उत्तराखंड के नकल माफिया हाकम सिंह की फिर गिरफ्तारी, लाखों की सौदा करते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया

Amit Bhatt, Dehradun: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की रविवार को होने वाली स्नातक स्तरीय प्रतियोगी परीक्षा से ठीक पहले दून पुलिस और STF ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कुख्यात नकल माफिया हाकम सिंह को एक बार फिर दबोच लिया। हाकम सिंह अपने एक साथी पंकज गौड़ के साथ मिलकर अभ्यर्थियों को पास कराने … The post कुख्यात नकल माफिया हाकम सिंह फिर गिरफ्तार, आयोग की परीक्षा को लेकर कर रहा था लाखों की डील appeared first on Round The Watch.

Sep 21, 2025 - 00:39
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उत्तराखंड के नकल माफिया हाकम सिंह की फिर गिरफ्तारी, लाखों की सौदा करते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया

Amit Bhatt, Dehradun: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) के तहत रविवार को आयोजित होने वाली स्नातक स्तरीय प्रतियोगी परीक्षा से ठीक पहले, देहरादून पुलिस और STF ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए कुख्यात नकल माफिया हाकम सिंह को एक बार फिर गिरफ्तार किया है। हाकम सिंह अपने सहयोगी पंकज गौड़ के साथ मिलकर अभ्यर्थियों से पास कराने का लालच देकर 12 से 15 लाख रुपये वसूलने की योजना बना रहा था।

पहले भी गिरफ्तार, भाजपा से निष्कासित

हाकम सिंह का नाम नकल के मामलों में नया नहीं है। इससे पहले भी, वह कई परीक्षाओं में धोखाधड़ी करने के आरोप में 13 अगस्त 2022 को STF द्वारा गिरफ्तार किया गया था। उसी समय, भाजपा ने उसे पार्टी से निष्कासित कर दिया था। उसके खिलाफ नकल और गैंगस्टर एक्ट के तहत मामले दर्ज किए गए थे, और 5 सितंबर 2023 को उसे सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिल गई थी।

इस बार कैसे हुआ पर्दाफाश

देहरादून के SSP अजय सिंह और STF के SSP नवनीत सिंह ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि परीक्षा से सिर्फ दो दिन पहले खुफिया सूचना मिली थी कि एक गिरोह अभ्यर्थियों को पास कराने के नाम पर ठगी कर रहा है। जांच में यह खुलासा हुआ कि पंकज गौड़, जो हाकम सिंह से जुड़ा हुआ था, ने छह अभ्यर्थियों से संपर्क कर धन की मांग की थी।

वास्तव में, योजना इस तरह थी कि अगर अभ्यर्थी सफल हो जाते, तो उनसे पैसे वसूले जाते, और यदि असफल होते, तो अगले परीक्षा के लिए सहायता का झांसा दिया जाता।

पटेलनगर से हुई गिरफ्तारी

पुलिस ने दोनों आरोपियों को पटेलनगर क्षेत्र से पकड़ लिया और उत्तराखंड प्रतियोगी परीक्षा (भर्ती में अनुचित साधनों की रोकथाम) अध्यादेश 2023 के तहत मुकदमा दर्ज किया।

परीक्षा पर कोई असर नहीं

STF के SSP नवनीत भुल्लर ने स्पष्ट किया कि इस पूरे प्रकरण से आगामी परीक्षा की गोपनीयता और सुचिता पर कोई असर नहीं पड़ा है। UKSSSC के अध्यक्ष जी.एस. मर्तोलिया ने भी पुष्टि की कि परीक्षा पूर्व निर्धारित समय पर ही होगी।

हाकम सिंह का सफर: रसोइये से नकल माफिया बनने तक

देखें, कैसे हाकम सिंह का सफर शुरू हुआ। उत्तरकाशी जिले के छोटे से कस्बे मोरी से निकलकर, उसने कुछ ही वर्षों में राजनीति, कारोबार और सियासी संपर्कों के माध्यम से ऐसा जाल बिछाया कि वह नकल माफिया बन बैठा।

रसोइये से नकल माफिया बनने तक

हाकम सिंह का जीवन एक साधारण नौकरी के साथ शुरू हुआ। वह एक प्रशासनिक अधिकारी के यहाँ रसोइये के रूप में कार्यरत था। वहीं, उसने आपराधिक प्रवृत्ति वाले लोगों से संपर्क स्थापित किया और धीरे-धीरे नकल के नेटवर्क में सम्मिलित हो गया।

राजनीति का सहारा

राजनीतिक जुड़ाव ने हाकम के लिए नए दरवाजे खोले। पंचायत यात्रा में सक्रिय रहने के बाद, उसने 2019 में जिला पंचायत सदस्य का चुनाव जीता। इस राजनीतिक रसूख ने उसे सत्ता व प्रशासन तक सीधी पहुंच दिलाई।

ठेकेदारी और व्यवसाय का विस्तार

हाकम ने सरकारी ठेकों और व्यवसाय में भी कदम रखा, जिससे उसकी पहुंच बढ़ी। शिक्षा संबंधी कार्यों में उसकी एक ठोस पहचान बन गई, जिसने आगे चलकर उसकी नकल साम्राज्य की नींव डाली।

गिरफ्तारी और कानूनी कार्रवाई

हाकम सिंह को पहली बार 13 अगस्त 2022 को भर्ती परीक्षा में धांधली के आरोप में गिरफ्तार किया गया। हालांकि, 2023 के सितंबर में उसे जमानत मिली। अब, जब उसने दोबारा अपनी गतिविधियों को शुरू करने का प्रयास किया, तब प्रशासन ने परीक्षा के तुरंत पूर्व उसे फिर से पकड़ लिया।

अंततः सलाखों के पीछे

समाज के भविष्य से खिलवाड़ करने वाला यह नकल माफिया अब सलाखों के पीछे है। भले ही उसके पास सत्ता और पैसा था, लेकिन कानून के हाथ लंबे होते हैं।

मुख्य घटनाएँ

  • 2000 - उत्तरकाशी जिले में एक कुक के रूप में काम शुरू किया।
  • 2008 - पंचायत राजनीति में कदम रखा।
  • 2019 - जिला पंचायत सदस्य चुना गया।
  • 2022 - पहली बार भर्ती परीक्षा धांधली में गिरफ्तार।
  • 2023 - सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिली, फिर फिर से गिरफ्तार।

कम शब्दों में कहें तो, हाकम सिंह की पुनः गिरफ्तारी एक बार फिर नकल माफियाओं के खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की मजबूती दर्शाती है। ऐसे मामलों से निपटने के लिए कठोर कानून और सतर्कता जरूरी है। इस आपराधिक संगठनों को समाप्त करना ही आने वाली पीढ़ियों के लिए एक उज्जवल भविष्य सुनिश्चित करेगा।

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सादर, 팀 해키카트 카히 (Neha Sharma)

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