उत्तराखंड में बादल फटने की त्रासदी: धराली में तबाही, 70 लोग लापता, गंगोत्री हाईवे ध्वस्त

उत्तरकाशी: गंगोत्री धाम का प्रमुख पड़ाव धराली मंगलवार को बादल फटने से आए सैलाब से The post उत्तराखंड में कुदरत का कहर : धराली में बादल फटने से भारी तबाही, 70 लोग लापत, गंगोत्री हाईवे ध्वस्त first appeared on radhaswaminews.

Aug 6, 2025 - 18:39
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उत्तराखंड में बादल फटने की त्रासदी: धराली में तबाही, 70 लोग लापता, गंगोत्री हाईवे ध्वस्त
उत्तराखंड में कुदरत का कहर : धराली में बादल फटने से भारी तबाही, 70 लोग लापत, गंगोत्री हाईवे ध्वस्त

उत्तराखंड में बादल फटने की त्रासदी: धराली में तबाही, 70 लोग लापता, गंगोत्री हाईवे ध्वस्त

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उत्तरकाशी: मंगलवार को गंगोत्री धाम का मुख्य पड़ाव धराली में बादल फटने के कारण आई भीषण आपदा ने इलाके में भारी तबाही मचाई है। खीरगंगा नदी में अचानक आए सैलाब ने 15 से 20 होटलों और आवासों को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है। इस प्राकृतिक आपदा में चार लोगों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 70 लोग अभी भी लापता हैं। यह घटना 2013 में हुई केदारनाथ आपदा की डरावनी यादें ताजा कर देती है।

राहत कार्य तेज गति से जारी

आपदा की सूचना मिलते ही राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF), राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF), पुलिस, एवं भारतीय सेना ने राहत और बचाव कार्य तुरंत शुरू कर दिए। हालाँकि, खबरें हैं कि निचले हर्षिल क्षेत्र के एक शिविर से भारतीय सेना के 8-10 जवान लापता हैं, जबकि दो को सुरक्षित बचा लिया गया है। भारतीय तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) ने 80 स्थानीय लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का कार्य किया है।

प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री की संवेदनाएँ

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस भयानक त्रासदी पर गहरा दुःख व्यक्त किया है और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर धामी से संपर्क कर हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी मुख्यमंत्री धामी से बातचीत कर घटना की जानकारी ली। गृह मंत्रालय ने जानकारी दी है कि राहत कार्यों के लिए आईटीबीपी की तीन और NDRF की चार टीमें मौके पर भेजी गई हैं। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी हर संभव सहायता का आश्वासन दिया है।

विध्वंसकारी गंगोत्री हाईवे और बुनियादी सुविधाओं का नुकसान

इस आपदा ने स्थानीय यातायात और बुनियादी ढांचे को गंभीर नुकसान पहुंचाया है। गंगोत्री हाईवे का भटवाड़ी के पास डेढ़ सौ मीटर लंबा हिस्सा पूरी तरीके से धंस गया है, जिससे जिला मुख्यालय और उपला टकनौर तथा हर्षिल का सड़क संपर्क पूर्णतः कट गया है। राहत दलों और सामग्री को धराली भेजने में भी बाधाएँ उत्पन्न हुई हैं। इसके अतिरिक्त, धराली क्षेत्र में बिजली और पेयजल आपूर्ति भी ठप हो गई है। मौसम में सुधार राहत कार्यों की गति को तेज करने के लिए आवश्यक है।

यात्रियों पर प्रभाव और स्कूलों की बंदी

यात्री सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए, प्रशासन ने रुद्रप्रयाग जिले में केदारनाथ यात्रा को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया है। इसके साथ ही, चमोली, नैनीताल, चम्पावत, पौड़ी, और उधमसिंह नगर सहित कई जिलों में सभी स्कूल और आंगनबाड़ी केंद्र आज बंद कर दिए गए हैं। उत्तरकाशी से देहरादून तक स्वास्थ्य सेवाओं को भी अलर्ट मोड पर रखा गया है।

अन्य स्थानों पर भी बादल फटने की खबरें

धराली की घटना के कुछ घंटों बाद ही जिले के दो और स्थानों पर बादल फटने की सूचना मिली है। अपराह्न लगभग तीन बजे हर्षिल और गंगनानी के बीच सुक्की टापे के पास बादल फटने से स्थानीय लोगों में आतंक फैल गया है। राज्य सरकार ने राहत कार्यों के लिए वायुसेना से सहायता मांगी है।

निष्कर्ष

धराली में आई यह त्रासदी न केवल मानव जीवन को प्रभावित करती है, बल्कि स्थानीय बुनियादी ढांचे को भी गंभीर क्षति पहुंचाती है। इस मुश्किल घड़ी में स्थानीय प्रशासन और सरकारी एजेंसियाँ राहत कार्यों में पूरी तरह से जुटी हुई हैं। यह महत्वपूर्ण समय है कि हम सभी एक दूसरे का सहयोग करें और सरकारी सहायता का हाथ बांधें। मौसम की स्थिति में सुधार के साथ ही राहत और बचाव कार्यों को और तेज करने की आवश्यकता है। हम उम्मीद करते हैं कि सभी लापता व्यक्तियों को सुरक्षित खोजा जाएगा।

अपडेट्स के लिए हमारे वेबसाइट पर जाएँ: haqiqatkyahai.com.

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