उत्तराखंड सरकार की सख्ती: बॉन्ड उल्लंघन करने वाले डॉक्टरों पर की जाएगी कार्रवाई
Amit Bhatt, Dehradun: उत्तराखंड सरकार अब बॉन्डधारी डॉक्टरों की मनमानी पर लगाम लगाने के मूड में है। स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण विभागीय समीक्षा बैठक में स्पष्ट किया कि जो डॉक्टर बॉन्ड की शर्तों का उल्लंघन कर रहे हैं और लंबे समय से बिना सूचना के … The post उत्तराखंड में बॉन्ड उल्लंघन पर सरकार सख्त: गैरहाजिर डॉक्टरों पर होगी कड़ी कार्रवाई appeared first on Round The Watch.

उत्तराखंड सरकार की सख्ती: बॉन्ड उल्लंघन करने वाले डॉक्टरों पर की जाएगी कार्रवाई
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By Neha Gupta, Team Haqiqat Kya Hai
संक्षिप्त जानकारी
कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड सरकार बॉन्डधारी डॉक्टरों की मनमानी रोकने के लिए कड़े कदम उठा रही है। स्वास्थ्य और चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने हाल ही में हुई बैठक में ऐसे डॉक्टरों पर कार्रवाई की चेतावनी दी है, जो बिना सूचना के सेवा से गायब हो जाते हैं।
मुख्य समाचार
उत्तराखंड की स्वास्थ्य विभाग ने निर्णय लिया है कि वो बॉन्डधारी डॉक्टरों की अनुशासनहीनता पर रोक लगाएगी। बुधवार को हुई एक महत्वपूर्ण विभागीय समीक्षा बैठक में, स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने स्पष्ट किया कि लंबे समय से बिना सूचना के अनुपस्थित रहने वाले डॉक्टरों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाएंगे। यह कार्रवाई सुनिश्चित करने के लिए कि सभी डॉक्टर अपने वादों का पालन करें, आवश्यक उपाय किए जाएंगे।
आधिकारिक निर्देश
डॉ. रावत ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अगले दो सप्ताह में उन सभी डॉक्टरों की सूची तैयार करें, जिन्होंने बॉन्ड की शर्तों का उल्लंघन किया है। इसके अतिरिक्त, उल्लंघन करने वाले डॉक्टरों से निर्धारित धनराशि की वसूली की जाएगी, और उनकी सेवाएं समाप्त की जाएंगी। यह कदम राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूती देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
बैठक की मुख्य बातें
बैठक में डॉ. रावत ने कहा, “राजकीय मेडिकल कॉलेजों से एमबीबीएस करने वाले छात्रों को बॉंड पर हस्ताक्षर करने की अनिवार्यता होती है ताकि वे पर्वतीय क्षेत्रों में तीन से पांच साल तक सेवा दे सकें। दुर्भाग्यवश, कुछ डॉक्टर अनुशासनहीनता दिखाते हैं और बिना किसी सूचना के गायब हो जाते हैं, जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
नौकरियों की भरपाई
बैठक में डॉ. रावत ने चिकित्सा सेवा चयन बोर्ड से चयनित 222 नए चिकित्सकों की शीघ्र नियुक्ति की प्रक्रिया को प्रारंभ करने का निर्देश दिया। इसके अलावा, विभाग में रिक्त चिकित्सक, नर्सिंग अधिकारी और एएनएम के 616 पदों को भी जल्द भरने का आश्वासन दिया गया। इनमें 169 चिकित्सक, 267 नर्सिंग अधिकारी और 180 एएनएम के पद शामिल हैं।
प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रभाव
यह निर्णय प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं पर एक बड़ा प्रभाव डालने की संभावना रखता है, विशेषकर पर्वतीय क्षेत्रों में जहां डॉक्टरों की कमी गंभीर समस्या बनी हुई है। सरकार की यह सख्ती उन डॉक्टरों के लिए एक चेतावनी है, जो अपनी जिम्मेदारियों को नजरअंदाज कर रहे हैं और राज्य के स्वास्थ्य प्रणाली को नुकसान पहुँचा रहे हैं।
समापन
हाल ही के इस बैठक में वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. सुनीता टम्टा और राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य एवं अनुश्रवण परिषद उत्तराखंड के उपाध्यक्ष सुरेश भट्ट भी शामिल हुए थे। इस निर्णय से उम्मीद है कि स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार आएगा, जो कि प्रदेश के विकास के लिए फायदेमंद होगा। भारत में स्वास्थ्य सेवाएं एक महत्वपूर्ण मुद्दा हैं, और इसी सन्दर्भ में सरकार का यह कदम सराहनीय है।
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टीम Haqiqat Kya Hai
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