कमिश्नर के आदेश पर 80 लाख रुपये के धोखाधड़ी मामले में चार लोगों के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा

रामनगर (महानाद): जमीन की धोखाधड़ी कर 80 लाख रुपये हड़पने के मामले में पुलिस ने कमिश्नर दीपक रावत के आदेश पर 4 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर जांच शुरु कर दी है। ब्लॉक रोड, निकट बड़ी मस्जिद, खताड़ी, रामनगर (नैनीताल) निवासी अब्दुल मुस्तफा पुत्र अब्दुल जब्बार ने कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत को प्रार्थना पत्र […]

Jul 11, 2025 - 09:39
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कमिश्नर के आदेश पर 80 लाख रुपये के धोखाधड़ी मामले में चार लोगों के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा
धोखाधड़ी कर हड़पे 80 लाख रुपये, कमिश्नर के आदेश पर दर्ज हुआ मुकदमा

कमिश्नर के आदेश पर 80 लाख रुपये के धोखाधड़ी मामले में चार लोगों के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा

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रामनगर (महानाद): हाल ही में हुई जमीन की धोखाधड़ी का मामला सामने आया है, जिसमें चार लोगों पर 80 लाख रुपये हड़पने का आरोप लगाया गया है। यह मामला कुमाऊं कमिश्नर दीपक रावत के आदेश पर पुलिस द्वारा जांच शुरू करने के बाद उभरा है।

मामले की शुरुआत

यह प्रकरण तब शुरू हुआ जब ब्लॉक रोड, निकट बड़ी मस्जिद, खताड़ी, रामनगर (नैनीताल) निवासी अब्दुल मुस्तफा ने कमिश्नर दीपक रावत को प्रार्थना पत्र देकर शिकायत की। अब्दुल ने कहा कि उसके पड़ोसी वसीक पुत्र अतीकुर रहमान ने चार अन्य व्यक्तियों के साथ मिलकर उसके साथ धोखाधड़ी की।

सौदे की जानकारी

अब्दुल मुस्तफा ने बताया कि वसीक ने उसे चार अन्य लोगों: अरुण कुमार मासीवाल, जगदीश कुमार मासीवाल, योगेश कुमार मासीवाल, और नरेंद्र कुमार मासीवाल से मिलवाया। उन्होंने उसे विश्वास दिलाया कि उनके पास ग्राम उदयपुरी चोपड़ा में लगभग 9.5 बीघा जमीन बिकाऊ है। अब्दुल उनकी बातों में आकर सौदे के लिए राजी हो गया।

धोखा मिलने का अहसास

इकरारनामा पर हस्ताक्षर करने के बाद अब्दुल मुस्तफा ने अपनी पुश्तैनी भूमि से प्राप्त पैसे को निवेश करने की योजना बनाई थी। लेकिन जब उसने भूमि का कब्जा लेने की कोशिश की, तो उसे पता चला कि भूमि विवादित है और सम्मानित स्रोतों के अनुसार, उक्त भूमि पहले ही खुर्शीद पुत्र शौकत को बेची जा चुकी थी।

रु–ब–रु हुए परमाणित तथ्य

अब्दुल मुस्तफा ने खुलासा किया कि चार भाइयों ने उसे यकीन दिलाया था कि जमीन का कोई विवाद नहीं है, लेकिन जब सच्चाई सामने आई, तो उसने पाया कि वे जमीन बेचने का अधिकार नहीं रखते थे। यही नहीं, 80 लाख रुपये की यह रकम उसकी मेहनत की कमाई थी, जिससे उसे गहरा आघात लगा।

कमिश्नर का हस्तक्षेप

कमिश्नर दीपक रावत से न्याय की गुहार लगाई गई, जिसके बाद उन्होंने रामनगर पुलिस को मामले में जांच के आदेश दिए। अब पुलिस ने आईपीसी की धारा 420 के तहत उक्त चार लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है। पुलिस इस केस की गहन जांच कर रही है, जिससे कि असलियत को उजागर किया जा सके।

निष्कर्ष

अब्दुल मुस्तफा का यह मामला इस बात का प्रमाण है कि जिले में भूमि खरीद और बिक्री से जुड़े मामलों में प्रशासन की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। सही समय पर उचित कार्रवाई नहीं होने पर ऐसे धोखाधड़ी के मामलों में वृद्धि हो सकती है। नागरिकों को इस प्रकार की धोखाधड़ी से बचने के लिए अधिक सतर्क रहना चाहिए।

अब्दुल मुस्तफा ने अब न्यायालय से अपील की है कि वह उसकी धनराशि की वापसी सुनिश्चित करे। यह मामला स्थानीय स्तर पर चर्चा का विषय बना हुआ है, जो यह दर्शाता है कि मानवाधिकार और कानून का उल्लंघन किसी भी स्थिति में सहन नहीं किया जाना चाहिए।

कम शब्दों में कहें तो, यह मामला उचित न्याय और प्रशासन संबंधी सतर्कता की आवश्यकता को उजागर करता है। अधिक अपडेट के लिए, कृपया हमारी वेबसाइट पर जाएं: Haqiqat Kya Hai.

सादर,

Team Haqiqat Kya Hai, सुमन शर्मा

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