर बनी भ्रम की स्थिति ने भी पर्यावरण को थोड़ी राहत दी। कई परिवारों ने सोमवार को दीपावली मनाई, जबकि कुछ ने मंगलवार को। नतीजतन पटाखों की खपत दो दिनों में विभाजित हो गई, जिससे एक ही रात में प्रदूषण का दबाव कम पड़ा। सोमवार को अपेक्षाकृत कम पटाखे जले, जबकि मंगलवार को सीमित मात्रा में शेष पटाखे चलाए गए। अधिकारियों के अनुसार, मंगलवार रात की वायु गुणवत्ता रिपोर्ट बुधवार को जारी की जाएगी, जिसमें संभवतः ‘मध्यम से अधिक’ श्रेणी का स्तर दर्ज हो सकता है।
वर्षवार दीपावली पर वायु गुणवत्ता (AQI)
वर्ष- घंटाघर- नेहरू कॉलोनी- ऋषिकेश
2025 254 230 135
2024 288 243 173
2023 333 349 196
2022 252 242 236
2021 248 306 257
2020 317 (केवल एक स्थल) 198
AQI श्रेणियां
0–50: अच्छी
51–100: संतोषजनक
101–200: मध्यम
201–300: खराब
301–400: बहुत खराब
401 व अधिक: अति गंभीर
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