स्पीड पोस्ट से भक्तों तक पहुंचेगा बदरीनाथ और केदारनाथ धाम का प्रसाद - एक नई पहल
देहरादून : श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) ने श्रद्धालुओं को धामों का प्रसाद घर-घर पहुंचाने The post स्पीड पोस्ट से भक्तों तक पहुंचेगा बदरीनाथ और केदारनाथ धाम का प्रसाद first appeared on radhaswaminews.

स्पीड पोस्ट से भक्तों तक पहुंचेगा बदरीनाथ और केदारनाथ धाम का प्रसाद
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कम शब्दों में कहें तो, देहरादून स्थित श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) ने भक्तों के लिए एक नई और अनोखी पहल शुरू की है। अब श्रद्धालुओं को धामों का प्रसाद घर-घर पहुंचाया जाएगा। इस अभिनव कार्यक्रम के लिए भारतीय डाक विभाग के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए हैं।
प्रसाद का वितरण प्रणाली
बीकेटीसी के अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने केनाल रोड स्थित कार्यालय में भगवान बदरी विशाल और भगवान केदारनाथ जी का प्रसाद भारतीय डाक विभाग के अधिकारियों को सौंपा। इस आयोजन के दौरान उन्होंने बताया कि इस अनुबंध के तहत, डाक विभाग के प्रतिनिधि नियमित रूप से बीकेटीसी कार्यालय से प्रसाद के पैकेट लेकर श्रद्धालुओं तक पहुंचाएंगे। यह पूजा-पाठ करने वाले भक्तों को भगवान के आशीर्वाद का अनुभव कराने का एक साहसी प्रयास है।
विशेष भक्तों के लिए प्रसाद की व्यवस्था
इस नई सेवा का प्राथमिक लाभ उन श्रद्धालुओं को मिलेगा, जिन्होंने लंबे समय तक भगवान बदरी विशाल और भगवान केदारनाथ जी की पूजा की है। उन्हें हर साल 5 से 10 वर्ष तक प्रसाद भेजा जाएगा। यह उन भक्तों के लिए एक विशेष अवसर है, जो अपनी भक्ति को पास से महसूस करना चाहते हैं।
आरंभिक वितरण में 42 प्रसाद पैकेट
इस पहल के तहत पहले चरण में बीकेटीसी ने कुल 42 प्रसाद पैकेट डाक विभाग को सौंपे हैं। यह एक प्रारंभिक चरण है, और आगे बढ़ते हुए भक्तों के लिए और भी पैकेट तैयार किए जाएंगे। इस महत्त्वपूर्ण अवसर पर बीकेटीसी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी विजय प्रसाद थपलियाल, सहायक निदेशक (मार्केटिंग) आशीष कुमार, सहायक डाक अधीक्षक दिनेश तोमर और मार्केटिंग एक्जीक्यूटिव योवन कुमार गुप्ता भी मौजूद रहे।
उपसंहार और भविष्य की संभावनाएं
यह पहल न केवल भक्तों के लिए नई सुविधाएं मुहैया करा रही है, बल्कि यह उन भक्तों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है जो दूर बैठे हैं और अपनी भक्ति को महसूस करना चाहते हैं। इस प्रणाली के माध्यम से, भक्ति का यह पवित्र प्रसाद श्रद्धालुओं के घर पहुंच जाएगा। इससे बंधन मजबूत होते हैं और आध्यात्मिक अनुभव को और विविधता मिलती है।
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यह समाचार लेख टीम 'हक़ीक़त क्या है' की तरफ से प्रस्तुत किया गया है।
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