उत्तराखंड: NH अधिशासी अभियंता की DS और CDO के सामने बगावत, दी FIR कराने की चुनौती

चमोली : उत्तराखंड के चमोली जिले में राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) के अधिशासी अभियंता ओंकार पांडेय The post उत्तराखंड: DM, CDO के सामने बोला NH अधिशासी अभियंता, करा लो FIR, मैं साइट पर नहीं जाऊंगा…देहरादून जाना है first appeared on radhaswaminews.

Sep 18, 2025 - 00:39
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उत्तराखंड: NH अधिशासी अभियंता की DS और CDO के सामने बगावत, दी FIR कराने की चुनौती
उत्तराखंड: NH अधिशासी अभियंता की DS और CDO के सामने बगावत, दी FIR कराने की चुनौती

उत्तराखंड: NH अधिशासी अभियंता की DS और CDO के सामने बगावत, दी FIR कराने की चुनौती

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कम शब्दों में कहें तो, उत्तराखंड के चमोली जिले के NH अधिशासी अभियंता ओंकार पांडेय ने तहसील दिवस पर जिला प्रशासन को खुली चुनौती दी है। प्रशासनिक अधिकारियों के निर्देशों को ठुकराते हुए उन्होंने कहा कि वह देहरादून जाने वाले हैं और साइट पर नहीं जाएंगे। यह घटना उस समय हुई जब स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने सड़क निर्माण की देरी को लेकर सवाल उठाए थे।

चमोली जिले में, गैरसैंण विकासखंड में आयोजित तहसील दिवस के दौरान, जिलाधिकारी संदीप तिवारी, मुख्य विकास अधिकारी और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति में चर्चा का विषय क्षेत्र की खस्ताहाल सड़कों और नालियों का निर्माण था। अधिशासी अभियंता की बिंदास और विवादास्पद प्रतिक्रिया ने वहाँ उपस्थित सभी लोगों में हलचल मचा दी।

अधिशासी अभियंता का विवादास्पद व्यवहार

तहसील दिवस में जिला पंचायत सदस्य सुरेश कुमार बिष्ट और ग्राम प्रधान मनोज नेगी ने दीवालीखाल से पांडुवाखाल तक सड़क की स्थिति और नालियों के निर्माण में देरी का मुद्दा उठाया। इसके जवाब में ओंकार पांडेय भड़क गए और जनप्रतिनिधियों के साथ तीखी नोकझोंक में उलझ गए। वह अधिकतर समय अपनी जगह पर डटे रहे और यह कहते रहे कि उन्हें देहरादून जाना है।

DM और CDO के निर्देशों का पालन न करना

जिलाधिकारी और CDO ने उन्हें सख्त आदेश दिया कि वह तुरंत घटनास्थल पर जाकर सड़क की स्थिति का जायजा लें। बावजूद इसके, पांडेय ने अपने निर्णय पर अडिग रहते हुए कहा कि वह साइट पर नहीं जाएंगे। यह सुनकर CDO ने कड़ा रुख अपनाया और पांडेय को काम में तेजी लाने और प्रशासनिक आदेशों का पालन करने के लिए कहा। इसके बावजूद, अभियंता ने तैश में आकर FIR कराने की चुनौती दे दी।

स्थानीय लोगों का गहरा रोष

अधिशासी अभियंता की इस प्रकार की असंवेदनशीलता ने जनप्रतिनिधियों और स्थानीय लोगों में गहरी नाराजगी पैदा की। उन्हें इस बात का विश्वास नहीं हो रहा था कि एक सरकारी अधिकारी इस तरह से प्रशासन के निर्देशों का मखौल उड़ा सकता है।

आपदा एक्ट के तहत एफआईआर

तहसील दिवस के दौरान ब्रिडकुल के सहायक अभियंता नरेश कुमार और कनिष्ठ अभियंता आशीष मलेठा की अनुपस्थिति पर भी जिलाधिकारी ने कड़ी नाराजगी जाहिर की। इनकी लापरवाही के चलते दोनों के खिलाफ आपदा प्रबंधन अधिनियम-2005 के तहत FIR दर्ज करने के निर्देश दिए गए। यह भी एक संकेत है कि प्रशासन इस बात के प्रति गंभीर है कि विभागीय अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों से बच ना सकें।

निर्माण कार्यों पर objections और जांच का आश्वासन

पूर्व प्रधान गजेंद्र सिंह रावत द्वारा कुछ निर्माण कार्यों पर आपत्ति जताने पर जिलाधिकारी ने आपत्तियों की सूची मांगी है और जांच करने का आश्वासन दिया है। यह स्पष्ट है कि प्रशासन निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर ध्यान देने का निर्णय ले रहा है।

विभागीय लापरवाही का गंभीर मुद्दा

पौड़ी में NH के एक अधिशासी अभियंता को पहले ही लापरवाही के चलते FIR का सामना करना पड़ा था, और अब चमोली में यह नया विवाद सामने आया है। इस प्रकार की घटनाएं यह सवाल उठाती हैं कि क्या विभागीय अधिकारी जनता और प्रशासन के प्रति अपनी जवाबदेही से बच रहे हैं? यह घटना सड़क निर्माण की गुणवत्ता और प्रशासनिक अनुशासन पर गंभीर सवाल खड़े करती है।

इस स्थिति के लिए जनप्रतिनिधियों द्वारा उठाए गए मुद्दों और अधिकारियों के व्यवहार ने यह सिद्ध कर दिया है कि उन्हें जनता की परेशानियों का ख्याल रखना चाहिए। इसके साथ ही, यह भी दर्शाता है कि स्थानीय पर्यावरण और विकास की दिशा में क्या कदम उठाए जाने चाहिए।

सरकारी अधिकारियों की जिम्मेदारी जनता की सेवा करना और उनके हितों की रक्षा करना है। यदि वे इस में असफल होते हैं, तो यह मात्र प्रशासनिक असफलता नहीं, बल्कि समाज की विश्वास को भी झटका देता है।

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— Team Haqiqat Kya Hai, प्रिया शर्मा

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