मुख्य सचिव ने एसीआर के जरिये प्रमोशन में अड़ंगा डालने वाले अधिकारियों के खिलाफ उठाया कठोर कदम
Rajkumar Dhiman, Dehradun: किसी कार्मिक के प्रमोशन में एसीआर कितनी मायने रखती है, यह बात किसी से छिपी नहीं है। लेकिन, कई अधिकारी ऐसे हैं, जो एसीआर को हथियार बनाकर अधीनस्थों पर चला रहे हैं। एसीआर को बदले की भावना के रूप में भी प्रयोग किया जा रहा है। जिस अधीनस्थ कार्मिक से उच्चाधिकारी की … The post एसीआर लटकाकर प्रमोशन में अड़ंगा डालने वाले अफसरों पर मुख्य सचिव सख्त appeared first on Round The Watch.

मुख्य सचिव ने एसीआर के जरिये प्रमोशन में अड़ंगा डालने वाले अधिकारियों के खिलाफ उठाया कठोर कदम
राजकुमार धीमान, देहरादून: किसी भी सरकारी कर्मचारी के प्रमोशन में वार्षिक गोपनीय रिपोर्ट (एसीआर) की भूमिका अत्यधिक महत्वपूर्ण है। यह बात किसी से छिपी नहीं है कि कई अधिकारी एसीआर को एक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं, जिससे उनके अधीनस्थों को परेशान किया जा रहा है। अक्सर एसीआर का उपयोग प्रतिशोध के लिए भी किया जा रहा है। इस गंभीर मामले पर उत्तराखंड के मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सख्त रुख अपनाते हुए आवश्यक कदम उठाने का फैसला किया है।
मुख्य सचिव का स्पष्ट आदेश
मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सभी प्रमुख सचिवों, विभागाध्यक्षों, कार्यालय प्रमुखों, मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को विशेष निर्देश दिया है। उन्होंने अपने पत्र में कहा है कि सभी अधीनस्थ कार्यालयों में लंबित वार्षिक गोपनीय प्रविष्टियों (एसीआर) की समीक्षा की जानी चाहिए। यह देखा गया है कि कई अधिकारियों की लापरवाही के कारण उनके अधीनस्थ कर्मचारियों को प्रमोशन में बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है। इस पर मुख्य सचिव ने सख्त नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि लंबित एसीआर प्रकरणों का त्वरित समाधान होना चाहिए।
लंबित मामलों की सुनवाई
मुख्य सचिव ने यह भी स्पष्ट किया है कि कार्मिक एवं सतर्कता विभाग के शासनादेश का पालन अनिवार्य है। इस संदर्भ में सभी विभागाध्यक्षों को निर्देशित किया गया है कि वे हर महीने के अंत में लंबित मामलों की अनुपालन रिपोर्ट प्रस्तुत करें। इसके साथ ही, जो कर्मचारी अपने मूल्यांकन में देरी करेंगे, उनके प्रकरण स्वतः अगले स्तर पर भेज दिए जाएंगे। यह नियम सख्ती से लागू किया जाएगा।
ऑनलाइन एसीआर मॉड्यूल: एक नई पहल
ऑनलाइन एसीआर मॉड्यूल के माध्यम से लम्बित मामलों की समीक्षा करते समय कई एसीआर अब भी लंबित पाए गए हैं। यह स्थिति कर्मचारियों की सेवाओं में अवरुद्धता उत्पन्न कर रही है। मुख्य सचिव ने सभी अधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा है कि ये लम्बित एसीआर समय पर निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार निपटाऐं। समय सीमा में विलम्ब होने पर संबंधित कर्मचारी के प्रमोशन में और भी बाधाएं उत्पन्न हो सकती हैं।
मुख्य सचिव का सख्त रुख: एक सकारात्मक बदलाव
मुख्य सचिव का यह सख्त रुख राज्य के अधिकारियों में जागरूकता लाने का एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। एसीआर की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने की दिशा में उठाए गए ये कदम निसंदेह लाभकारी साबित होंगे। प्रमोशन में बाधाएं उत्पन्न करने वाले अधिकारियों के प्रति यह कार्रवाई एक सकारात्मक संदेश देगी और इससे कर्मचारियों की स्थिति में सुधार हो सकेगा।
कम शब्दों में कहें तो, मुख्य सचिव का यह निर्णय राज्य में कर्मचारियों के प्रति होने वाली अन्यायपूर्ण प्रवृत्तियों को समाप्त करने की ओर एक अहम कदम है। ध्यान रखें कि यह कदम अधिकारियों के लिए न केवल एक चेतावनी है, बल्कि कर्मचारियों के हितों की सुरक्षा का एक आश्वासन भी है। अधिक जानकारी के लिए, हमारे पोर्टल पर अवश्य जाएं: haqiqatkyahai.com
ब्रेकिंग न्यूज़, दैनिक अपडेट्स & विशेष कहानियाँ - Haqiqat Kya Hai
Keywords:
ACR, promotions, Chief Secretary, officials, Dehradun, civil service, public administration, employee evaluation, governance, transparencyWhat's Your Reaction?






