उत्तराखंड में जिलाधिकारी का बड़ा कदम: अवैध मोबाइल टावरों पर कड़ी कार्रवाई
देहरादून : देहरादून ज़िले में नियमों को ताक पर रखकर लगाए जा रहे मोबाइल टावरों के The post उत्तराखंड: मोबाइल टावरों पर जिला प्रशासन का बड़ा एक्शन: दर्जनों अवैध टावर सील first appeared on radhaswaminews.

उत्तराखंड में जिलाधिकारी का बड़ा कदम: अवैध मोबाइल टावरों पर कड़ी कार्रवाई
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देहरादून: उत्तराखंड के देहरादून ज़िले में नियमों का उल्लंघन कर लग रहे मोबाइल टावरों के खिलाफ जिला प्रशासन ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के स्पष्ट दिशा-निर्देशों के तहत, प्रशासन ने अवैध टावरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई शुरू कर दी है, जिससे निर्माण करने वालों में हड़कंप मच गया है।
अवैध मोबाइल टावरों की पहचान और सीलिंग प्रक्रिया
हाल में तहसील विकासनगर अंतर्गत ग्राम बहादुरपुर (सेलाकुई, राजावाला रोड) और वार्ड-05, रामबाग हरबर्टपुर में पाए जाने वाले दर्जनों अवैध मोबाइल टावरों को सील कर दिया गया है। इन टावरों को बिना उचित अनुमति और मानकों के उल्लंघन करते हुए घनी आबादी वाले क्षेत्रों में स्थापित किया गया था। प्रशासन की इस कार्रवाई से यह बहस छिड़ गई है कि किस तरह से अवैध निर्माण को रोका जाए।
स्थानीय निवासियों की चिंताएँ और प्रशासन की भूमिका
स्थानीय निवासियों ने विशेषकर बुजुर्गों, महिलाओं और बच्चों ने प्रशासन को सूचित किया था कि ऐसे उच्च-फ्रीक्वेंसी टावरों के लगने से उनके स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है और रेडिएशन का खतरा बढ़ सकता है। इस मुद्दे ने प्रशासन को गम्भीरता से संज्ञान लेने के लिए प्रेरित किया।
डीएम सविन बंसल ने इस मामले में तत्काल कार्रवाई की और ADM (वित्त एवं राजस्व) और ईडीएम को निर्देशित किया। उनकी उपस्थिति में प्रशासनिक टीम ने मौके पर जाकर जांच की और नियमों के अनुसार टावरों को सील करने की प्रक्रिया शुरू की। मुख्यमंत्री के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए, प्रशासन ने जनहित को सर्वोपरि रखते हुए यह कार्य किया।
आगे की कार्रवाई और प्रशासन का सख्त संदेश
इस कार्रवाई ने स्पष्ट संदेश दिया है कि देहरादून में आगे कोई भी नियमविरुद्ध निर्माण सहन नहीं किया जाएगा। डीएम सविन बंसल ने सख्त स्वर में कहा, “हमारे जिले में नियमों का उल्लंघन करने वालों का हश्र विध्वंस है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि भविष्य में बिना अनुमति या मानकों की अनदेखी करते हुए किसी तरह के निर्माण किए जाते हैं, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय नागरिकों का विश्वास
इस कड़े कदम के बाद, स्थानीय नागरिकों का प्रशासन के प्रति विश्वास बढ़ा है। उन्होंने कहा कि वे लंबे समय से इस मुद्दे को उठाते आ रहे थे, लेकिन प्रशासनिक कार्रवाई की कमी थी। अब प्रशासन ने त्वरित और प्रभावी कदम उठाकर यह सिद्ध कर दिया है कि सामान्य जनता की भलाई सर्वोपरि है।
निष्कर्ष
उत्तराखंड के देहरादून जिले में मोबाइल टावरों के खिलाफ प्रशासन की यह कार्रवाई स्पष्ट संकेत देती है कि प्रशासन अवैध निर्माण के प्रति कितना गंभीर है। यह कदम न केवल नियमों का पालन सुनिश्चित करता है, बल्कि स्थानीय निवासियों के स्वास्थ्य और सुरक्षा की दृष्टि से भी अत्यधिक महत्वपूर्ण है। ऐसे प्रयासों से यह साबित होता है कि प्रशासन हमेशा जनहित में तत्पर रहने को तैयार है।
कम शब्दों में कहें तो, देहरादून में अवैध मोबाइल टावरों पर की गई कार्रवाई ने प्रशासन की गंभीरता को उजागर किया है। लोगों का स्वास्थ्य और सुरक्षा प्राथमिकता है।
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सादर,
टीम हकीकत क्या है
(सृष्टि शर्मा)
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