दून में रिसोर्ट संचालक की अवैध करतूत, मोड़ी नदी की धारा, सरकार को 6 करोड़ का नुकसान

Rajkumar Dhiman, Dehradun: सहस्रधारा से लेकर मालदेवता और सरखेत तक नदी किनारे अवैध निर्माणों ने आपदा को न्योता दे दिया है। नदी की ज़मीन पर कब्जा कर खड़े किए गए आलीशान रिसोर्ट और होटल अब प्रशासन की आंखों में चुभने लगे हैं। यही लापरवाही गुरुवार को बांडावाली खैरी मान सिंह इलाके में उजागर हुई, जहां … The post वीडियो: दून में आलीशान रिसोर्ट संचालक की करतूत, मोड़ डाली नदी की धारा, सरकार को 06 करोड़ की चपत appeared first on Round The Watch.

Sep 19, 2025 - 00:39
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दून में रिसोर्ट संचालक की अवैध करतूत, मोड़ी नदी की धारा, सरकार को 6 करोड़ का नुकसान

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कम शब्दों में कहें तो, देहरादून के बांडावाली क्षेत्र में स्पर्श रिसोर्ट के संचालक की लापरवाहियों ने न केवल पर्यावरण को प्रभावित किया है, बल्कि सरकार को भी भारी आर्थिक नुकसान पहुँचाया है।

राजकुमार धिमान, देहरादून: सहस्रधारा से लेकर मालदेवता और सरखेत तक अवैध निर्माणों ने एक बड़े संकट को जन्म दिया है। इन निर्माणों ने नदी की ज़मीन पर कब्ज़ा कर लिया है, और इनकी भ्रामकता अब प्रशासन के लिए चिंता का विषय बन गई है। हाल ही में बांडावाली खैरी मान सिंह इलाके में एक ऐसी घटना हुई, जिसने सभी की नींद उड़ा दी। रिसोर्ट संचालक ने अपने अवैध धंधे को सुरक्षित रखने के लिए नदी की धारा को ही मोड़ डाला।

इस गंभीर गलतफहमी का नतीजा यह हुआ कि हाल की बारीशों में नदी का पानी सड़क की तरफ मुड़ गया, जिससे 150 मीटर सड़क बह गई। प्रारंभिक अनुमानों के अनुसार, इस घटना से सरकार को लगभग **छह करोड़** रुपये का नुकसान हुआ है।

गुरुवार को जब जिलाधिकारी सविन बंसल ने प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया, तो वह स्थिति को देखकर नाराज़ हो गए। उन्होंने स्पष्ट किया - “सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुँचाने की कीमत चुकानी होगी।” जिलाधिकारी ने उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए और नुकसान की पूर्ति के लिए रिसोर्ट संचालक से वसूली करने की बात कही।

खैरी मान सिंह में रिसॉर्ट से हुए नुकसान का जायजा लेते जिलाधिकारी सविन बंसल।
खैरी मान सिंह में रिसॉर्ट से हुए नुकसान का जायजा लेते जिलाधिकारी सविन बंसल।

जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिए कि कब्जाई गई नदी की भूमि की जांच कर उसे तत्काल वापस लिया जाए। वर्तमान में, लोनिवि ने सड़क को बचाने के लिए नदी को चैनलाइज करने का कार्य शुरू कर दिया है। किंतु सवाल यही है कि उन अधिकारियों की देखरेख में कहाँ तक ऐसी गतिविधियाँ चलती रहेंगी?

इस मामले से स्पष्ट होता है कि अवैध निर्माण न केवल पर्यावरण के लिए खतरा है, बल्कि यह हमारे बुनियादी ढाँचे पर भी असर डाल सकते हैं। ऐसे में आवश्यक है कि प्रशासन सख्त कार्रवाई करे और नियमों का पालन सुनिश्चित करे।

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नीता शर्मा, टीम हक़ीक़त क्या है

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