उत्तरकाशी धराली आपदा: 70 लापता, सेना के जांबाज जवानों का भी नहीं चला कोई पता!
उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में मंगलवार को बादल फटने से भीषण तबाही The post उत्तरकाशी धराली आपदा: 70 लोग लापता, सेना के 8-10 जवानों का भी नहीं चल रहा पता! first appeared on radhaswaminews.

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लेखिका: स्नेहा शर्मा, कश्मीरा कौर, और नंदिनी मिश्रा, टीम हक़ीक़त क्या है
उत्तरकाशी धराली आपदा: 70 लापता, सेना के जांबाज जवानों का भी नहीं चला कोई पता!
परिचय
कम शब्दों में कहें तो उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले के धराली गांव में सोमवार को बादल फटने की घटना ने भारी तबाही मचाई है। इस प्राकृतिक आपदा के परिणामस्वरूप 70 लोग लापता हैं, जबकि सेना के 8 से 10 जवानों का भी कोई सुराग नहीं मिला है। स्थानीय प्रशासन द्वारा बचाव कार्यों में तेजी लाई गई है, लेकिन स्थिति अभी भी चिंताजनक बनी हुई है। अधिक जानकारी के लिए, यहाँ क्लिक करें.
आपदा का गंभीर प्रभाव
भारी बारिश के चलते धराली गांव में बादल फटने की घटना ने खीरगंगा नदी में अचानक बाढ़ ला दी। यह बाढ़ ऐसी तेज़ी से आई कि इसने गांव का मुख्य बाजार, कई होटल और आवासीय क्षेत्र को बुरी तरह से प्रभावित किया। स्थानीय प्रशासन द्वारा अब तक चार लोगों की मौत की पुष्टि की गई है। चिंताजनक बात यह है कि लगभग 70 लोग अभी भी लापता हैं, जिनकी तलाश तेज़ी से की जा रही है।
सरकारी सहायता और बचाव कार्य
इस कठिन समय में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से संपर्क कर स्थिति की जानकारी ली है और हर संभव मदद का आश्वासन दिया है। भारतीय सेना के जवान भी वहां पहुंचकर स्थानीय लोगों को राहत प्रदान कर रहे हैं, लेकिन उनकी संख्या में से 8 से 10 जवान भी खुद ही लापता हो गए हैं, जिससे स्थिति और भी जटिल हो गई है।
स्थानीय लोगों का अनुभव
स्थानीय निवासी अपने प्रियजनों की तलाश में सक्रिय हैं और बचाव कार्यों में मदद करने का प्रयास कर रहे हैं। आपदा के बाद, सुरक्षा बलों के लिए अतिरिक्त सहायता की आवश्यकता हो गई है। स्थानीय स्वयंसेवक भी इस संकट के समय में राहत कार्यों में आगे आ रहे हैं, जिससे प्रभावित लोगों को थोड़ी राहत मिल सके।
सम्भावित जनहानि और अगले कदम
स्थानीय अधिकारियों के अनुसार, निरंतर प्रयास जारी हैं ताकि स्थिति को जल्दी से नियंत्रित किया जा सके। अब तक चार लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, लेकिन प्राथमिकता लापता लोगों की खोज करना है। इस दिशा में बचाव कार्यों को और तेज़ करने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं।
निष्कर्ष
उत्तरकाशी की इस आपदा ने सैकड़ों परिवारों के जीवन को प्रभावित किया है। सरकार और स्थानीय प्रशासन सहायता प्रदान करने में तत्पर हैं। इस संकट के समय में, स्थानीय नागरिकों की साहस और जज़्बे को सराहा जाना चाहिए। हमारी पूरी सहानुभूति उन सभी के साथ है जिनका जीवन इस आपदा के कारण प्रभावित हुआ है।
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