उत्त प्रदेश में 31 IAS और 24 PCS अफसरों के तबादले, सचिन कुर्वे की जिम्मेदारियां कम
Rajkumar Dhiman, Dehradun: धामी सरकार ने गुरुवार देर रात नौकरशाही के जमकर पत्ते फेंट दिए। कुल मिलाकर 31 आइएएस और 24 पीसीएस अफसरों समेत कुल 57 अधिकारियों के पदभार एक ही झटके में बदल डाले गए। अधिकतर बदलाव में ऐसा एडजस्टमेंट नजर आया है, जो स्वाभाविक है। वहीं, चंद ऐसे बदलाव भी हैं, जिनमें कुछ … The post 31 आइएएस और 24 पीसीएस समेत 57 अफसरों के तबादले, सचिन कुर्वे लगभग पैदल appeared first on Round The Watch.

उत्त प्रदेश में 31 IAS और 24 PCS अफसरों के तबादले, सचिन कुर्वे की जिम्मेदारियां कम
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By Neha Sharma, Priya Verma, और Riya Gupta – Team Haqiqat Kya Hai
ब्यूरोक्रेसी में बड़ा बदलाव
गुरुवार की रात को धामी सरकार ने उत्तराखंड की नौकरशाही में एक महत्वपूर्ण फेरबदल किया। कुल मिलाकर 57 अधिकारियों के पदभार में बदलाव किया गया, जिसमें 31 भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) और 24 प्रांतीय नागरिक सेवा (PCS) के अधिकारी शामिल हैं। यह बदलाव प्रशासनिक ढांचे में एक स्वाभाविक समायोजन के रूप में नजर आता है, लेकिन कुछ अधिकारियों के लिए इसके निहितार्थ पर चर्चा शुरू हो गई है।
सचिन कुर्वे: जिम्मेदारियों में कमी
इन महत्वपूर्ण बदलावों के बीच, IAS अधिकारी सचिन कुर्वे को एक कठिन स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। उनकी अधिकांश जिम्मेदारियां उनसे हटा दी गई हैं, जिसके कारण वह पेशेवर दायित्वों के मामले में "लगभग पैदल" रह गए हैं। वर्तमान में, उन्हें केवल नागरिक उड्डयन के सचिव के रूप में नियुक्त किया गया है, जिससे उनके पोर्टफोलियो में इतने बड़े परिवर्तन के पीछे के कारणों को लेकर सवाल उठ रहे हैं। विश्लेषकों का मानना है कि इससे प्रशासन में एक हलचल संभव है।
वरिष्ठ पदों में प्रमुख परिवर्तन
सचिन कुर्वे के अलावा, राज्य के वरिष्ठतम ब्यूरोक्रेट, मुख्य सचिव आनंद बर्धन की भूमिका में भी बदलाव किया गया है। उन्हें जलागम के मुख्य परियोजना निदेशालय की जिम्मेदारी से मुक्त कर दिया गया, जो उनके रैंक के अनुरूप है और यह सुनिश्चित करता है कि किसी व्यक्ति को ऐसी असाइनमेंट न दी जाए जो उनके ब्यूरोक्रेटिक स्थिति के अनुरूप न हो।
बदलाव के निहितार्थ
हाल ही हुए ये परिवर्तन केवल एक फेरबदल नहीं हैं; वे प्रशासनिक जवाबदेही को लागू करने की एक स्पष्ट मंशा को दर्शाते हैं। चंद्रेश कुमार को विश्व बैंक द्वारा वित्त पोषित परियोजनाओं से हटा दिया जाना मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के 'शून्य सहिष्णुता' दृष्टिकोण के प्रति प्रतिबद्धता का संकेत देता है। जैसे जैसे प्रशासन शहरी विकास और परियोजना प्रबंधन संबंधी चुनौतियों का सामना करता है, नेतृत्व में बदलाव आवश्यक हैं।
अन्य महत्वपूर्ण तबादले
अन्य तबादलों में IAS अधिकारी डॉ. श्रीधर बाबू को और अधिक जिम्मेदारियों से नवाजा गया है, क्योंकि सरकार महत्वपूर्ण पदों पर विश्वसनीय अधिकारियों को स्थापित करने का प्रयास कर रही है। PCS अधिकारियों के बीच भी व्यवस्थित पुनर्नियोजन हुआ है, जिसमें केवल कुछ ही अव्यवस्थित हुए हैं। ऋषिकेश के नगरपालिका आयुक्त शैलेंद्र सिंह नेगी को बार-बार तबादलों का सामना करना पड़ रहा है, जो एक अजीब ट्रेंड को दर्शाता है।
इस दौर के तबादलों के साथ, राज्य सरकार ने द्वितीय श्रेणी के अधिकारियों का संतुलित पुनर्गठन करने का प्रयास किया है, यह सुनिश्चित करते हुए कि प्रशासनिक मशीन स्मूथ चलती रहे। हालाँकि, अफवाहें ये संकेत देती हैं कि उच्च स्तरों से और भी बदलाव आएंगे, यह दर्शाते हुए कि पुनर्गठन प्रक्रिया अभी खत्म नहीं हुई है।
निष्कर्ष: सुधार की ओर एक कदम?
हालिया तबादले उत्तराखंड की ब्यूरोक्रेसी के भीतर सुधार की आवश्यकता और इच्छा दोनों को दर्शाते हैं। हालाँकि कुछ अधिकारियों को अचानक परिवर्तनों का सामना करना पड़ रहा है, लेकिन अंतर्निहित उद्देश्य शासन और प्रभावशीलता को बढ़ाना है। आने वाले हफ्तों में यह सामने आएगा कि ये कदम अपेक्षित परिणाम देते हैं या राज्य प्रशासन में और जटिलताएँ लाते हैं।
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