महावीर रवांल्टा को मिला श्यामसुंदर नागला स्मृति बालवाटिका बाल साहित्य सम्मान
पुरोला : सुप्रसिद्ध साहित्यकार महावीर रवांल्टा को आगामी श्यामसुंदर नागला स्मृति बालवाटिका बाल साहित्य सम्मान-2025 The post महावीर रवांल्टा को मिलेगा श्यामसुंदर नागला स्मृति बालवाटिका बाल साहित्य सम्मान first appeared on radhaswaminews.

महावीर रवांल्टा को मिला श्यामसुंदर नागला स्मृति बालवाटिका बाल साहित्य सम्मान
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पुरोला: भारत के सुप्रसिद्ध साहित्यकार महावीर रवांल्टा को आगामी श्यामसुंदर नागला स्मृति बालवाटिका बाल साहित्य सम्मान-2025 से नवाज़ा जाएगा। यह सम्मान उन्हें ‘बालवाटिका’ (मासिक) पत्रिका द्वारा आयोजित 26वीं राष्ट्रीय बाल साहित्य संगोष्ठी एवं सम्मान समारोह में प्रदान किया जाएगा। यह आयोजन 4 से 5 अक्टूबर 2025 तक विनायक विद्यापीठ, भूणास, भीलवाड़ा (राजस्थान) में होने जा रहा है।
समारोह का उद्देश्य और विवरण
‘बालवाटिका’ के संपादक डॉ. भैरूं लाल गर्ग के अनुसार, इस समरोह में देशभर के बाल साहित्यकारों की भागीदारी होगी। इस कार्यक्रम का केंद्रीय विषय ‘भारतीय ज्ञान परंपरा और हमारा दायित्व’ होगा, जिसके तहत तीन महत्वपूर्ण सत्रों का आयोजन किया जाएगा। इसके अलावा, बाल काव्य गोष्ठी भी शामिल की जाएगी। समारोह के प्रारंभ में महावीर रवांल्टा को स्मृति चिन्ह, शाल, श्रीफल और नगद राशि भेंटकर सम्मानित किया जाएगा।
महावीर रवांल्टा की साहित्यिक यात्रा
महावीर रवांल्टा अब तक 44 पुस्तकों की रचना कर चुके हैं, जिसमें प्रौढ़ साहित्य और बाल साहित्य दोनों का समावेश है। उनकी बाल साहित्य की एक दर्जन से अधिक प्रमुख पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं। इनमें ‘ननकू नहीं रहा’, ‘विनय का वादा’, ‘अनोखा जन्मदिन’, ‘पोखू का घमंड’, ‘जुगनू की पढ़ाई’, ‘गोलू पढ़ेगा’, ‘दैत्य और पाँच बहिनें’, ‘चल मेरी ढोलक ठुमक ठुम’ और ‘स्वतंत्रता आंदोलन की कहानी’ जैसी पुस्तकें शामिल हैं। उनका लेखन न केवल मनोरंजक है, बल्कि बच्चों को सच्चाई और नैतिकता के रास्ते पर चलने के लिए भी प्रेरित करता है।
सम्मान और उपलब्धियां
रवांल्टा जी को अब तक कई महत्वपूर्ण राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मानों से नवाज़ा जा चुका है। इनमें ‘बालप्रहरी कथाश्री सम्मान’, ‘बालप्रहरी साहित्य सृजन सम्मान’, ‘स्व. दुर्गावती बाल साहित्य गौरव सम्मान’, ‘हेमराज भट्ट बालसखा बाल साहित्य सम्मान’, ‘सुमित्रानंदन पंत स्मृति बाल साहित्य सम्मान’, ‘डा. सुरेंद्र वर्मा बाल साहित्य शिखर सम्मान-2023’, और ‘विद्या देवी खन्ना बाल साहित्य सम्मान-2024’ शामिल हैं।
सामाजिक योगदान और भविष्य की योजनाएँ
महावीर रवांल्टा का साहित्य न केवल बच्चों के लिए शिक्षाप्रद है, बल्कि उनके कहानियों पर आधारित कई नाटक भी मंचित हो चुके हैं, और ‘तिरस्कार’ नामक लघुकथा पर एक लघु फिल्म भी बनाई जा चुकी है। उनका साहित्य विभिन्न विश्वविद्यालयों में शोध का विषय भी बना हुआ है। वर्तमान में, वे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, पुरोला में मुख्य फार्मेसी अधिकारी के रूप में कार्यरत हैं, जहाँ वे दवाइयों का वितरण करने के साथ-साथ स्वास्थ्य शिक्षा भी प्रदान करते हैं।
निष्कर्ष
महावीर रवांल्टा को उनके अद्वितीय योगदान के लिए सम्मानित किया जाना न केवल उनके लिए, बल्कि उन सभी युवा लेखकों और साहित्यकारों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत बनेगा, जो बाल साहित्य के क्षेत्र में अपने आप को स्थापित करने का सपना देखते हैं।
हम सभी की शुभकामनाएँ महावीर रवांल्टा जी के साथ हैं। उनकी लेखनी के माध्यम से हर नया बच्चा एक नई दिशा की ओर बढ़ेगा। इस महत्वपूर्ण आयोजन के लिए हमें सभी को तैयार रहना चाहिए।
कम शब्दों में कहें तो, महावीर रवांल्टा के इस उच्च सम्मान ने उनके लेखन को और भी महत्वपूर्ण बना दिया है। उनके कार्यों का महत्व आने वाले पीढ़ियों तक रहेगा।
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— सृष्टि खन्ना, टीम हकीकत क्या है
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